Rajasthan: फतेहपुर में नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या मामले ने पकड़ा तूल, आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सर्वसमाज धरने पर बैठा

फतेहपुर: दस दिन पहले रामगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र मे नाबालिग से दुष्कर्म कर हत्या कर शव कुएं मे डालनें  के मामले ने तूल पकड़ लिया कोतवाली थाने के बहार   लोग पुरी रात से धरने पर बैठे है.  पुरी रात लोगों ने सड़कों पर ही डेरा डाले रखा हजारों लोगों ने प्रर्दशन मे डटे रहे. लोगों ने सड़कों पर ही खाना खाया वहीं बिस्तर लगाकर लेट गए.  अगर आज भी वार्ता नही होती है तो बाजार बंद करने को लेकर आहवान करेगें.

मंगलवार से सर्व समाज के बैनर तले हजारों लोगों ने तेज धूप,चिलचिलाती गर्मी में  धरना दिया और प्रशासन से दुष्कर्मियों को फांसी की सजा देने तथा 50 लाख के मुआवजें आदी की मांग कि सायंकाल पांच बजे संघर्ष समिती के नेताओं की पुलिस और प्रशासनिक अधिकारीयों से वार्ता हुई और प्रशासन ने कलेक्टर और एसपी के चुनावी वीसी में व्यस्त होंने का हवाला देते हुए दो दिन का समय मांगा था, जो संघर्ष समिती ने दे दिया परन्तु जब संघर्ष समिति के नेता पांडाल में आकर आमजन को वार्ता के नतीजों की जानकारी दी तो सर्व समाज के लोगों ने एक सुर में प्रशासन को दो दिन का समय दिए जानें की बात को ठुकरा दिया और कहा कि अब आर-पार की लडाई होगी, जब तक पीडिता को न्याय नहीं मिलता तब तक वे रात दिन का धरना देंगे.

पांच वर्षो में पहला बडा प्रदर्शन
गत पांच वर्षो में यह पहला बडा प्रदर्शन था, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने तेज धूप, गर्मी की परवाह ना करते हुए धरना दिया है. मंच पर कोई भी बडा जनप्रतिनिधी या किसी भी राजनैतिक दल के पदाधिकारी को स्थान नहीं मिला, आम जन ने स्वंय आकर मंच पर अपनी बात कही. आठ घंटे की चली मैराथन प्रदर्शन में 80 से अधिक लोगों ने आम जन को संबोधित किया. पूर्व पालिकाध्यक्ष मधुसूदन भिडां, पूर्व विधायक नंदकिशोर महरिया, पूर्व प्रधान सुनीता कडवासरा, सरोज कडवासरा, सीएलसी निदेशक श्रवण चौधरी, बजरंगसिंह शेखावत, आनंदपाल सिंह की बेटी, गोरधनसिंह रूकनसर, जितेन्द्र सिंह कारंगा, अरविंद खोटिया सहित अनेक जनप्रतिनिधीयों ने भी आमजन को संबोधित करते हुए सघर्ष में साथ देने का वादा किया .

करीब चार से पांच हजार लोग प्रदर्शन में हुए शामिल
सुबह दस बजे शुरू हुआ प्रदर्शन तेज गर्मी, धूप में सायंकाल 6 बजे तक चलता रहा. सभी दलों के जनप्रतिनिधी नीचे पांडाल में बैठे और अपनी बात कही. य़ुवाओं में विशेषतौर से  मातृशक्ति मौजूद रही और बेहद नाराजगी भरे शब्दों में अपनी व्यथा व्यक्त की . महिलाओं ने कहा कि सरकार की महिलाओं को मोबाईल देना, बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान चलाना आदी सब बेकार है, जब बेटी खुद ही सुरक्षित नहीं है. बडे तलख शब्दों में उन्होंने कहा कि घर से बाहर निकलने पर उन्हें कई बार सोचना पडता है कि वे घर से बाहर निकलें या नहीं. घर से बाहर निकली तो क्या वे सुरक्षित घर वापिस आ पायेंगी.

विधायक और प्रशासन के खिलाफ जताया आक्रोश
अपने संबोधन में लोगों ने विधायक, प्रशासन, सरकार के खिलाफ गहरा आक्रोश व्यक्ति किया. घटना के दस दिन बाद भी पीड़िता के घर नहीं जाकर, किसी भी जनप्रतिनिधी या सरकारी नुमायंदे का पीड़िता के परिवार को किसी भी तरह की आर्थिक सहायता प्रदान नहीं करने पर आक्रोश व्यक्त किया. लोगों का कहना था कि जयपुर में मारपीट में युवक की हत्या के मामले में चंद घंटों में पचास लाख का मुआवजा दिया गया परन्तु नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या जैसे जघन्य अपराध में किसी भी तरह की सहायता नहीं देना, सरकार और जनप्रतिनिधीयों की दोहरी मानसिकता का प्रतीक है .

प्रशासन से हुई वार्ता विफल
एडिशनल एसपी रामचन्द्र मूण्ड, एसडीएम फतेहपुर कपिल उपाध्याय, एसडीएम रामगढ विकास प्रजापत,डीएसपी रामप्रताप विश्नोई, तहसीलदार रामचन्द्र गुर्जर आदि की संघर्ष समिति के जितेन्द्र सिंह कारंगा, बजरंगसिंह, अरविंद खोटिया, गोरधनसिंह रूकनसर आदि से वार्ता हुई, प्रशासनिक अधिकारीयों ने कलेक्टर और एसपी के चुनावी वीसी में व्यस्त होंने का हवाला देकर दो दिन का समय मांगा, जिस पर संघर्ष समिति ने उन्हें दो दिन का समय दे भी दिया और वे बैठक से बाहर आ गए .

जनता से ठुकराया संघर्ष समिति का प्रस्ताव
जब संघर्ष समिति के नेताओं ने कोतवाली थाने  बाहर चल रहें प्रदर्शन में आकर प्रशासनिक अधिकारीयों से वार्ता का नतीजा बताया और उन्हें दो दिन का समय दिया जाना बताया तो लोग आक्रोशित हो गयें और उन्होंने एक सुर में इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया ओर कहा कि  जब तक कोई नतीजा नहीं निकलता,पीडिता को न्याय नहीं मिलता तबतक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा .

भारी पुलिस बल तैनात
कोतवाली  थाने के बाहर भारी संख्या में प्रदर्शनकारियों को देखतें हुएं पुलिस ने भारी जाब्ता तैनात किया .कोतवाल इन्द्रराज मरोडिया,सदर  थाना प्रभारी कृष्ण कुमार धनकड,रामगढ थानाधिकारी रमेश कुमार आदि मय जाब्तें के मौजूद रहें . अपने संबोधन के दौरान सीएलसी निदेशक श्रवण चौधरी ने पीडिता को 2.5 लाख रूपयें की आर्थिक सहायता देंने की घोषणा की.