Jaisalmer News: तनोट वितरिका की रेत निकाल रहे बुलडोजर ने तोड़ी नहर, सीजन में पानी मिलने पर संदेह

जैसलमेर: रामगढ़ की नहरों से शील्ट निकालने के ठेके अपने चहेतों और रिश्तेदारों को दिलाने की चाहत में नहरी अधिकारियों ने किसानों के समक्ष बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है. हाल ही में नहरों से शील्ट निकालने के हुए ठेकों में जमकर धांधली हुई है. कहने को तो सभी विज्ञप्ति ऑनलाइन ली जाती है लेकिन उसमें भी नहरी अधिकारी हस्तक्षेप करते नजर आते हैं और अपने चहेतों को ठेका दिलाने में जी जान से जुट जाते हैं. 

इसके बाद मलाई बांटने का काम शुरू होता है. नहरी अधिकारियों के चहेते ठेकेदार पहले तो कम रेट में ठेका लेते हैं और बाद में नहरों से रेत निकालने की खानापूर्ति कर मिलीभगत से राशि उठाकर बंदरबांट कर सरकार को चूना लगाते हैं. ऐसे ही एक चहेते ठेकेदार ने तनोट वितरिका की शील्ट निकालने का ठेका लिया था. तनोट वितरिका की रेत जल्दी और कम समय में निकालकर ज्यादा मुनाफा कमाने के उद्देश्य से ठेकेदार ने नहर में बुलडोजर उतार दिया. बुलडोजर ने रेत तो निकाली लेकिन साथ में नहर को क्षतिग्रस्त कर दिया.

ठेकेदार तीन साल से भुगतान के लिए काट रहे चक्कर: 
नहरी विभाग में नहरों से रेत निकालने के नाम पर सरकार को चूना लगाने का काम लंबे समय से चल रहा है. नहरी क्षेत्र में आज भी ऐसी कई नहरें हैं जिनकी आज तक शील्ट नहीं निकाली गई और नहरी अधिकारियों द्वारा उन नहरों की शील्ट निकालने के नाम पर चहेते ठेकेदारों को लाखों का भुगतान करने की आशंका से नकारा नहीं जा सकता. कुछ ऐसे ठेकेदार है जो पिछले तीन वर्षों से अपने भुगतान का इंतजार कर रहे हैं.

सिंचाई को लेकर चिंतित किसान: 
किसानों ने बताया कि तनोट वितरिका की 35 आरडी से 42 आरडी तक नहर को पूरी तरह से तोड़ दिया गया है. जो नहर पहले पक्की बनी हुई थी वो अब कच्ची नहर में तब्दील हो गई है. ऐसे में अब तनोट वितरिका के हजारों किसान अपनी बारी पिटने की आशंका के चलते खासे चिंतित नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि नहर तोड़ने वाले ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई कर उसी ठेकेदार से नहर को हुए नुकसान की भरपाई करवाकर उसकी फर्म को ब्लेकलिस्ट किया जाए.