राहुल गांधी के बयान को लेकर राज्यसभा में गतिरोध जारी, सत्ता पक्ष माफी की मांग पर अड़ा

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंदन में दिये गए बयान को लेकर माफी मांगे जाने की मांग पर सत्तापक्ष के अड़े रहने के कारण बुधवार को राज्यसभा में गतिरोध कायम रहा जबकि विपक्ष की ओर से भी अडाणी समूह के बारे में हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग और नारेबाजी की गयी. उच्च सदन में सत्तापक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण शून्यकाल एवं प्रश्नकाल आज भी नहीं हो सका तथा बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर कर करीब पांच मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. बजट सत्र का सोमवार से दूसरा चरण शुरू होने के बाद से ही उच्च सदन में सत्ता पक्ष के सदस्य राहुल गांधी से माफी की मांग पर अड़े हुए हैं.

सुबह, उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसके बाद उन्होंने कहा कि नियम 267 के तहत कार्यस्थगन कर चर्चा के लिए उन्हें 11 नोटिस मिले हैं. विपक्षी दल के सदस्य अडाणी समूह से जुड़े आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग कर रहे हैं. इस संबंध में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने चर्चा कराने के लिए नोटिस भी दिए थे. इस बीच, सत्ता पक्ष के कई सदस्यों ने ‘राहुल गांधी माफी मांगें’ के नारे लगाने शुरु कर दिए. हंगामा होता देख धनखड़ ने 11 बजकर 12 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर सभापति धनखड़ ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपनी बात कहने की अनुमति दी. खरगे ने कहा कि आज विभिन्न विपक्षी दलों के नेता प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय गए थे. उन्होंने कहा, ‘‘(अडाणी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच के लिए) जेपीसी गठित करने की मांग हम बार-बार कर रहे हैं. हम ईडी के निदेशक के पास गये थे....’’

नेता प्रतिपक्ष अपनी बात पूरी कर पाते, इससे पहले ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी. सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुए सभापति धनखड़ ने कहा कि सदन में व्यवस्था कायम होनी चाहिए और नेता प्रतिपक्ष की बात पूरे ध्यान से सुनी जानी चाहिए. लेकिन अपनी अपील का कोई असर न होते देख उन्होंने दोपहर दो बजकर तीन मिनट पर कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी. सदन के नेता पीयूष गोयल ने सोमवार और मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिये बिना लंदन में उनके दिये गये बयान की आलोचना करते हुए मांग की थी कि उन्हें देश एवं संसद से माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी के राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह गोहिल ने सदन के नेता गोयल के खिलाफ मंगलवार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया और आरोप लगाया कि गोयल ने लोकसभा के एक सदस्य (राहुल गांधी) के खिलाफ आरोप लगाकर उच्च सदन के नियमों एवं प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया है.

ज्ञात हो कि हाल ही में लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर ‘‘बर्बर हमला’’ हो रहा है. उन्होंने अफसोस जताया कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं. राहुल ने व्याख्यान में यह आरोप भी लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं. सत्ता पक्ष एक ओर जहां राहुल गांधी के बयान को लेकर उनसे माफी मांगे जाने की मांग पर अड़ा हुआ है वहीं कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्य अडाणी समूह के बारे में हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की लगातार मांग कर रहे हैं. विपक्षी सदस्यों ने इस मामले में जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर बजट सत्र के पहले चरण में भी सरकार को घेरा था. सोर्स- भाषा