77 साल बाद मकर संक्रांति पर बन रहा है दुर्लभ योग, रवि योग और वारियांन योग में 15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति

जयपुरः हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है. इस दिन स्नान दान का विशेष महत्व है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य एक निश्चित अवधि के बाद राशि परिवर्तन करते हैं. ऐसे में इसे संक्रांति कहा जाता है. सूर्य 15 जनवरी 2024 को मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं. सूर्य के मकर राशि राशि में प्रवेश करने से मकर संक्रांति कहा जाता है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहों के राजा सूर्य 14 जनवरी 2024 की अर्धरात्रि 02:42 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे. उदया तिथि 15 जनवरी को प्राप्त हो रही है। ऐसे में मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी. इस साल की मकर संक्रांति काफी खास है, क्योंकि इस साल 77 सालों बाद रवि के साथ वरियान योग बन रहा है. इसके साथ ही 5 साल के बाद सोमवार पड़ रहा है. मकर संक्रांति के दिन ऐसा योग बनने से कुछ राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है. ऐसे में सूर्यास्त के बाद राशि परिवर्तन करने से इस साल मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को रहेगा. इस वर्ष मकर संक्रांति अश्व पर बैठकर आएगी यानी उनका वाहन अश्व और उपवाहन सिंह होगा. मकर संक्रांति के आगमन के साथ ही एक माह का खरमास भी समाप्त हो जाएगा.

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि मकर संक्रांति पर वरीयान योग 14 जनवरी को रात 2:40 मिनट से लेकर 15 जनवरी की रात 11:10 मिनट तक है. इसके साथ ही सुबह 10:22 मिनट से लेकर 15 जनवरी को सुबह 07:15 मिनट रवि योग है. इसके साथ ही शाम 06:27 मिनट से वणिज करण भी लग रहा है. इसके साथ ही शुक्र अपनी उच्च राशि में विराजमान रहेंगे और कुंभ अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ और गुरु अपनी स्वराशि मेष राशि में विराजमान है. नए साल का सबसे पहला पर्व मकर सक्रांति होता है. मकर संक्रांति हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार माना जाता है. वैसे तो मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है लेकिन साल 2024 में मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी.

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि मकर संक्रांति पर सुबह जल्दी उठकर सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए, कुछ देर सूर्य की रोशनी में बैठना चाहिए. ऐसा करने से धर्म लाभ के साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं. ठंड के दिनों में सूर्य की रोशनी में बैठने से विटामिन डी मिलता है. ठंड का विपरीत असर हम पर नहीं होता है. इसी वजह से संक्रांति पर पतंग उड़ाने की भी परंपरा है, ताकि पतंग उड़ाने के बहाने में सूर्य की रोशनी में रह सके. मकर संक्रांति पर गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा, गोदावरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व काफी अधिक है. स्नान के बाद सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए. जो लोग नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए.

कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि संक्रांति पर जरूरतमंद लोगों गर्म कपड़ों का दान जरूर करें, क्योंकि अभी ठंड का समय चल रहा है और इन दिनों में गर्म कपड़ों का दान करने से जरूरतमंद लोगों की मदद हो जाएगी. अगर नए कपड़ों का दान नहीं कर सकते हैं तो पुराने कपड़ों का दान भी कर सकते हैं. साथ ही कंबल का दान भी करें. तिल-गुड़ के लड्डू खाएं और दान करें. ठंड में ऐसी चीजें खानी चाहिए, जिनसे शरीर को गर्मी मिलती है. इन दिनों में तिल-गुड़ का सेवन करें, क्योंकि इनकी तासीर गर्म होती है. भगवान को तिल-गुड़ के लड्डू का भोग लगाएं और दान भी करें. मकर संक्रांति पर पितरों के लिए धूप-ध्यान जरूर करें. दोपहर में गाय के गोबर से बना कंडा जलाएं और अंगारों पर पितरों का ध्यान करते हुए घी-गुड़ अर्पित करें. हथेली में जल लेकर अंगूठे की ओर से पितरों को चढ़ाएं. 

रवि योग और वारियांन योगः
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस साल मकर संक्रांति पौष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 15 जनवरी को रवि योग, शतभिषा नक्षत्र में मनाई जाएगी। इस दिन वारियांन योग पूरे दिन रहेगा. मकर संक्रांति पर वरीयान योग 14 जनवरी को रात 2:40 मिनट से लेकर 15 जनवरी की रात 11:10 मिनट तक है. इसके साथ ही सुबह 10:22 मिनट से लेकर 15 जनवरी को सुबह 07:15 मिनट रवि योग है. इसके साथ ही शाम 06:27 मिनट से वणिज करण भी लग रहा है. इसके साथ ही शुक्र अपनी उच्च राशि में विराजमान रहेंगे और शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ और गुरु अपनी स्वराशि मेष राशि में विराजमान है.  

मकर संक्रांति शुभ मुहूर्तः
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि मकर संक्रांति का महा पुण्य काल सुबह 07:15 मिनट से सुबह 09:00 बजे तक है. इस समय में आपको मकर संक्रांति का स्नान और दान करना चाहिए. उस दिन महा पुण्य काल 1 घंटा 45 मिनट तक है. हालांकि पुण्य काल में भी मकर संक्रांति का स्नान दान होगा.
मकर संक्रांति पुण्यकाल - प्रातः 07:15 मिनट से सायं 06: 21 मिनट तक
मकर संक्रांति महा पुण्यकाल -प्रातः  07:15 मिनट से प्रातः 09: 00 मिनट तक

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास से जानते हैं सूर्य के मकर  राशि में जाने पर सभी राशियों पर क्या होगा प्रभाव.

मेष राशि
सूर्य के इस गोचर से करियर में आपको अपनी मेहनत का फल जरूर मिलेगा. आप काफी आगे बढ़ेंगे, साथ ही इस दौरान आपके पिता की भी तरक्की सुनिश्चित होगी. 

वृष राशि
आप अपने काम में जितनी मेहनत करेंगे, उसका शुभ फल आपको अवश्य ही मिलेगा, साथ ही धार्मिक कार्यों में भी आपकी रुचि बढ़ेगी.  

मिथुन राशि
सूर्य के गोचर से आपकी आयु में वृद्धि होगी और आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा.  

कर्क राशि
सूर्य के गोचर से जीवनसाथी के साथ आपका तालमेल ठीक बना रहेगा और आपका वैवाहिक जीवन खुशहाल रहेगा. 

सिंह राशि
सूर्य के गोचर से मित्रों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने के लिये आपको अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है. किसी दोस्त से आपकी कहासुनी भी हो सकती है.

कन्या राशि
सूर्य के इस गोचर से आपको इस दौरान अपने गुरु से बनाकर रखनी चाहिए. आपकी कही कोई बात उन्हें बुरी लग सकती है, इसलिए कोई भी बात संभलकर करें और अपना विवेक बनाये रखें. 

तुला राशि
सूर्य के इस गोचर से आपको अपने कार्यों में माता से पूरा सहयोग मिलेगा. वो आपके हर कदम में आपका साथ देंगी, भूमि-भवन और वाहन का सुख मिलने की भी पूरी उम्मीद है. 

वृश्चिक राशि
सूर्य के इस गोचर से आपको भाई-बहनों से उम्मीद के अनुसार सहयोग नहीं मिल पायेगा. जीवन में उनका साथ बनाये रखने के लिये आपको कोशिश करनी होगी. 

धनु राशि
सूर्य के इस गोचर से आपको धन की बढ़ोतरी के बहुत से साधन मिलेंगे. आपको अचानक से धन लाभ हो सकता है. इससे आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहेगी. 

मकर राशि
सूर्य के गोचर से आपको प्रेम-संबंधों का भरपूर लाभ मिलेगा। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा. आपके पास पैसों की लगातार आवक बनी रहेगी.

कुंभ राशि
सूर्य के इस गोचर से आपको शैय्या सुख की प्राप्ति तो होगी, लेकिन साथ ही आपके खर्चों में भी बढ़ोतरी होगी. 

मीन राशि
सूर्य के इस गोचर से आपकी अच्छी आमदनी होगी. आपको आमदनी के नये स्रोत भी मिलेंगे, साथ ही आपकी जो भी इच्छा होगी, वो जरूर पूरी होगी.