G20 summit 22:PM मोदी, राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत-अमेरिका संबंधों की समीक्षा की, वैश्विक एवं क्षेत्रीय घटनाक्रम पर भी हुई चर्चा

बाली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उभरती प्रौद्योगिकियों तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित अन्य क्षेत्रों में भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की स्थिति की मंगलवार को समीक्षा की.

एक अन्य बैठक में, प्रधानमंत्री ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ भी चर्चा की. समझा जाता है कि इंडोनिशिया के बाली शहर में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर अपनी बैठक के दौरान मोदी और बाइडन ने रूस-यूक्रेन युद्ध और उसके प्रभावों के बारे में भी चर्चा की.

भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की:
विदेश मंत्रालय के बयान में हालांकि सिर्फ यह कहा गया है कि दोनों नेताओं ने अपनी बैठक के दौरान मौजूदा वैश्विक एवं क्षेत्रीय घटनाक्रम पर चर्चा की. बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जोसेफ आर. बाइडन ने बाली में जी-20 नेताओं की शिखर बैठक से इतर मुलाकात की. यान में कहा गया है, दोनों नेताओं ने उभरती प्रौद्योगिकियों, एडवांस्ड कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में प्रगाढ़ होते सहयोग सहित भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की.

सम्मेलन के बाद भारत जी-20 की अध्यक्षता करेगा:
विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में निरंतर सहयोग करने के लिए राष्ट्रपति बाइडन का शुक्रिया अदा किया. बयान में कहा गया है, उन्होंने विश्वास जताया कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान दोनों देश करीबी समन्वय जारी रखेंगे. डोनेशियाई और अमेरिकी नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकों पर, विदेश मंत्रालय के अनुसार मोदी ने कहा कि भारत जी-20 की अपनी अध्यक्षता के दौरान अन्य विकासशील देशों को आवाज देगा. बाली शिखर सम्मेलन के बाद भारत जी-20 की अध्यक्षता करेगा.

जी-20 के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता को जताना था:
व्हाइट हाउस के एक बयान में कहा गया है कि बाइडन ने मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के शीर्ष मंच के तौर पर जी-20 के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता को जताना था. बयान में कहा गया है, महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए, नेताओं ने सतत एवं समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से बड़ी अर्थव्यस्थाओं को साथ लाने में जी-20 की सामूहिक क्षमता प्रदर्शित करने पर भी चर्चा की. साथ ही, उन्होंने जलवायु, ऊर्जा और खाद्य संकट तथा प्रौद्योगिकी परिवर्तन को बढ़ावा देने पर चर्चा की.

जी-20 के कार्य का समर्थन जारी रखने को लेकर उत्सुक:
बयान में कहा गया है कि बाइडन ने जी-20 की अध्यक्षता के लिए इंडोनेशिया की सराहना की और वह भारत की अध्यक्षता के तहत जी-20 के कार्य का समर्थन जारी रखने को लेकर उत्सुक हैं. विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने ‘क्वाड’ और ‘आई2यू2’ जैसे नये समूहों में भारत तथा अमेरिका के करीबी सहयोग पर संतोष जताया. ज्ञात हो कि क्वाड समूह के सदस्य देश भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान हैं, जबकि आई2यू2 समूह में भारत, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और इजराइल शामिल हैं.

करीबी सहयोग बनाये रखने पर सहमति जतायी:
इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मोदी-बाइडन मुलाकात को ‘उपयोगी’ बताया. बागची ने एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच जी-20 शिखर बैठक से इतर उपयोगी चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को प्रगाढ़ बनाने तथा क्वाड, आई2यू2 जैसे समूहों में करीबी सहयोग जारी रखने की सराहना की. दोनों ने जी-20 के दौरान करीबी सहयोग बनाये रखने पर सहमति जतायी.

जी-20 तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति पर चर्चा की थी:
मोदी और बाइडन के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब कुछ ही दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन के साथ कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में आसियान शिखर बैठक से इतर मुलाकात की थी. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मुद्दों, रूस-यूक्रेन युद्ध, ऊर्जा, जी-20 तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति पर चर्चा की थी. फरवरी में यूक्रेन संकट शुरू होने के बाद से, मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, दोनों से कई बार टेलीफोन पर बातचीत की है.

भारत शांति के किसी भी प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार:
मोदी ने चार अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत में कहा था कि यूक्रेन संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता और भारत शांति के किसी भी प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार है. उज्बेकिस्तान के समरकंद शहर में 16 सितंबर को पुतिन के साथ बैठक में, मोदी ने रूसी राष्ट्रपति को यह कहते हुए यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए प्रेरित किया था कि आज का युग युद्ध का नहीं है. पिछले कुछ महीनों में, भारत ने रूस से रियायती कच्चे तेल का आयात बढ़ाया है. सोर्स-भाषा