Kanya Rashifal 2023: नया साल कन्या राशि वालों के लिए कैसा रहेगा, जानिए करियर-आर्थिक स्थिति व प्रेम-रोमांस का हाल

जयपुर: नया साल 2023 आपके जीवन में अपार खुशियां लेकर आएं. नव वर्ष में आपके मन में अनेक प्रश्न उठ रहे होंगे यथा यह साल मेरे लिए कैसा रहेगा ? मेरी पदोन्नति होगी या नहीं ? क्या इस साल शादी होगी ? क्या मेरा प्यार मुझे मिलेगा ? क्या संतान सुख मिलेगा ? व्यापार में वृद्धि होगी या नही ? नौकरी लगेगी की नही इत्यादि. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि आइए ग्रहों की स्थिति के आधार पर आपके प्रश्नों के उत्तर जानने का प्रयास करते है. 

कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास ने बताया कि यह भविष्यवाणी चन्द्र राशि, लग्न तथा वैदिक ज्योतिष के आधार पर किया गया है. इस वार्षिक राशिफल को छह अलग-अलग विषयों में बांटकर प्रस्तुत किया जा रहा है. इसमें करियर, आर्थिक स्थिति, परिवार, प्रेम-रोमांस, शिक्षा और स्वास्थ्य शामिल है. आइये भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास से जानते है कि कन्या राशि वालों के लिए नववर्ष 2023 का राशिफल कैसा रहेगा...

कन्या राशि:
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष कन्या राशि के जातकों के लिए शनि देव जी का गोचर वर्ष की शुरुआत में आपके पंचम भाव में रहेगा लेकिन 17 जनवरी 2023 को वह आपके छठे भाव में प्रवेश करेंगे और छठे भाव में शनि देव आपके लिए अनुकूल परिणाम प्रदान करने वाले ग्रह बन जाएंगे. आपकी चुनौतियों और मानसिक तनाव में कमी आएगी. आपकी नौकरी भी अच्छी स्थिति में आ जाएगी. देव गुरु वर्ष की शुरुआत में आपके सप्तम भाव में रहेंगे और आपके दांपत्य जीवन में खुशियां बढ़ाने का काम करेंगे. जीवनसाथी से आप की निकटता बढ़ेगी और आपसी संबंध प्रगाढ़ होंगे. इसके साथ ही व्यापार में भी अच्छी उन्नति के योग बनेंगे. 22 अप्रैल 2023 को गुरु मेष राशि में अष्टम भाव में गोचर करेंगे और पूरे वर्ष आपके अष्टम भाव में बने रहेंगे. अष्टम भाव में राहु के साथ गुरु की युति होगी और विशेष रूप से मई के महीने में गुरु-चांडाल दोष का प्रभाव भी देखने को मिलेगा. यह स्थिति आपके लिए अनुकूल नहीं रहेगी जिससे धन हानि होने के योग बनेंगे. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की हानि भी हो सकती है. सेहत से जुड़ी समस्याओं में बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि यह समय आपकी आध्यात्मिक सोच में वृद्धि करेगा. आप धर्म-कर्म के कामों में ज्यादा रुचि लेने लगेंगे. 30 अक्टूबर को जब राहु आपके सप्तम भाव में आएंगे और अकेले बृहस्पति अष्टम भाव में रहेंगे तो आपकी धार्मिक और आध्यात्मिक प्रगति के योग बनेंगे. ससुराल पक्ष से अच्छे संबंधों का लाभ होगा.

करियर:
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वर्ष के शुरुआत में शनि का कुंभ राशि में गोचर आपके करियर के मामले में अच्छा साबित होगा. प्रतिस्पर्धा में आपको विजय मिलेगी. व्यापारी वर्ग के लिए वर्ष की शुरुआत बहुत बढ़िया रहेगी और आप इसको आगे बढ़ाते जाएंगे ,राशि से सप्तम भाव में स्वग्रही बृहस्पति अप्रैल तक कुछ नया करने में आपके लिए सहायक होंगे ,उसमे लाभ प्राप्त होगा. कुछ नए संपर्कों से आपको लाभ मिलेगा. राहु और केतु इसमें आपके लिए सहायक होंगे या संपर्क बाहर विदेश से भी हो सकते हैं. इन संपर्कों से व्यापार में उन्नति होगी. मई महीने के बाद व्यापार में नया सम्पर्क बनेगा. आपको विदेशी संपर्कों से भी लाभ होगा और व्यापार में बढ़ोतरी के योग बनेंगे. नौकरीपेशा लोगों का मनचाही जगह पर इस वर्ष स्थानांतरण हो सकता है. यह समय नौकरी बदलने का भी हो सकता है. नई और अद्भुत संभावनाओं की ओर बढ़ना आपके लिए अच्छा रहेगा. पंचम भाव में शनि की स्थिति कुछ मामलों में सुधार के संकेत दे रही है. शनि की वजह से आप परेशानी में पड़ सकते हैं. कार्यस्थल पर आपको आरोप-प्रत्यारोप का सामना करना पड़ सकता है. आपको किसी ओर से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. अगर बॉस महिला है तो आपको अधिक संभलकर काम करने की जरूरत है.

आर्थिक स्थिति: 
कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास ने बताया कि आर्थिक जीवन में इस वर्ष कुछ सुधार की संभावना देखी जा रही है वैसे कन्या राशि के जातकों का आमदनी का स्तर हमेशा घटता बढ़ता रहता है . इस वर्ष आमदनी में कुछ नया इजाफा हो सकता है जो लोग शेयर मार्केट आदि बाजार में निवेश करते हैं उनके लिए यह वर्ष अच्छा साबित होगा किसी पारिवारिक मामले के हल होने से आर्थिक लाभ की स्थिति नजर आ रही है. यदि आप कोई निवेश करना चाहें तो उसके लिए यह समय उत्तम रहेगा क्योंकि उसके बाद जब देव गुरु बृहस्पति राहु के साथ अष्टम भाव में गोचर करेंगे तो अक्टूबर के अंत तक का समय चुनौतीपूर्ण रहेगा. आपको वित्तीय मामलों में परेशानी का सामना करना पड़ेगा. यदि आप शेयर बाजार, सट्टेबाजी, लॉटरी, आदि के मामलों में पड़े हैं तो यह समय आपको नुकसान दे सकता है और आप वित्तीय रूप से कमजोर महसूस कर सकते हैं लेकिन अक्टूबर के बाद नवंबर - दिसंबर के महीने आपको अच्छी सफलता दिलाएंगे और आप वित्तीय मामलों में कुछ अच्छा ही प्राप्त कर पाएंगे.

परिवार: 
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि वर्ष 2023 पारिवारिक दृष्टिकोण से मिले जुले प्रभाव प्राप्त हुए हैं. इस वर्ष की शुरुआत आपके परिवार के लिए काफी अच्छी रहेगी, क्योंकि आपके देव गुरु बृहस्पति जो कि चतुर्थ और सप्तम भाव के स्वामी हैं वह 22 अप्रैल तक सप्तम भाव में ही विराजमान रहेंगे. आपकी माता के साथ आपके संबंध मधुरता की तरफ इशारा कर रहे हैं, हालांकि इस अवधि में आपकी माता की वजह से आपकी शादीशुदा जिंदगी में थोड़ा उतार-चढ़ाव जरूर रह सकता है. परंतु माता के भाव शुद्ध रहेंगे. 22 अप्रैल के बाद देव गुरु बृहस्पति आपके अष्टम भाव में गोचर करेंगे, जिसके फल स्वरूप माता के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है. खास तौर पर 22 अप्रैल से 30 अक्टूबर तक अपनी माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा, क्योंकि इस अवधि में उन्हें पेट संबंधित समस्या आ सकती है. अचानक कोई बड़ी समस्या उन्हें घेर सकती है. इसलिए आपको उनका ध्यान रखना होगा.

प्रेम-रोमांस: 
कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास ने बताया कि कन्या राशि के जातकों को इस वर्ष प्रेम जीवन में अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है. साल की शुरुआत में आपको थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है. जनवरी का महीना आपके प्रेम जीवन के प्रति थोड़ा शत्रुतापूर्ण रहने की संभावना जता रहा है. अपने प्रिय से किसी बात को लेकर बड़ा विवाद होने की संभावना है. अपने प्रिय से शांति से बात करने से विवाद खत्म होगा. वहीं 17 जनवरी के बाद जब शनि छठे भाव में आ जाएंगे तो छोटी-छोटी बातों को लेकर तनाव बढ़ेगा. आपके प्रियतम किसी कारणवश कुछ समय के लिए आपसे दूर भी जा सकते हैं लेकिन यदि आप अपने रिश्ते को संभाल कर रखना चाहते हैं तो उसके लिए आपको अपने अंदर भी कुछ बदलाव करने होंगे जिससे आपका प्रियतम आपसे नाराज ना हो. इस वर्ष विशेष रूप से जनवरी, अप्रैल, अगस्त से सितंबर और दिसंबर के महीनों के दौरान आपका प्यार बढ़ेगा. रिश्ते में रोमांस के योग बनेंगे और आप और आपके प्रियतम एक दूसरे के निकट आएंगे. जनवरी से अप्रैल के बीच आप यदि शादी का प्रस्ताव रखते हैं तो आपके विवाह के योग भी बन सकते हैं.

शिक्षा:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष आपको शिक्षा के क्षेत्र में सामान्य परिणाम मिलेंगे. प्रारंभिक अवस्था में आपको अपनी शिक्षा के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता हो सकती है. फरवरी में मंगल का गोचर आपके पंचम भाव को प्रभावित करेगा, जिसका अधिकांश प्रभाव परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों पर पड़ सकता है. आपको अपने प्रयासों का प्रतिफल मिलेगा, इसलिए केवल शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें. जरूरत पड़ने पर आप अपने शिक्षकों और घर के बुजुर्गों की मदद भी ले सकते हैं. जब शनि महाराज का गोचर आपके छठे भाव में होगा तो वह आपकी सफलता के द्वार खोल देंगे. आप खूब मेहनत करेंगे और उस मेहनत के प्रतिफल के रूप में आपको प्रतियोगिता परीक्षा में उत्तम अंकों के साथ सफलता मिलने के योग बनेंगे इसलिए अपनी मेहनत को जारी रखते हुए सही दिशा में आगे बढ़ाएं, जिससे आपको सफलता मिल सके. उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह वर्ष उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा. अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर के दौरान आपको अच्छी सफलता मिल सकती है और पढ़ाई के लिए विदेश जाने के योग भी बन सकते हैं.

स्वास्थ्य: 
कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास ने बताया कि इस पूरे वर्ष आपको अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए. वर्ष की शुरुआत तो ठीक होगी लेकिन राहु के अष्टम भाव में होने से उतार-चढ़ाव बना रहेगा फिर 17 जनवरी को शनि आपके छठे भाव में आएंगे और वहां से आपके आठवें और बारहवें तथा तीसरे भाव को देखेंगे और सेहत में थोड़ा सा सुधार लेकर आएंगे. लेकिन 22 अप्रैल को बृहस्पति राहु के साथ अष्टम भाव में आ जाएंगे और उस समय सूर्य भी वहीं पर उपस्थित होंगे इसलिए अप्रैल से मई के बीच का समय स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के लिए बहुत ज्यादा परेशानी जनक हो सकता है. आपने यदि अपना ध्यान नहीं रखा तो आपको बहुत ज्यादा परेशानी उठानी पड़ सकती है. इसके बाद जब मई में सूर्य का गोचर वृषभ राशि में होगा तो स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार तो आएगा लेकिन बृहस्पति और राहु का गठबंधन अष्टम भाव में बना रहेगा और शनि की उस पर दृष्टि होगी इसलिए आपको अपनी दिनचर्या में सुधार बनाए रखना होगा और सेहत के प्रति लापरवाही बरतने से बचना होगा, तभी आप इस पूरे वर्ष अच्छे स्वास्थ्य का लाभ उठा पाएंगे, अन्यथा यह वर्ष स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से कमजोर ही रहेगा.

ज्योतिष उपाय:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि भगवान गणपति को दूर्वा अर्पित करके करें साथ ही आप  गौशाला में हरे चारे की व्यवस्था कराएं . अपने बड़े-बुजुर्गों, गुरुओं का आशीर्वाद लें. दुर्गा चालीसा का पाठ करें. माता के मंदिर में जाकर माता रानी को लाल फूल और लाल फल अर्पित करें.