राजस्थान की 30 प्रतिशत आबादी मुंह के कैंसर से प्रभावित, एक्सपर्ट से जानिए लक्षण और इलाज के तरीके

जोधपुर: आपको यह जानकार और सुनकर हैरानी तो जरूर होगी कि मुंह के कैंसर के लिहाज से देश के अंदर राजस्थान तीसरे नम्बर पर आता है. यानि की राजस्थान की 30 प्रतिशत जो आबादी है. वह मुंह के कैंसर से प्रभावित है. आपको बता है कि मुंह का कैंसर केवल गुटका, बीडी, सिगरेट और तम्बाकु से ही नहीं होता बल्कि लम्बे समय तक आपको मुंह किसी प्रकार का अगर छाला रह जाता है. और वह ठीक नही होता तो वह भी धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले सकता है. जिसके चलते भी आप मुंह के कैंसर के शिकार हो सकते है. 

मुंह के अंदर छाले होना यू तो सामान्य बात लगती है, लेकिन कई बार यह समस्या इस कदर बढ जाती है कि कैंसर जैसी घातक बीमारी का कारण बन जाती है. मुंह के छाले यानि की माउथ अल्सर यूं तो एक बहुत ही सामान्य परेशानी है, लेकिन इसे नजर अंदाज करना जानलेवा भी साबित हो सकता है,क्योकि किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है. इसके कई कारण हो सकते है जिनका सही उपचार इनसे मुक्ति दिला सकता है. जोधपुर के जाने माने दंत चिकित्सक डॉ आशिष जोशी की माने तो राजस्थान में 30 प्रतिशत लोग है जो मुंह के कैंसर से प्रभावित है. 

ऐसे में इसका मुख्य कारण तो उनकी गलत आदते है ही कुछ अन्य कारण भी है जिससे मुंह का कैंसर हो सकता है. आशिष जोशी का कहना है कि मुंह के अंदर लम्बे समय तक अगर कोई छाला रह जाता है तो 50 से 60 प्रतिशत तक यह मुनकिन है कि वह कैंसर का रूप ले सकता है. ऐसे में कई लोग यह सोचते है कि उनको किसी प्रकार की कोई आदत नही है तो उनको मुंह का कैंसर कैसे हो सकता है. वही डॉ आशिष के पिता जो कि 43 सालों से दंत चिकित्सक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे है और लोगो को जागरूक करने के लिए विशेष रूप से नि:शुल्क कैंप भी लगाते है ताकि लोगो को इससे बचाया जा सके.

किसी व्यक्ति को बार-बार छाले हो रहे हैं और ठीक भी नहीं होते हैं तो उन्हें ओरल कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. मुंह में लाल या सफेद धब्बे, बोलने या निगलने में दर्द या परेशानी, लगातार आवाज बैठना, मुंह से खून निकलना भी इसके लक्षण हो सकते हैं. ऐसे में अगर मुंह के अंदर कसी प्रकार का छाला या फिर सफेद दाग है जिसपर जलन होती है तो उसको नजर अंदाज नही करे इसका अपने नजदीकी चिकित्सक से ईलाज कराए क्योकि समय रहते इसका ईलाज आपकी जान बचा सकता है. वही डॉ वीडी जोशी ने बकायदा स्वयं द्वारा एक दवाई भी बनाई है जिसके उपयोग से इस समस्या से निजात मिल जाती है.