दिवाली के बाद सूर्य भगवान के उपासना का सबसे बड़ा त्योहार छठ आता है| मंगलवार से चार दिनों तक चलने वाला छठ पर्व नहाय खाय के साथ शुरू हो चुका है| 25 अक्टूबर को खरना, 26 अक्टूबर को सांझ का अर्ध्य और 27 अक्टूबर को सूर्य को सुबह का अर्ध्य के साथ ये त्यौहार संपन्न होगा| नहाय खाय के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत हो जाती है| चार दिन तक चलने वाले इस आस्था के महापर्व को मन्नतों का पर्व भी कहा जाता है|
इसके महत्व का इसी बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि इसमें किसी गलती के लिए कोई जगह नहीं होती| इसलिए शुद्धता और सफाई के साथ तन और मन से भी इस पर्व में जबरदस्त शुद्धता का ख्याल रखा जाता है| पहले दिन मंगलवार की गणेश चतुर्थी है| पहले दिन सूर्य का रवियोग भी है| ऐसा महासंयोग 34 साल बाद बन रहा है| रवियोग में छठ की विधि विधान शुरू करने से सूर्य हर कठिन मनोकामना भी पूरी करते हैं| ऐसे महासंयोग में यदि सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हवन किया जाए तो आयु बढ़ती है|