अजमेर। हार्डकोर अपराधियों के लिए प्रदेश की एक मात्र अजमेर में बनाई गई जेल में कैद हार्डकोर जेल में नहीं रहना चाहते। करीब एक सप्ताह से कैदी भूख हड़ताल कर रहे हैं। भूखे रहने से 30 से करीब हार्डकोर की तबियत बिगड़ी हुई है। कैदियों को जेएलएन अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया था, मगर कैदी अपनी भूख हड़ताल छोड़ने को तैयार नहीं है। बल्कि अस्पताल में इलाज भी नहीं करवा रहे हैं।
बीती रात अस्पताल में भर्ती हार्डकोर कैदियों ने हंगामा कर दिया। अपनी मांगों को लेकर कैदी नारेबाजी करने लगे। वहीं वार्ड में तोड़फोड़ करने लगे। अस्पताल के चिकित्सकों ने प्रशासन और पुलिस को सूचना दी और इलाज नहीं लेने से कैदियों की तबियत ज्यादा बिगड़ने की जानकारी दी। हार्डकोर के हंगामे की जानकारी मिलते ही प्रशासन और पुलिस के हाथ पैर फूल गए। कुछ ही देर में अस्पताल छावनी में बदल गया।
अस्पताल और कैदियों की सुरक्षा को लेकर जिला कलक्टर गौरव गोयल और एसपी नितिनदीप बलग्गन को भी कैदियों से समझाइश के लिए अस्पताल आना पड़ा। कैदी अपनी मांगो पर अड़े हुए हैं। लिहाजा, प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को अस्पताल में ही आपात बैठक करनी पड़ी। बिगड़ते माहौल को काबू करने के लिए बैठक में अस्पताल में भर्ती कैदियों को वापस हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। साथ ही जेल में ही एक चिकित्सक और नर्सिंग कर्मी की कैदियों के इलाज के लिए ड्यूटी लगा दी गई है। एक हार्डकोर कैदी को ज्यादा तबियत ख़राब होने की वजह से अस्पताल में रखा गया है।
जिला कलक्टर गौरव गोयल की मानें तो कैदियों से लगातार वार्ता की जा रही है। कैदी अपनी मांग पर अड़े हुए और चाहते हैं कि उन्हें सामान्य जेलों में वापस भेज दिया जाए। गोयल ने साफ़ कहा कि कैदियों की जायज मांग मानने के लिए जेल प्रशासन तैयार है, मगर नजायज और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जेल मेनुअल के नियमानुसार ही कार्रवाई होगी। साथ ही इसके लिए उच्च स्तरीय समिति ही समीक्षा कर निर्णय लेगी
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