जापान के बाद भारत के सपनों पर होगी दुनिया की नजर, चंद्रयान-3 के पास होगा सबसे पहले साउथ पोल पर उतरने का मौका

नई दिल्लीः चांद पर भारत की पहुंच में अब महज 2 दिन का समय बाकी रह गया है. ऐसे में सभी को अब उस पल का इंतजार है जब चंद्रयान-3 चांद पर लैंड कर रहा होगा. ये ना सिर्फ भारत की इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि होगी बाल्कि पूरी दुनिया के लिए एक रिकॉर्ड साबित होने वाला है जो अभी तक किसी के नाम दर्ज नहीं है, 

दरअसल भारत चांद के साउथ पोल पर उतरने के निरंतर प्रयास में लगा हुआ है. जिसमें अभी तक दुनिया का कोई भी देश सफलता प्राप्त नहीं कर सका है. इससे पहले जापान रविवार को इस मिशन में नाकाम साबित हो चुका है. जापान का मिशन मून-25 फेल हो चुका. तकनीकी खराबी के चलते महज कुछ समय पहले ही संपर्क तुटने से जापान का सपना अधूरा रह गया है. 

जापान के बाद भारत पर होगी दुनिया की नजरः
जिसकी पुष्टी खुद जापान की स्पेस एजेंसी द्वारा की गयी. ऐसे में अगर भारत इसमें सफल हो जाता है तो ये पहला देश बन जायेगा. आखिर आज हम जिस पोल जगह की बात कर रहे वहां ऐसा क्या है जो अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है. तो आइये जानते है साउथ पोल की परिस्थितियों को. चांद की जमीन में इसे कई मुश्किल चुनौतियों के लिए जाना जाता है. 

यहां कई उबड़-खाबड़ और जोखिम भरे इलाके हैं इसके साथ ही चांद के इस क्षेत्र में ज्यादा अंधेरा होने की वजह से भी लैंडिंग में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा जब लूनर नाइट होती है तो यहां का तापमान -230 डिग्री तक गिर जाता है, जिस वजह से ये चांद के दुर्लभ इलाकों में से एक है.