बिजली बिल के "सरचार्ज" से राजनीति में करंट ! बिजली कंपनियों के "फ्यूल सरचार्ज" से फिर खड़ा हुआ बवाल

जयपुर : प्रदेश में बिजली बिलों में वसूले जा रहे भारी भरकम फ्यूल सरचार्ज ने एक तरफ जहां उपभोक्ताओं का मासिक गणित बिगाड़ दिया है, वहीं दूसरी ओर राजनीति भी गर्मा गई है. गहलोत सरकार की 100 यूनिट फ्री बिजली की घोषणा के बीच फ्यूल सरचार्ज को भाजपा बड़ा मुद्दा बना रही है. जबकि सच्चाई ये है कि फ्यूल सरचार्ज की वसूली कई सालों से सतत प्रक्रिया के तहत हो रही है. रोचक बात ये है कि भाजपा के शासन में भी उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज वसूली गया है. आखिर क्या है फ्यूल सरचार्ज का गणित और कब-कब हुई उपभोक्ताओं से वसूली. 

केस : 1 मोहन नगर निवासी अशोक दसोरा के मई माह में 5667 रुपए का बिजली बिल आया. इस बिल में 4418 रुपए बतौर विद्यु शुल्क के जोड़े गए है, जबकि फ्यूल सरचार्ज के रूप में 1261 रुपए दर्ज किए गए है.

केस : 2 - प्रतापनगर निवासी कौशल्या देवी को मई माह में 3218 रुपए का बिजली बिल दिया गया है. इस बिल में 2303 रुपए बतौर विद्यु शुल्क के जोड़े गए है, जबकि फ्यूल सरचार्ज के रूप में 1132 रुपए दर्ज किए गए है.

ये तो सिर्फ एक बानगी है, इनदिनों कमोबेश हर घर में फ्यूल सरचार्ज बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है. वैसे तो पिछले लम्बे समय से बिजली बिलों में फ्यूल सरचार्ज जुड़कर आता है, लेकिन कोयले की किल्लत और पावर डिमाण्ड बढ़ने के चलते एकाएक फ्यूल सरचार्ज भी करीब दो गुना तक बढ़ गया है. इसके साथ ही पहले जहां दो माह में ये राशि वसूली की जाती थी, वो डिस्कॉम प्रशासन ने एकसाथ ही वसूली शुरू कर दी है. ऐसे में कई उपभोक्ताओं के तो बिलों में विद्युत शुल्क से अधिक फ्यूल सरचार्ज का करंट दौड़ रहा है. आइए आपको बताते है कि आखिर क्यों वसूला जाता है बिल में फ्यूल सरचार्ज. 

बिजली बिल के फ्यूल सरचार्ज का गणित
दरअसल, हर साल तीनों डिस्कॉम्स की बिजली टेरिफ होती है डिसाइड
पॉवर परर्चेज समेत अन्य खर्च की गणना के बाद तय होता है पॉवर टेरिफ
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग उपभोक्ताओं से वसूली की तय करता है दर
आयोग फिक्स कॉस्ट के साथ ही वेरिएबल कॉस्ट को जोड़कर तय करता है टेरिफ
जबकि वेरिएबल कॉस्ट कोयला,डीजल व परिवहन के खर्चें के अनुसार होती है ऊपर-नीचे
ऐसे में आयोग ने इस "अंतर" की वसूली के लिए फ्यूल सरचार्ज की दे रखी छूट

"फ्री-बिजली" का इंतजार, फ्यूल सरचार्ज का दौड़ रहा करंट !
चुनावी सरगर्मियां के बीच बिजली के बिलों को लेकर बड़ी खबर
राज्य सरकार ने की है 100 यूनिट बिजली फ्री करने की घोषणा
संभवतया जून माह के बिजली उपभोग से मिलने लगेगी 100 यूनिट फ्री
लेकिन इससे पहले बिजली बिलों के फ्यूल सरचार्ज ने बिगाड़ा मासिक गणित
डिस्कॉम्स ने हाल ही में 52 पैसे प्रति यूनिट का तय किया फ्यूल सरचार्ज
वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही को आधार मानकर तय किया गया सरचार्ज
निर्धारित सरचार्ज से बिजली का बिल कुछ इस तरह बिगाड़ रहा उपभोक्ताओं का गणित
कई उपभोक्ताओं के बिजली की उपभोग राशि से भी ज्यादा आ रहा फ्यूल सरचार्ज
ऐसे में उपभोक्ताओं में फ्री बिजली से ज्यादा फ्यूल सरचार्ज को लेकर चर्चाएं
हालांकि, RERC की तरफ से तय नियम के आधार पर ही वसूला जा रहा यह चार्ज
लेकिन विपक्षी नेता इसे बता रहे "एक हाथ से देने और दूसरे हाथ से लेने की नीति"

फ्यूल सरचार्ज को लेकर प्रदेशभर में राजनीति हावी है. भाजपा की तरफ से जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे है, लेकिन जब हम फ्यूल सरचार्ज की वसूली के आंकड़ों को देखे तो पता चलात है कि ये भाजपा के शासन में भी वसूला गया था. यदि पिछले भाजपा सरकार की बात की जाए तो पांच साल में 12 बार अलग-अलग आदेशों के जरिए बिजली उपभोक्ताओं से 2.01 रुपए का फ्यूल सरचार्ज वसूला गया. हालांकि, मौजूदा सरकार के कार्यकाल में फ्यूल सरचार्ज वसूलने का आंकड़ा दोगुना से अधिक बढ़कर 4.53 रुपए तक पहुंच गया है. लेकिन इसके पीछे का तर्क ये है कि बरसात के सीजन में भी बिजली की रिकॉर्ड मांग और कोयले की किल्लत के चलते महंगी दर पर बिजली ली गई इसके चलते फ्यूल सरचार्ज का ग्राफ बढ़ा है.

पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में कब कब वसूला गया फ्यूल सरचार्ज
जनवरी-मार्च 2014 - 4 पैसा
अप्रेल-जून 2014 - 17 पैसा
जुलाई-सितम्बर 2014 - 19 पैसा
अक्टूबर-दिसम्बर 2014 - 23 पैसा
जनवरी-मार्च 2015 - 6 पैसा
अप्रेल-जून 2016 - 3 पैसा
जनवरी-मार्च 2017 - 16 पैसा
जुलाई-सितम्बर 2017 - 14 पैसा
अक्टूबर-दिसम्बर 2017 - 34 पैसा
जनवरी-मार्च 2018 - 9 पैसा
जुलाई-सितम्बर 2018 - 19 पैसा
अक्टूबर-दिसम्बर 2018 - 37 पैसा

कांग्रेस सरकार के मौजूदा कार्यकाल में फ्यूल सरचार्ज
जनवरी-मार्च 2019 - 37 पैसा
अप्रेल-जून 2019 - 55 पैसा
जुलाई-सितम्बर 2019 - 27 पैसा
अक्टूबर-दिसम्बर 2019 - 44 पैसा
जनवरी-मार्च 2020 - 35 पैसा
अप्रेल-जून 2020 - 33 पैसा
जुलाई-सितम्बर 2020 - 5 पैसा
अक्टूबर-दिसम्बर 2020 - 12 पैसा
जनवरी-मार्च 2021 - 21 पैसा
अप्रेल-जून 2021 - 38 पैसा
जुलाई-सितम्बर 2021 - 29 पैसा
अक्टूबर-दिसम्बर 2021 - 26 पैसा
जनवरी-मार्च 2022 - 17 पैसा
अप्रेल-जून 2022 - 24 पैसा
जुलाई-सितम्बर 2022 - 50 पैसा
अक्टूबर-दिसम्बर 2022 - 52 पैसा

हालांकि, अब डिस्कॉम प्रशासन ने इस विवाद से बचने के लिए हर माह के बिल में प्रोविजनल फ्यूल सरचार्ज जोड़ने का फैसला किया है, ताकि उपभोक्ताओं को एकसाथ तीन माह का सरचार्ज बिल में नहीं देना पड़े .
अब हर महीने बिल में जुड़कर आएगा फ्यूल सरचार्ज !
प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं से जुड़ी बड़ी खबर
बिजली कंपनियों की याचिका पर RERC ने दी अनुमति
प्रोविजनल बेसिस पर उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज वसूलने की अनुमति
दरअसल, अभी तक 3-3 माह की तिमाही पर होती है फ्यूल सरचार्ज की गणना
और फिर इन 3 महीनों का फ्यूल सरचार्ज एक साथ बिल में होता है वसूल
ऐसे में कई उपभोक्ताओं फ्यूल सरचार्ज हो जाता है बिजली उपभोग की राशि से भी अधिक
इस तरह उपभोक्ताओं में चल रही नेगेटिविटी से बचने के लिए डिस्कॉम ने किया था आग्रह
फ्यूल सरचार्ज की वसूली माहवार करने का किया था आग्रह
RERC ने डिस्कॉम की याचिका पर दी माहवार फ्यूल सरचार्ज वसूलने की मंजूरी

खैर जैसे ही बिजली का नाम आता है तो राजनीति होना स्वभाविक है. लेकिन साथ ही डिस्कॉम्स का कुप्रबन्धन भी फ्यूल सरचार्ज की भारी-भरकम राशि के लिए जिम्मेदार है. क्योंकि तीन माह का सरचार्ज उपभोक्ताओं के माथे एक माह में ही डाल दिया जाता है. हालांकि, डिस्कॉम ने अब अपनी गलती सुधारी है और माहवार फ्यूल सरचार्ज वसूलने का निर्णय किया है. लेकिन अब देखना ये होगा कि सरकार की फ्री बिजली की घोषणा पर ये फ्यूज सरचार्ज का करंट क्या असर दिखाता है.