Wholesale Inflation: खुदरा महंगाई के बाद अब थोक महंगाई में भी उछाल, आठ महीने के उच्चतम स्तर पर हुई दर्ज

नई दिल्लीः वाणिज्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार को थोक मुद्रास्फीति दर के आकंड़े जारी किए गए. भारत की थोक मुद्रास्फीति मार्च 2023 के बाद पहली बार ऋणात्मक स्थिति से बाहर निकल गई और नवंबर में बढ़कर 0.26 प्रतिशत हो गई. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति अक्टूबर 2023 में -0.52 प्रतिशत पर थी. जबकि नवंबर 2022 में 6.12 प्रतिशत पर थी. 

नवंबर महीने के दौरान थोक महंगाई की दर 8 महीने में पहली बार शून्य से ऊपर निकली है. इससे एक महीने पहले यानी अक्टूबर 2023 में थोक महंगाई की दर शून्य से 0.52 फीसदी नीचे रही थी. देश में थोक महंगाई की दर अप्रैल 2023 से लगातार शून्य से नीचे जा रही थी.

वहीं इससे एक दिन पहले खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए गए. नवंबर महीने में खुदरा महंगाई की दर में भी वृद्धि दर्ज की गई है. खुदरा महंगाई अक्टूबर में 4.87 फीसदी तक गिर गई थी, जो नवंबर में बढ़कर 5.5 फीसदी पर पहुंच गई. नवंबर में खुदरा महंगाई पिछले 3 महीने में सबसे ज्यादा रही है. 

ऐसे में अगर इसके वृद्धि के कारण पर नजर डाले तो सबसे प्रमुख कारण खाने-पीने की चीजों के बढ़े दाम हैं. आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने खाने-पीने के सामानों, खनिजों, मशीन एवं उपकरण, कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड ऑप्टिकल प्रोडक्ट्स, मोटर व्हीकल्स, ट्रांसपोर्ट के अन्य इक्विपमेंट और अन्य विनिर्माण आदि के चलते थोक महंगाई में तेजी दर्ज की गई है.