जयपुर: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान लोकसभा चुनाव प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने फर्स्ट इंडिया न्यूज़ के CEO पवन अरोड़ा को एक खास इंटरव्यू दिया. इस दौरान विनय सहस्त्रबुद्धे ने लोकसभा चुनाव, पीएम मोदी और राजस्थान में अपने अनुभव से जुड़े सवालों पर जवाब दिया.
राजस्थान को लेकर अनुभव कैसा है
इस सवाल पर विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि पहले मैं विद्यार्थी परिषद में काम करता था उसी दौरान हमने सभी के साथ सत्याग्रह किया, जिसमें कारावास का अनुभव मिला. एम.ए. की पढ़ाई की, उसके बाद विद्यार्थी परिषद में ऑल इंडिया का सेक्रेट्ररी बना कुछ साल पत्रकारिता में रहा, अंग्रेजी मराठी पत्रकारिता में काम किया. चुनकर आना पर्याप्त नहीं है, शासन की क्षमता का निर्माण करना जरूरी है. आपके साथ एक सही प्रेरणा होनी चाहिए. आज जनतंत्र के प्रति संदेह का स्वर जो आता है.उसके कारण जनतंत्र लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप काम कर रहा है, ये सवाल उठता है. मैं मानता हूं कि 10 सालों में पीएम मोदी ने जो काम किया है उस दृष्टि से उन्होंने ये स्थापित कर दिया है कि DEMOCRACY CAN BE DELIVERE.
राजस्थान में हैट्रिक को लेकर दबाव तो नहीं
इस सवाल पर विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि मैं मानता हूं कि इस तरीके का वर्गीकरण करना जरूरी नहीं है, क्योंकि स्थितियां बदल रही हैं. पहले वातावरण में ही चुनाव छा जाता था. अभी चुनाव आयोग की आचार संहिता के कारण ऐसा दिखता नहीं है. जो चीजें कल थीं वो आज नहीं हैं, बीजेपी हर चुनाव को चुनौती मानती है, इसलिए हम परिश्रम करते हैं. लोग तो कहते हैं कि हैदराबाद में गृहमंत्री को जाने की जरूरत नहीं थी. लेकिन हम छोटे से छोटे चुनाव को भी गंभीरता से लड़ते हैं. कार्यकर्ता को संगठित कर हम काम में लगाते हैं, हम प्रबोधन में विश्वास करते हैं. हम जनता को जवाब देने के लिए उत्तरदायी हैं. बीजेपी के अलावा कोई दूसरा दल नहीं जो ये बता दे क्योंकि वो सिर्फ घोटाले करते हैं, हम जो कहते हैं वो करते भी हैं.
बाड़मेर,चूरू, झुंझुनूं सीट को कैसे देखते हैं
इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि देखिए सुनाई पड़ना स्वाभाविक है, क्योंकि मीडिया है, राजनीतिक विशेषज्ञ हैं. सब अपने हिसाब से विश्लेषण करते हैं. मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूं, सिर्फ जमीन से जुड़ा कार्यकर्ता हूं. मुझे ऐसा लगता है कि एक जमाने में लोग अपने समुदाय की अस्मिता को लेकर वोटिंग करते थे. जैसे-जैसे शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है, मीडिया के जरिए लोग समझ रहे हैं. अब लोग सोच रहे हैं कि देश के लिए क्या सही है क्या गलत है ? ये सोचने लगे हैं. जब ये सोच बनती है, तो हमारे वोटरों के सामने मोदी जी के अलावा कोई और विकल्प नहीं होता है.
25 सीटें जीतने में मुख्यमंत्री का भी योगदान हो रहा है
इस पर सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि ये सभी चीजें ही महत्वपूर्ण हैं, करौली-धौलपुर का प्रवास करके आया, वहां ERCP का बड़ा प्रभाव है.जिन युवाओं से आप बात करेंगे, वो पेपर लीक पर हुए एक्शन से आश्वस्त हो गए हैं. क्योंकि उनको लगता है कि अब उनके भविष्य को लेकर कोई रोड़े नहीं अटका पाएगा. हमारे मुख्यमंत्री नए हैं, लेकिन वो जमीन से जुड़े कार्यकर्ता हैं.उन्होंने जिंदगी भर कई विधायक बनाए हैं, मुख्यमंत्री ने पर्दे के पीछे काम किया लेकिन अब पार्टी ने उनको अहम जिम्मेदारी दी है. तीन महीने में कोई जादू नहीं हो सकता है.लेकिन तीन महीने में उन्होंने जनता को भरोसा दिया है कि भ्रष्टाचार मुक्त विकास होगा.
कांग्रेसियों में बीजेपी ज्वॉइन करने की होड़ मची है
इसके इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ये लोग अपनी इच्छा से आए हैं, उनको वहां पर सिर्फ अंधेरा दिख रहा है. वहां कोई निर्णय लेने वाला नहीं है, उनको लगता है कि उनका भविष्य कांग्रेस में नहीं है. हमारे संगठन में तो आप फोन से भी बीजेपी ज्वॉइन कर सकते हैं. जो आ रहे हैं कि उनको पार्टी की रीति-नीति बताने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है.जो सबके लिए है, वो उनके लिए हैं.
इस चुनाव में बड़ा मुद्दा क्या रहने वाला है
इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने एक महत्वपूर्ण काम किया है कि बड़ी सोच रखिए मोदी जी ने पहली बार कहा 'सबका साथ, सबका विकास' 2019 में कहा 'सबका विश्वास, 2024 में कहा 'सबका प्रयास' धीरे-धीरे वो सब नागरिकों को कहते हैं कि वो विकास में सरकार नहीं जनता का भी योगदान होना चाहिए विकास के लिए लोगों को भी काम करना पड़ेगा, मोदी जी कहते हैं कि लोकप्रियता नहीं लोकहित की बात होनी चाहिए मोदी जी ने लोगों में आकांक्षा रखने का आत्मविश्वास जगाया है. लोगों ने तय किया है कि हम मोदी जी को फिर से चुनेंगे.