चिकित्सा धर्म को ना भूले चिकित्सक ! राइट यू हेल्थ के खिलाफ कल प्रस्तावित महाबंद पर मंत्री परसादी लाल मीणा की खरी-खरी; जानिए क्या कुछ कहा

जयपुर: राइट यू हेल्थ बिल के खिलाफ चिकित्सकों के कल प्रस्तावित महाबंद पर चिकित्सा मंत्री की खरी-खरी सुनाई है. SMS के मेडिकल टीचर्स के बंद को समर्थन देने पर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने फर्स्ट इंडिया से खास बातचीत में कहा कि निजी अस्पताल चाहे तो चिरंजीवी में इलाज छोड़ दें लेकिन किसी भी सूरत में RTH बिल वापस नहीं होगा. 

उन्होंने कहा कि अस्पतालों में सरकारी चिकित्सक अभी भी काम कर रहे हैं. यदि वे कामकाज बंद करते हैं तो फिर सरकार भी सख्ती करेगी. विधानसभा में सभी सदस्यों ने एकस्वर में बिल पास किया है. आंदोलनरत चिकित्सक अपने आपको कानून से ऊपर ना समझे. कानून लाने से पहले सभी चिकित्सकों से बातचीत की गई थी. उनकी प्रत्येक बात को कानून में शामिल किया गया है. लेकिन अब चिकित्सक वादाखिलाफी कर रहे हैं जो बर्दाश्त से बाहर है. चिकित्सकों के आंदोलन से जनता के बीच सरकार की नेक मंशा जा रही है. 

राइट टू हेल्थ बिल को लेकर सीएम गहलोत ने भी साझा की मंशा: 
आपको बता दें कि इससे पहले राइट टू हेल्थ बिल (Right To Health Bill) को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उसके पीछे की मंशा को साझा किया है. उन्होंने ट्विटर पर एक मार्मिक क्लिप के जरिए बताया कि आखिर क्यों जरूरी है राइट टू हेल्थ ? उन्होंने दिल्ली में 24 वर्षीय युवक की आत्महत्या की घटना का भी जिक्र किया.  साथ ही कहा कि आर्थिक तंगी कैसे इलाज में बाधा बनती है ? कई बार तो दुर्भाग्य से खुदखुशी तक की नौबत ले आती है. इसलिए सरकार ने महसूस किया कि हर जिंदगी अनमोल है. किसी भी परिवार का चिराग आर्थिक तंगी के चलते ना बुझे. क्योंकि यूं किसी चिराग का बुझना पूरे समाज के लिए शर्मिंदगी है. 

राजस्थान में कल चिकित्सा सेवाएं बेपटरी रहेगी !
वहीं राजस्थान में कल चिकित्सा सेवाएं बेपटरी रहेगी ! RTH को लेकर जारी निजी चिकित्सकों के आंदोलन को मेडिकल टीचर्स का बड़ा समर्थन मिला है. मेडिकल टीचर्स ने राजस्था में कल प्रस्तावित महाबंद को समर्थन दिया है. मेडिकल टीचर्स के संगठन RMCTA और MCTAR ने महाबंद का ऐलान किया है. हालांकि इस दौरान इमरजेंसी और आईसीयू की सेवा यथावत रखने की घोषणा की. 

इलाज की चिंता में मरीजों का दिल्ली-गुजरात की तरफ रुख:
दूसरी ओर इलाज की चिंता में मरीजों का दिल्ली-गुजरात की तरफ रुख जारी है. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध का यह बड़ा साइड-इफेक्ट है. शिड्यूल डिलीवरी, एक्डेंटल इमरजेंसी, आपात सर्जरी समेत अन्य ट्रीटमेंट के लिए मरीज हैरान और परेशान हो रहे हैं. इसी के चलते इलाज के लिए दूसरे राज्यों की तरफ रुख कर रहे हैं. गर्भवती महिलाएं शिड्यूल डिलीवरी के लिए दूसरे राज्यों में जा रही है. 

राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में चिकित्सकों ने महारैली के रूप में हुंकार भरी:
आपको बता दें कि राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में सोमवार को राजधानी में चिकित्सकों ने महारैली के रूप में हुंकार भरी. प्रदेशभर के चिकित्सक सुबह एसएमएस मेडिकल कॉलेज के ग्राउड में एकत्र हुए और फिर रैली के रूप में गोखले हॉस्टल मार्ग, सूचना केंद्र टोंक रोड, महारानी कॉलेज तिराहा, अशोक मार्ग, राजपूत सभा भवन, पांच बत्ती, एमआई रोड, अजमेरी गेट, न्यू गेट, अल्बर्ट हॉल होते हुए वापस मेडिकल कॉलेज पहुंचे. रैली के बाद चिकित्सक नेताओं ने अपने मंसूबे साफ कर दिए कि अब सरकार से कोई वार्ता की जरूरत नहीं है. जब तक मौजूदा बिल को वापस नहीं लिया जाता, तब तक चिकित्सकों का आंदोलन बदस्तूर जारी रहेगा.