VIDEO: हर अस्पताल की "नब्ज" पर अब CMO की नजर ! राजस्थान में चिकित्सा व्यवस्थाओं के प्रति सीएम की संवेदनशीलता, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान में सरकारी अस्पतालों की सेवाओं पर अब सीएमओ की नजर रहेगी.मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की स्वास्थ्य क्षेत्र की प्राथमिकताओं को देखते हुए जिला कलक्टर और संभागीय आयुक्त को नया टॉस्क सौंपा गया है.इसके तहत सभी संभागीय आयुक्त-कलक्टर हर सप्ताह अपने क्षेत्र के अस्पतालों का औचक निरीक्षण करेंगे और वहां की मूलभूत आवश्यकताओं को लेकर सरकार को रिपोर्ट देंगे.

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हेल्थ सेक्टर को पहली प्राथमिकता पर रखा है.एसएमएस अस्पताल का औचक निरीक्षण के बाद विभाग की पहली बैठक में इसी झलक देखने को मिली,जहां सीएम ने साफ संदेश दिया कि अस्पतालों में आने वाले मरीजों के दर्द को सभी को समझना होगा.ये पुण्य का काम है,जिसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी.खासतौर पर बुजुर्गों की सेवाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.सीएम की मंशा को धरातल पर उतारने का जिम्मा मुख्य सचिव सुधांशु पंत ने सभी संभागीय आयुक्त और कलक्टरों को अस्पतालों के औचक निरीक्षण का जिम्मा सौंपा है.ये एक सतत प्रक्रिया होगी, जिसमें डीसी-डीएम को हर सप्ताह अस्पतालों का निरीक्षण कर चिकित्सा विभाग, मुख्य सचिव ऑफिस और मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट देनी होगी.इस निरीक्षण के लिए बकायदा चिकित्सा विभाग ने विस्तृत चैकलिस्ट भी जारी की है.

ताकि आमजन को मिले बेहतर चिकित्सा सेवाएं !: 
-प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्थाओं के प्रति सीएम की संवेदनशीलता
-संभागीय आयुक्त-कलक्टरों को अस्पतालों के औचक निरीक्षण के निर्देश
-हर सप्ताह शुक्रवार को हाईलेवल पर भेजनी होगी निरीक्षण की रिपोर्ट
-प्रदेशस्तरीय मॉनिटरिंग व्यवस्था के लिए चिकित्सा विभाग की एक्टिव
-प्रदेशभर में समन्वय के लिए विभाग के नियुक्त किए नोडल अधिकारी
-अतिरिक्त निदेशक(चिकित्सा प्रशासन) डॉ एसके परमार को बनाया नोडल ऑफिसर  
-जबकि संयुक्त निदेशक(चिकित्सा प्रशासन) डॉ राजेश शर्मा सहायक नोडल ऑफिसर
-इसके अलावा उप निदेशक(एसीपी) विष्णुकांत जालेन्द्रा से भी किया जा सकता सम्पर्क

सीएम के निर्देश के बाद अब चिकित्सा विभाग की एक्टिव मोड में है.खुद एसीएस मेडिकल शुभ्रा सिंह ने  सभी जिला अस्पतालों में जीरियाट्रिक वार्ड और डायलिसिस की सुविधा शुरू करवाने के लिए निर्देश दिए है.साथ ही ये भी कहा है कि अस्पतालों में पेशेंट फ्रेडली बनाया जाए, ताकि वे अच्छे माहौल में उपचार करा सके.

बुजुर्गों की चिकित्कीय सेवा के लिए अहम कदम:
-अब प्रदेश में हर जिला अस्पताल में होगा जीरियाट्रिक वार्ड
-एसीएस मेडिकल शुभ्रा सिंह ने सभी जिला अस्पतालों को लेकर दिए निर्देश
-विभाग ने बकायदा जीरियाट्रिक वार्ड के लिए डिजाइन की गई है फाइनल
-जिसमें नजदीक शौचालय समेत अन्य तरह की सेवाएं भी रहेगी मौजूद  
-जीरियाट्रिक इकाइयों में नियमित मॉनिटरिंग के लिए लगेगा नोडल अधिकारी
-इसके अलावा वार्ड में जरूरत के हिसाब से डेडिकेटेड स्टॉफ की भी होगी नियुक्ति
-इसके अलावा जिला अस्पताल में मनोरोग चिकित्सक की सुविधा भी रहेगी मौजूद