साल 2024 में लगेंगे कुल 4 ग्रहण, 2 चंद्र ग्रहण और 2 सूर्य ग्रहण दिखेगा अद्भुत नजारा, जानिए क्या रहेगा असर?

जयपुर: नए साल में चार ग्रहण होंगे. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य एवं चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है. इस दौरान शुभ कार्य और पूजा-पाठ करने की मनाही होती है. लापरवाही करने या बरतने से शारीरिक और मानसिक सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि साल 2024 में भी चार ग्रहण देखने को मिलेंगे.  इनमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे. साल 2024 में पहला चंद्र ग्रहण सोमवार 25 मार्च को लगने जा रहा है. वहीं, दूसरा चंद्र ग्रहण  बुधवार 18 सितंबर को लगेगा. इसके अलावा, पहला सूर्य ग्रहण सोमवार 8 अप्रैल  और दूसरा सूर्य ग्रहण  बुधवार 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है. विशेष बात यह है कि दोनों ग्रहण के दिन समान ही हैं. यानी कि पहला चंद्र और सूर्य ग्रहण सोमवार को हैं. वहीं दूसरा चंद्र और सूर्य ग्रहण बुधवार को हैं. 

ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2024 में चार ग्रहण लगेंगे. पहला चंद्र ग्रहण सोमवार 25 मार्च को लगने जा रहा है. वहीं  दूसरा चंद्र ग्रहण  बुधवार 18 सितंबर को लगेगा. इसके अलावा पहला सूर्य ग्रहण सोमवार 8 अप्रैल और दूसरा सूर्य ग्रहण  बुधवार 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है.

साल 2024 में 4 ग्रहण
ज्योतिषीय गणना के अनुसार साल 2024 में कुल मिलाकर 4 ग्रहण लगेंगे. दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे. 

8 अप्रैल को पहला सूर्य ग्रहण
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगेगा. लेकिन भारत में नहीं दिखेगा. इसलिए इसका धार्मिक महत्व भी नहीं होगा. अतः सूतक मान्य नहीं होगा.  सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका में ही दिखाई देगा. 

सूर्य ग्रहण समय: 8 अप्रैल की रात्रि 09:12 मिनट से  मध्य रात्रि 01:25 मिनट पर समाप्त होगा

सूर्य ग्रहण की कुल अवधि:  4 घंटे 25 मिनट 

2 अक्टूबर को दूसरा सूर्य ग्रहण
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को होगा. यह भी भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. साल का आखिरी सूर्य ग्रहण एक वलयाकार ग्रहण होगा. यह तब होता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा हो, लेकिन इसकी दूरी धरती से दूर हो. धरती से दूर होने के कारण चंद्रमा छोटा दिखता है. इस कारण यह इतना बड़ा नहीं होता कि पूरे सूर्य की किरणों को रोक ले. इस वजह इसके चारों ओर एक रिंग जैसी आकृति दिखाई देती है. इस सूर्य ग्रहण का ज्यादातर पथ प्रशांत में होगा. दक्षिण अफ्रीका के चिली और अर्जेंटीना में यह एकदम साफ दिखेगा.
सूर्य ग्रहण समय:  2 अक्टूबर की रात्रि 09:13 मिनट से मध्य रात्रि 03:17 मिनट पर समाप्त होगा 
सूर्य ग्रहण की कुल अवधि: 6 घंटे 04 मिनट 

25 मार्च को पहला चंद्र ग्रहण
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि नए साल का पहला चंद्र ग्रहण होगा, जो 25 मार्च 2024 को लगेगा. यह ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा और इसका भी सूतक काल मान्य नहीं होगा. इस दौरान चंद्रमा केवल पृथ्वी की छाया के बाहरी किनारों से होकर गुजरता है. इस दौरान ग्रहण काफी कमजोर होगा, जिस कारण इसे पूर्ण या आंशिक ग्रहण की तुलना में नग्न आंखों से देखना कठिन हो जाता है. चंद्रमा गहरी छाया में प्रवेश नहीं करता. यूरोप, उत्तर-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया के बड़े हिस्से, अफ्रीका के कुछ हिस्से उत्तर और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा. इसके अतिरिक्त प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका में भी दिखेगा.
चंद्र ग्रहण समय:  प्रातः काल 10: 23 मिनट से लेकर दोपहर 03: 02 मिनट तक है
चंद्र ग्रहण की कुल अवधि: 04 घंटे 36 मिनट तक

18 सितंबर को आखिरी चंद्र ग्रहण
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 18 सितंबर 2024 में होगा. ये आंशिक चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. ए यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में भी यह दिखेगा. इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा का एक छोटा हिस्सा ही गहरी छाया में प्रवेश करेगा.
द्वितीय चंद्र ग्रहण समय: प्रातः काल 06:12 मिनट से लेकर 10:17 मिनट तक है
द्वितीय चंद्र ग्रहण की कुल अवधि: 04 घंटे 04 मिनट तक

प्राकृतिक आपदाओं की आशंका
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि चार ग्रहणों की वजह से प्राकृतिक आपदाओं का समय से ज्यादा प्रकोप देखने को मिलेगा. इसमें भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटनाएं का संकेत मिल रहे हैं. प्राकृतिक आपदा में जनहानि कम ही होने की संभावना है. फिल्म एवं राजनीति से दुखद समाचार. व्यापार में तेजी आएगी. बीमारियों में कमी आएगी. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. आय में इजाफा होगा. वायुयान दुर्घटना होने की संभावना. पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे. सत्ता संगठन में बदलाव होंगे. पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा. आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती है.