नई दिल्ली| वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक बार फिर नोटबंदी के फैसले का बचाव किया और कहा कि बड़े नोटों को बंद कर सरकार ने साहसिक फैसला किया है| जीएसटीइनकम टैक्स जैसा नहीं, यह लेनदेन से जुड़ा कर है। इसलिए इसे एक अप्रैल से सितंबर 2017 के बीच किसी भी समय लागू किया जा सकता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहां शनिवार को यह विचार व्यक्त किए। वित्त मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) एक अप्रैल से लागू होगा यह नहीं, इस पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘जीएसटी को लागू करने की संवैधानिक अनिवार्यता 16 सितंबर 2017 तक है। इसे हम जितना जल्दी लागू करेंगे उतना ही यह नई कर प्रणाली के लिए अच्छा होगा।’ वित्त मंत्री ने यह सुझाव भी दिया कि नई व्यवस्था में हर करदाता इकाई का आकलन केवल एक बार होना चाहिए। जेटली उद्योग संगठन फिक्की की सालाना आम बैठक (एजीएम) में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘जीएसटी काउंसिल ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 10 मुद्दों को सुलझा लिया गया है।
उन्होंने कहा कि नए नोट के पूरी तरह से आने की प्रक्रिया में बहुत लंबा समय नहीं लगेगा, आरबीआई बहुत जल्दी इसे पूरा करने में सक्षम हो जाएगी| अगर हम कम समयावधि की असुविधाओं को सहन कर लेते हैं तो दीर्घकालिक लाभ बहुत स्पष्ट है| जेटली ने संकेत दिया कि 15.44 लाख करोड़ रुपये के पुराने अमान्य नोटों के स्थान पर इतनी ही राशि की नई करेंसी जारी नहीं की जाएगी| उन्होंने कहा कि डिजिटल करेंसी अंतर को पूरा करेगी|
जेटली ने कहा कि ग्लोबल इकॉनोमी बदल रही है| अर्थव्यवस्था में तेजी से बदलाव आया है| उभरती हुई आर्थिक शक्तियों में भारत को अलग नजरों से देखा जा रहा है| उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में बहुत सारे बदलाव हुए हैं| भारत में अब फैसले लेने की क्षमता है|
आपको बता दें कि वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी का पास होना बड़ा कदम है| इसे जुड़े 10 अहम कदम उठाए गए| जेटली ने कहा कि आधार को रजिस्टर करवाकर और इसका उपयोग करके हमें बदलाव लाने में मदद मिल रही| उन्होंने कहा कि 16 सितंबर 2017 को टैक्स की मौजूदा व्यवस्था बंद हो जाएगी|
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