Diwali 2022: 2000 साल में पहली बार दुर्लभ संयोग में दीपावली, पांच शुभ योगों में की गई लक्ष्मी पूजा रहेगी बहुत ही शुभ

जयपुर: दीपावली सोमवार 24 अक्टूबर को मनाई जायेगी. इस दिन कार्तिक अमावस्या शाम 5.27 के बाद शुरू होगी. शाम को लक्ष्मी पूजा के समय चित्रा नक्षत्र रहेगा और पांच राजयोग बनेंगे. इनके साथ बुध, गुरु, शुक्र और शनि का दुर्लभ संयोग बनेगा. इस तरह ये लक्ष्मी पर्व सुख-समृद्धि देने वाला रहेगा. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 2022 से पहले गुरु-शनि के स्वराशि में रहते हुए दीपावली 10 नवंबर 1844 को मनाई गई थी. इस साल दीपावली सोमवार को होने से सभी के लिए शुभ फल देने वाली रहेगी. सोमवार को आने वाली दीपावली व्यापारियों भी बहुत अच्छी रहेगी. 

24 अक्टूबर को दीपावली के बाद 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होगा. इस वजह से गोवर्धन पूजा 26 को और भाई दूज 27 को रहेगी. ग्रहण की वजह से इस साल दीपोत्सव पांच नहीं छह दिन रहेगा. इस बार दीपावली पर बुध, गुरु, शुक्र और शनि, ये चारों ग्रह अपनी-अपनी राशि में रहेंगे. इस दिन सूर्य नीच का रहेगा. ये भी एक अद्भुत योग है. कार्तिक अमावस्या यानी दीपावली पर पितर देवता अपने पितृ लोक वापस लौट जाते हैं. इस बार दीपावली पर लाइन से चार ग्रह यानी बुध, गुरु, शुक्र और शनि खुद की राशियों में होंगे. इन ग्रहों का संयोग समृद्धि बढ़ाने का संकेत दे रहा है. साथ ही लक्ष्मी पूजा के वक्त बुध-गुरु से दुर्लभ धन योग भी बन रहा है. सितारों की ऐसी स्थिति पिछले 2000 सालों में अब तक नहीं बनी.

अपनी ही राशि में रहेंगे 4 ग्रह:
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार दीपावली पर 1-2 नहीं बल्कि 4 ग्रह अपनी ही राशि में रहेंगे. बुध ग्रह स्वराशि में कन्या में, शुक्र तुला राशि में, शुक्र मकर राशि में और गुरु मीन राशि में रहेगा. इस तरह चार ग्रहों का एक समय में अपनी-अपनी राशि में होना एक दुर्लभ संयोग है. ग्रहों की ऐसी स्थिति पिछले 2000 सालों में अब तक नहीं बनी. इसके चलते इस बार दीपावली पर्व बहुत खास हो गया है.

शुभ चार ग्रहों का योग:
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि बुध इस समय कन्या राशि में रहेगा और इसकी अगली राशि यानी तुला में सूर्य-शुक्र की युति बनेगी, जो आर्थिक उन्नति के योग बनाएगी. शुक्र और बुध के अपनी-अपनी राशि में होने से बिजनेस में सुधार आने की उम्मीद है और देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी. गुरु और बुध के आमने सामने होने से आर्थिक मंदी दूर होगी. दूरसंचार के सेक्टर में मजबूती देखने को मिलेगी. गुरु पर शनि की दृष्टि रहेगी, जिसके चलते चांदी की कीमतों में उछाल आ सकता है.

5 राजयोग: 
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार लक्ष्मी पूजा 24 अक्टूबर की शाम 6 बजे बाद होगी. इस समय मालव्य, शश, गजकेसरी, हर्ष और विमल नाम के राजयोग बन रहे हैं. इन पांच शुभ योगों में की गई लक्ष्मी पूजा बहुत ही शुभ रहेगी. इस दौरान लेन-देन और निवेश करना भी शुभ रहेगा. इसका प्रभाव पूरे साल देखने को मिलेगा. लक्ष्मी पूजा के दौरान चित्रा नक्षत्र रहेगा, जिसके स्वामी मंगल हैं. मंगल के कारण प्रॉपर्टी और इलेक्ट्रॉनिक कारोबार में तेजी आने के योग बन रहे हैं. 

व्यापार में फायदा:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि लक्ष्मी पूजा चित्रा नक्षत्र में होगी. इसके स्वामी मंगल हैं. मंगल के कारण प्रॉपर्टी और इलेक्ट्रॉनिक कारोबार में तेजी आने के योग हैं. व्यापार का कारक बुध भी इस दिन उच्च राशि में रहेगा. इससे बड़े लेन-देन और निवेश के लिए पूरा साल शुभ होगा. बिजनेस में भी फायदा मिलेगा. बृहस्पति और शुक्र के कारण खरीदारी से सुख-समृद्धि बढ़ेगी. शनि के प्रभाव से खरीदी-बिक्री का फायदा लंबे समय तक मिलेगा.

अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि दीपावली पर बुध का अपनी ही राशि में होना शुभ है. इससे देश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव दिखेंगे. शनि भी अपनी ही राशि में होगा. शनि से वित्तीय स्थिति में सुधार होगा. निचले तबके के लोगों को रोजगार के अच्छे मौके मिलेंगे. राष्ट्रीय परियोजनाओं को सफलता मिलेगी. आर्थिक विकास के योग हैं. बृहस्पति से शुभ कामों में विकास होगा. शिक्षा और धार्मिक के विवाद खत्म होने की संभावना है. बड़े प्रशासनिक फैसले हो सकते हैं. अधिकारियों की जिम्मेदारियां बदलेंगी. जिससे रुके हुए बड़े काम पूरे होंगे. प्रशासन पर आम लोगों का भरोसा बढ़ेगा. बुध के उच्च राशि में होने से सब्जियां और दालों के दामों में कमी आ सकती है. खाने की चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी. चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंगफली, दालें और सोयाबीन का उत्पादन बढ़ेगा और इनकी कीमतों से फायदा भी मिलेगा.

पितरों की विदाई का दिन:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि आश्विन मास के कृष्ण पक्ष यानी पितृ पक्ष से लेकर कार्तिक अमावस्या तक पितरों का निवास हमारे घर पर होता है. पितरों के लिए भी दीपावली पर दीप जलाना चाहिए और धूप-ध्यान करना चाहिए. कार्तिक अमावस्या की दोपहर में पितरों के लिए किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दूध का दान करना चाहिए. भोजन कराकर वस्त्र दान करना चाहिए. शाम के समय पितरों का विदाई होती है. उस समय घर में और घर के बाहर दीपों की रोशनी करनी चाहिए.

दीपावली के दिन जरूर करें ये उपाय:
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि दीपावली पर लक्ष्मी जी और गणेश महाराज की पूजा का विधान है. इसके अलावा आप इस दिन हनुमानजी, यमराज, चित्रगुप्त, कुबेर, भैरव, कुलदेवता और अपने पितरों का पूजन भी जरूर करें. वहीं धन की देवी मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु का भी पूजा करें. इसके साथ ही दीपावली पूजा में आप श्रीसूक्त और विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं.

अमावस्या आरंभ- 24 अक्टूबर को शाम 05.27 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त- 25 अक्टूबर को शाम 04.18 बजे

दीपावली पूजा का शुभ मुहूर्त:- 
लक्ष्मी पूजा सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त- शाम 06:54 से रात्रि 08:16 तक
प्रदोष लग्न:- सायं 05:48 से रात्रि 08:22 तक 
वृषलग्न:- सायं 07:02 से रात्रि 08:59 तक

महानिशीथ काल मुहूर्त:-
सिंहलग्न:- मध्यरात्रि 01:32 से अंतरात्रि 03:48 तक

व्यापारिक प्रतिष्ठान पूजन मुहूर्त:-
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 'अभिजित-  प्रातः 11:48 से दोपहर 12:33 तक 
धनु लग्न मुहूर्त्त- धनु लग्न- प्रात: 10:47 से देपहर 12:52 तक
मकर लग्न- दोपहर 12:53 से दोपहर 2:35 तक
कुम्भ लग्न- दोपहर 2:36 से दोपहर 4:4 तक

गृहस्थों के लिए पूजन मुहूर्त:-
लक्ष्मी पूजा सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त- शाम 06:54 से रात्रि 08:16 तक
प्रदोष लग्न:- सायं 05:48 से रात्रि 08:22 तक 
वृषलग्न:- सायं 07:02 से रात्रि 08:59 तक

दिवाकाल का श्रेष्ठ समय:-
अमृत का चौघड़िया:- प्रातः 06:35 से प्रातः 07:59, 
शुभ का चौघड़िया प्रातः 09:23 से प्रातः 10ः47, 
चर-लाभ-अमृत का चौघड़िया दोपहर 01:35 से सायं 05:47 तक 

रात्रि का श्रेष्ठ समय:- 
चर का चौघड़िया:- सायं 05:47 से सायं 07:23 तक,  
लाभ का चौघड़िया रात्रि 10:35 से मध्यरात्रि 12:11 तक, 
शुभ-अमृत-चर का चौघड़िया मध्यरात्रि 01:47 से अंतरात्रि 04:14 तक

सोमवार को प्रातः 7:30 से 9:00 बजे तक राहुकाल रहेगा.