जोधपुर। जोधपुर में पुलिस अधिकारी भले ही लाख चौक चौबंद व्यवस्था के दावे करे, लेकिन उसके बावजूद सुरक्षा में चूक तो ही जाती है। आज भी ऐसा ही नजारा देखा गया। इंडियन मुजाहिदीन के आंतकी नेटवर्क को तोड़ने के बाद एटीएस की टीम ने बारह संदिग्ध आंतकियों को दो साल पहले गिरफ्तार कर लिया था। लगातार कोर्ट में हर माह पेशी भी होती है और पुलिस का सख्त पहरा भी लगाया जाता है, लेकिन जवानों की लापरवाही भी देखने को मिल ही जाती है।
आज भी सुनवाई के बाद जब पुलिस की गाड़ी में बैठे संदिग्ध आंतकियों को ले जाने से पहले पुलिस जवान तो खड़े नजर आये, लेकिन संदिग्ध आंतकियों के परिजन बैखौफ होकर उनसे बातचीत करते रहे, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से हटाने की जहमत तक नहीं की और जब लेकर रवाना हुये थे, परिजन भी गाड़ी के साथ साथ चलते रहे। पुलिस सब कुछ मूक दर्शक बनकर देखती रही।
इतने बड़े मामले के बावजूद भी पुलिस मामले की गंभीरता को नहीं समझ रही है। अधिकारियों द्वारा कई बार निर्देश भी दिये जाते हैं, लेकिन वहां सुरक्षा में खड़े जवानों को इसकी कतई परवाह नहीं है। तभी तो सुरक्षा में चूक नजर आती है। पूर्व में भी एक मामले में कोर्ट परिसर में ही हवाई फायर कर कुछ आरोपियों को भगाने की घटना हो चुकी है। आनन्द पाल जैसा गेंगस्टर आज भी पुलिस की नजरों से दूर है। उसके बावजूद पुलिस की कोताही देखने को मिल रही है। बडा सवाल यही है कि आखिर कब पुलिस के जवान मुश्तैदी से ड्युटी करेंगे, जिससे अपराधियों में खौफ नजर आयेगा।
इंडियन मुजाहिद्दीन के आंतकी नेटवर्क को तोडने के मामले में जोधपुर की एडीजे संख्या तीन में आज सुनवाई हुई। पीठासीन अधिकारी जे पीएन पुरोहित ने सुनवाई करते हुए निर्देश दिये हैं कि अब इस मामले में दस संदिग्ध आंतकियों को लेकर पेश की गई चार्जशीट पर ही चार्ज बहस होगी। वहीं पूरक चार्जशीट पर बहस चार्ज कमीट होने के बाद ही चार्ज बहस होगी।
गज्ञैरतलब है कि इस मामले में दस संदिग्ध आंतकियों के खिलाफ तो चार्ज कमीट हो गया था और हर पेशी पर पेश भी कर रहे हैं, लेकिन जिन दो को बाद में गिरफ्तार किया था, जिसमें आईएम के सरगना तहसीन अख्तर उर्फ मोनू और पाकिस्तानी जिया उर रहमान उर्फ वकास थे। दोनो को केवल एक बार ही पेश किया गया था, उसके बाद कभी जोधपुर नहीं लाया गया। ऐसे में मामले में चार्ज बहस शुरू नहीं हो पा रही थी। आज आखिरकार एडीजे कोर्ट ने दस के खिलाफ पेश की गई चार्ज शीट में 13 फरवरी को चार्ज बहस शुरू करने के निर्देश दिये हैं।