दिल्ली में शीतलहर का कहर जारी, न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस रहा

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को शीतलहर जारी रहने के साथ ही न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. दिल्ली में सोमवार को न्यूनतम तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो एक जनवरी 2021 के बाद से इस महीने दर्ज सबसे कम तापमान था. कोहरे के कारण सड़क व रेल यातायात प्रभावित हुआ.

उत्तर रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोहरे के कारण कम से कम 15 ट्रेनें एक से आठ घंटे तक की देरी से चल रही हैं. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित पालम वेधशाला में दृश्यता 500 मीटर दर्ज की गई. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच रहने पर ‘बेहद घना कोहरा’, 51 मीटर से 200 मीटर के बीच ‘घना कोहरा’, 201 मीटर से 500 मीटर के बीच ‘मध्यम कोहरा’ और 501 से 1,000 मीटर के बीच रहने पर ‘हल्का कोहरा’ माना जाता है.

सफदरजंग वेधशाला में एक जनवरी 2021 को न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. इस साल आठ जनवरी को न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. राष्ट्रीय राजधानी में इस माह का सबसे कम तापमान शून्य से नीचे 0.6 डिग्री सेल्सियस 16 जनवरी 1935 को दर्ज किया गया था. लोधी रोड स्थित मौसम केंद्र में मंगलवार को न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस दर्ज किया. दक्षिण पश्चिम दिल्ली के आयानगर में न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस, मध्य दिल्ली के रिज में 2.2 डिग्री सेल्सियस और पश्चिमी दिल्ली के जाफरपुर में 2.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

अभी तक इस महीने 50 घंटे तक घना कोहरा दर्ज किया गया:
आईएमडी के अनुसार, दिल्ली में पांच से नौ जनवरी तक भीषण शीतलहर चली जो एक दशक में इस महीने में प्रचंड शीतलहर की दूसरी सबसे लंबी अवधि रही. अभी तक इस महीने 50 घंटे तक घना कोहरा दर्ज किया गया जो 2019 के बाद से सबसे अधिक है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को बताया था कि दो पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव में 19 जनवरी से शीतलहर का प्रकोप थम जाएगा. पश्चिम एशिया से गर्म नम हवाओं वाली एक मौसम प्रणाली को पश्चिमी विक्षोभ कहा जाता है.

जब एक पश्चिमी विक्षोभ क्षेत्र में आता है, तो हवा की दिशा बदल जाती है:
जब एक पश्चिमी विक्षोभ क्षेत्र में आता है, तो हवा की दिशा बदल जाती है. पहाड़ों से आने वाली सर्द उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलनी बंद हो जाती हैं जिससे तापमान बढ़ता है. आईएमडी के अनुसार, मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर शीतलहर की घोषणा की जाती है. शीतलहर की घोषणा तब भी की जाती है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो और सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो. न्यूनतम तापमान के दो डिग्री सेल्सियस रहने या सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से कम रहने पर ‘भीषण’ शीतलहर की घोषणा की जाती है. सोर्स- भाषा