G7 देशों के नेताओं ने रूस से यूक्रेन में लड़ाई बंद करने का किया आह्वान

वाशिंगटन: जी-7 देशों के नेताओं ने शुक्रवार को रूस से यूक्रेन में अपनी लड़ाई खत्म करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रों की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के मौलिक सिद्धांतों तथा मानवाधिकार के प्रति सम्मान पर हमला है.

जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं. जी-7 के नेताओं की वर्चुअल बैठक के बाद इस समूह ने एक संयुक्त बयान में कहा कि रूस की गैर जिम्मेदाराना परमाणु हमले संबंधी बयान अस्वीकार्य हैं तथा उसे रासायनिक, जैविक, विकिरण या परमाणु हथियारों के इस्तेमाल करने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. यह बैठक अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुलायी थी.

अन्य तरह का जो भी नुकसान उसे पहुंचा रहा:
जी-7 देशों के नेताओं ने इस समूह के बीच विभिन्न कदमों के अनुपालन/क्रियान्वयन तथा रूस को इस समूह के आर्थिक फायदों से रूस को वंचित रखने के लिए ‘प्रवर्तन समन्वय तंत्र’ की स्थापना की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए हम अपना प्रयास जारी रखेंगे कि रूस यूक्रेन के दीर्घकालिक पुनर्निर्माण का भार उठाये. रूस ने यूक्रेन के विरूद्ध जो लड़ाई छेड़ रखी है तथा वह अहम बुनियादी ढांचों पर और अन्य तरह का जो भी नुकसान उसे पहुंचा रहा है, उसकी पूरी जिम्मेदारी वह उठाये.

संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे:
यूक्रेन युद्ध के एक साल होने पर अमेरिका रूस के आय वाले कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की घोषणाएं कर रहा है. ‘व्हाइट हाउस’ ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप रूस और रूस के बाहर के 200 से अधिक लोगों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे जो रूस के युद्ध का समर्थन कर रहे हैं. अमेरिका रूस के कुछ वित्तीय संस्थानों, उससे जुड़े भागीदारों, रूसी अधिकारियों तथा यूक्रेन में अवैध तरीके से संचालित कई अन्य संस्थाओं के खिलाफ पाबंदी की भी घोषणाएं करेगा. सोर्स-भाषा