राष्ट्रपति बाइडन ने सुरक्षा परिषद में भारत, जापान और जर्मनी की स्थाई सदस्यता का किया समर्थन

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत, जापान और जर्मनी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का स्थाई सदस्य बनाए जाने का समर्थन किया है. बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बुधवार को कहा कि अभी इस दिशा में बहुत काम किया जाना बाकी है. उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि हम पहले भी यह मानते थे और आज भी इस बात को मानते हैं कि भारत, जापान और जर्मनी को सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनाया जाना चाहिए.

चार्टर की रक्षा करनी चाहिए और वीटो से बचना चाहिए:
इससे पहले, राष्ट्रपति बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में अपने संबोधन में सुरक्षा परिषद में सुधार की बात दोहराई. बाइडन ने कहा कि उनका मानना है कि वक्त आ गया है, जब संस्था को और समावेशी बनाया जाए, ताकि यह आज के युग की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर सके. उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्य, जिनमें अमेरिका भी शामिल है, उन्हें संयुक्त राष्ट्र चार्टर की रक्षा करनी चाहिए और वीटो से बचना चाहिए.

सदस्यता की मांग का हम लंबे समय से समर्थन करते आ रहे:
बाइडन ने कहा कि वीटो सिर्फ विशेष अथवा विषम परिस्थितियों में ही होना चाहिए, ताकि परिषद की विश्वसनीयता और उसका प्रभाव बना रहे. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि अमेरिका सुरक्षा परिषद में स्थाई और अस्थायी, दोनों तरह के सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर जोर देता है. इनमें वे देश भी शामिल हैं, जिनकी स्थाई सदस्यता की मांग का हम लंबे समय से समर्थन करते आ रहे हैं. सोर्स-भाषा