बाबासाहेब आंबेडकर और समीर वानखेड़े के अपमान‌ के ख़िलाफ़ ऑल इंडिया पैंथर सेना ने मुंबई और औरंगाबाद में किया विरोध प्रर्दश‌न

मुंबई: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी के तौर पर ग़ैर क़ानूनी तौर पर ड्रग्स का कारोबार चलानेवालों की कमर तोड़नेवाले अधिकारी समीर वानखेड़े के नाम से ड्रग तस्कर थर-थर कांपते हैं. एनसीबी के अधिकारी के तौर पर उन्होंने हजारों किलो ड्रग्स बरामद कर उसे नष्ट किया और कई ड्रग माफियाओं को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. 

मगर पिछले कुछ दिनों से ऐसे कर्मठ और ईमानदार अफसर को बदनाम करने की कोशिशें भी कम नहीं हो रहीं हैं. उनके अपने डिपार्टमेंट के लोग ही उनके ख़िलाफ़ उन्हें ग़ैर-ज़िम्मेदार अफ़सर साबित करने पर तुले हुए हैं. एनसीबी के डीआईजी रहे ज्ञानेश्वर सिंह ने जैसे समीर वानखेड़े के खिलाफ़ अभियान ही छेड़ दिया है. ग़ौर करनेवाली बात है कि समीर वानखेड़े को बदनाम करने‌ की साज़िश रचने के आरोपी ज्ञानेश्वर सिंह ने ना सिर्फ़ समीर वानखेड़े को एक अफ़सर के तौर पर अपने कर्तव्य पथ से हटने‌ का आरोप लगाया, बल्कि उन्होंने‌ समीर वानखेड़े के‌ साथ-साथ सबके आराध्य भीमराव बाबासाहेब आंबेडकर का भी अपमान‌ कर डाला.

ज्ञानेश्वर सिंह की इसी हरकत ने दलित समाज को बुरी तरह से आंदोलित कर दिया है. ऐसे में उनके खिलाफ़ जगह-जगह पर धरना और प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है. आज औरंगाबाद के साथ-साथ मुंबई में भी उनके ख़िलाफ़ विशाल मोर्चा निकाला गया.

दलितों और अनुसूचित जाति के हक़ की लड़ाई लड़नेवाली ऑल इंडिया पैंथर सेना ने ज्ञानेश्वर सिंह की इसी बयानबाज़ी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते हुए उन्हें जल्द से जल्द दलित उत्पीड़न ऐक्ट के तहत गिरफ़्तार करने और फ़ौरी तौर पर उन्हें सेवा से बर्खास्त करने की मांग की है.

ऑल इंडिया पैंथर सेना के‌ अध्यक्ष संदेश वाघचौरे ने ज्ञानेश्वर सिंह के दलित विरोधी बयानों और समीर वानखेड़े के बहाने बाबासाहेब आंबेडकर को निशाने पर लेने की बेहूदा कोशिश पर गहरी आपत्ति जताते हुए उन्हें फ़ौरी रूप से सेवा से बेदखल करने की मांग सरकार के सामने रखी है. 

आज मुंबई के आजा़द मैदान में ज्ञानेश्वर सिंह के ख़िलाफ़ निकाले‌ गये विशाल मोर्चे का नेतृत्व कर रहे संदेश वाघचौरे ने कहा कि जब तक ऐसे दलित-विरोधी मानसिकता रखनेवाले अफ़सर को सेवा से बर्खास्त नहीं किया जाता, तब तक ऐसे लोगों को सबक नहीं मिलेगा.

संदेश वाघचौरे ने‌ कहा, "एक सरकारी अफ़सर होने के नाते ज्ञानेश्वर सिंह को इस तरह की बयानबाज़ी से बचना चाहिए था. बाबासाहेब आंबेडकर करोड़ों ग़रीबों, दलितों और हाशिए पर पड़े लोगों के आदर्श और प्रेरणास्रोत रहे हैं. हम बाबासाहेब आंबेडकर और उनके पदचिह्नों पर चलनेवाले समीर वानखेड़े का अपमान करने‌ की इस ओछी हरकत को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने‌ जिस तरह से समीर वानखेड़े के बहाने बाबासाहेब का अपमान किया है, उसपर ऑल इंडिया पैंथर सेना कड़ा विरोध जताती है. यही वजह है कि हमने पहले औरंगाबाद और अब आज़ाद मैदान में ज्ञानेश्वर सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन का आयोजन किया है. जब तक उन्हें सेवा से हटाकर उनके ख़िलाफ़ जांच नहीं की जाती, हम अपना ये आंदोलन जारी रखेंगे."