Ram Mandir: बीजेपी का 2024 का एजेंडा, अयोध्या दर्शन के सहारे राजस्थान की 25 सीटों को ऐसे साध रही भाजपा

जयपुर: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे भगवान राम के भव्य मंदिर का 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जा रहा. राजस्थान की बीजेपी ने भी राम नाम पर लोकसभा की 25 सीटों पर वैतरनी पार लगाने की रणनीति पर फोकस किया है. पहले भी राजस्थान में राम नाम पर बीजेपी की सरकार बन चुकी है. रणनीति के अनुसार राज्य बीजेपी के हर विधानसभा के कार्यकर्ता 22 जनवरी को अयोध्या पहुचेंगे. लोकसभा चुनावों तक राम मय वातावरण बनाया जाए इसकी पूरी प्लानिंग बन चुकी है. कांग्रेस नेताओं के अयोध्या ना जाने के निर्णय को बीजेपी ने आड़े हाथ लिया है.

बीजेपी  के 1980 को गठन के समय हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का नारा प्रमुख था. समाजवाद भी बीजेपी के प्रमुख एजेंडे में थे. हालांकि 1984 के आम चुनाव में बीजेपी के नए विचार लोगों को रास नहीं आए और कांग्रेस के सामने  करारी पराजय हुई. इंदिरा गांधी की शहादत से उपजी सहानुभूति लहर में लगभग पूरा विपक्ष ही बह गया. बीजेपी को सिर्फ दो सीटें मिल सकीं. यह 1952 में जनसंघ के पहले चुनाव में मिली तीन सीटों से भी ख़राब प्रदर्शन था. अटल बिहारी वाजपेयी जैसे दिग्गज भी चुनाव हार गये थे..बीजेपी ने आखिर उदारवाद का मुखौटा उतार देना ही बेहतर समझा. 1986 में वाजपेयी की जगह लालकृष्ण आडवाणी अध्यक्ष बनाये गये और 11 जून 1989 के हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में हुई राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में पार्टी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया. 

राजस्थान में भी रथ यात्रा निकली वातावरण राम मय बना और राजस्थान में बीजेपी को पॉलिटिकल माइलेज मिला. भैरों सिंह शेखावत के नेतृत्व में राजस्थान में बीजेपी को राम मंदिर मूवमेंट से लाभ हुआ. बड़ी संख्या में संघ ,जनसंघ।और बीजेपी विचारधारा के कार्यकर्ता पहुंचे कार सेवा करते हुए अयोध्या कार सेवकों ने अपना बलिदान भी दिया. यही कारण राजस्थान के भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं के अलावा संघ विचारधारा के लोग अयोध्या जाएंगे इतना ही नहीं राज्य के उन कारसेवकों के परिवार भी अयोध्या जाएंगे जिन्होंने अपनी आहुति राम मंदिर के लिए दी थी. इतना ही नहीं राजस्थान के प्रमुख चर्चित लोग जिनका विभिन्न क्षेत्रों में l खास प्रभाव है. 

इनमे  राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी जैसे , कला-साहित्य, गीत-संगीत, नृत्य और अभिनय के अलावा अन्य क्षेत्रों के कलाकार, विभिन्न समाजों के संगठन के प्रमुख, आचार्य, पीठ, सामाजिक नेता , चिकित्सा, विधि, सेना और शिक्षण से जुड़े लोग, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता, विभिन्न कार्य क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाएं और संबंधित विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न सामाजिक कार्यों में भामाशाह  की भूमिका निभाने वाले लोगों को अयोध्या ले जाया जाएगा. राजस्थान में भाजपा ने 25 लोकसभा सीटों को ध्यान में रखकर रणनीति बनाई है.14जनवरी से 15मार्च तक प्रदेशव्यापी अभियान भी चलेगा. अभी बीजेपी कांग्रेस नेताओं के 22जनवरी को अयोध्या नही जाने के निर्णय पर भी सवाल खड़े करके मुद्दा बनाने की रणनीति है.

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से राजस्थान में 25लोकसभा सीटों पर बीजेपी अनेकों कार्यक्रम करने जा रही है. जिससे लोकसभा चुनावों तक राम नाम की गूंज सुनाई देती रहे इसके लिए विचार परिवार ने आगे तक की पूरी प्लानिंग कर रखी है.

--बीजेपी को राम नाम नाम के सियासी लाभ--

घर घर राम नाम की गूंज का विस्तार करना
अपने परंपरागत हिंदू वोट बैंक का ध्रुवीकरण करना
जातीय मसलों पर हिंदुत्व को हावी करना
कमजोर सीटों को राम नाम के जरिए साधना