VIDEO: ​राजस्थान विधानसभा में भूतों का साया ! 200 नंबर अधूरा, क्या भूतों का है पहरा? देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान विधानसभा में भूत प्रेत का साया है या फिर यहां किसी बुरी आत्मा का दखल है इसीलिए सदन में बहुत कम ऐसा हुआ जब दो सौ सदस्य एक साथ बैठे. अब इस तरह की चर्चा शुरू हो गई है. इसे संयोग ही माना जाएगा कि जब से राजस्थान विधानसभा ज्योति नगर की इस बिल्डिंग में शुरू हुई तब से शायद एक दो बार विधानसभा में सभी दो सौ सदस्य एक साथ बैठे पाए हैं. साल 2001 से लेकर अब तक की किसी भी बैठक में सदन की पूरी संख्या एक दो बार हुई है . इस दौरान कभी विधायकों के लोक सभा का चुनाव जीत जाने या कभी उनकी मृत्यु की वजह से दो सौ का आंकड़ा पूरा नहीं हुआ. साल 2013 में शुरूआत में एक विधायक बी एल कुशवाहा को हत्या के आरोप में जेल जाना पड़ा. कुछ महीने पहले मांडलगढ़ की बीजेपी विधायक कीर्ति कुमारी की अचानक मृत्यु हुई तो उपचुनाव हुआ जिसमे एक फरवरी को कांग्रेस के विवेक धाकड़ जीत कर विधानसभा पहुंचे. 

धाकड़ ने अभी शपथ ली ही थी कि बीजेपी के कल्याण सिंह की मौत हो गई. अब कल्याण सिंह की सीट पर उपचुनाव नहीं हुआ. क्योंकि राज्य में विधानसभा के चुनाव में दस महीने से कम समय बचा था. इन्ही तमाम बातों को लेकर बी जे पी के नागौर विधायक हबीबुर्ररहमान ने तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे से ग्रह शांति की पूजा करवाने का आग्रह कर डाला था.  विधायक हबीबुर्रहमान ने कहा था कि विधानसभा का ये भवन श्मशान और कब्रिस्तान पर बना हुआ है और इसकी वजह से कोई न कोई बात ऐसी है जिसकी वजह से सदस्य संख्या हर सत्र में अधूरी रहती है. सरकारी मुख्य सचेतक कालू लाल गुर्जर ने भी विधानसभा भवन में पूजा पाठ करवाने की पैरवी की थी.

वहीं 2018 से अब तक के कार्यकाल में अशोक गहलोत सरकार के दौरान भाजपा की विधायक किरण माहेश्वरी गौतमलाल मीणा और कैलाश त्रिवेदी का निधन हुआ था. प्रीति शक्तावत के पति गजेंद्र सिंह शक्तावत की भी मौत हुई थी. 200 विधायकों का आंकड़ा पूरा होने वाला था कि गुलाबचंद कटारिया संवैधानिक राज्यपाल के पद पर चले गए और वापस से आंकड़ा 199 रह गया. वहीं अब लग रहा था कि 200 के 200 विधायक एक साथ जीतकर आएंगे कि विधायक प्रत्याशी और वर्तमान विधायक गुरमीत सिंह कुंन्नर का निधन हो गया.

राजनेताओं में इस बात की खास चर्चा होती है कि विधानसभा में कोई नकारात्मक ऊर्जा है या फिर भूत हालांकि वह इस बात को स्वीकार भी नहीं करते लेकिन पूरी तरह से नकारते भी नहीं है. कुछ नेता इस बात को स्वीकारते हैं कि विधानसभा में भूत या नकारात्मक ऊर्जा है. राजस्थान विधानसभा में लंबे समय तक सदस्य रहे वरिष्ठ नेता नाथू सिंह गुर्जर से बिना पार्टी पॉलिटिक्स इस विषय पर बातचीत की तो उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि हमारे जमाने से भी यह बात अक्सर चर्चाओं में रहती थी.

जब कर्मचारियों से अनौपचारिक बात करते हैं तो कुछ कर्मचारी दबी जुबान से कहते है कि विधानसभा को लेकर इस तरीके की बातें सुनी है और एहसास भी किया है कि यहां पर कंपन होता है तो वहीं दूसरी तरफ कर्मचारियों ने मीडिया से बातचीत किए बिना इस चीज को स्वीकारा भी. विधानसभा के सदस्यों की तर्ज पर यहाँ के कर्मचारी भी इस बात से हमेशा डरे रहते है कि उनके साथ कोई अप्रिय घटना नहीं हो इसके चलते कई सालों से विधानसभा परिसर में बने शिव मंदिर में हर साल चार बार अभिषेक का कार्यक्रम करवाया जाता है.

विधानसभा में साल 2000 से ही यह संयोग है कि नए भवन में कभी भी 200 विधायकों की संख्या पूरी नहीं हुई. साल 2000 में गहलोत सरकार में मंत्री और सागवाड़ा से विधायक भीखा भाई भील का निधन हुआ, इसी साल लूणकरणसर से विधायक भीमसैन चौधरी का निधन हुआ. 2003 से 2008 के भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी यह संयोग जारी रहा. 2004 में लूणी से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री रामसिंह बिश्नोई का निधन हुआ, 2005 मेें डीग से भाजपा विधायक अरुण सिंह का निधन हो गया और इन दोनों जगह उपचुनाव हुआ. साल 2008 से 2013 में 13 वीं विधानसभा के दौरान किसी मौजूदा विधायक का निधन नहीं हुआ लेकिन चार विधायकों के जेल जाने से सदन में विधायकों की संख्या फिर कम हो हुई.

दिसंबर 2011 में मंत्री रहते हुए महिपाल मदेरणा और विधायक मलखान बिश्नोई भंवरी देवी हत्या प्रकरण में जेल चले गए, बाद में दुष्कर्म मामले में 2013 मेंं तत्कालीन मंत्री बाबूलाल नागर को जेल हो गई. 14 वीं विधानसभा मेें भी यह संयोग जारी रहा, धौलपुर से बसपा विधायक बीएल कुशवाह चुनाव जीतने के तत्काल बाद हत्या के मामले में जेल चले गए, बाद में कुशवाह को सजा होने से उनकी सदस्यता चली गई. धौलपुर में अप्रैल 2017 में उपचुनाव में शोभारानी कुशवाह जीती, अगस्त में मांडलगढ़ विधायक कीर्ति कुमारी का निधन हो गया, मांडलगढ उपचुनाव में ​कांग्रेस के विवकेक धाकड़ जीते, उपचुनाव के महीने भर से पहले ही नाथद्वारा विधायक कल्याण सिंह का निधन हो गया. विधानसभा के सदन में 200 विधायकों की संख्या पूरा नहीं होने का यह संयोग अब तक जारी है.

इसी संयोग ने राजनीति में रूचि रखने वाले कई लोगों को सकते में डाल दिया है. हालांकि संविधान की शपथ लेने वाले विधायकों के इन तर्कों को न विज्ञान मानता है, न संविधान.
इस तरीके की शक्तियों को लेकर कई बार हमारे घरों में भी हवन अनुष्ठान होते हैं तो जब लोग इस तरीके की बातें मान रहे हैं . इसी तर्क के आधार पर वसुंधरा राजे से पिछली बार दो विधायकों ने हवन अनुष्ठान की बात की थी. दुनिया भले ही चांद पर पहुंच गई हो 21वीं सदी की और विज्ञान की बात की जा रही हो लेकिन भूत प्रेतों को लेकर दुनिया के विकसित से लेकर विकासशील देशों में चर्चाएं होना आम बात है कमोबेश हर एक देश में भूत प्रेतों को लेकर कई किवदंतियां हैं लेकिन आज हम बात करेंगे राजस्थान विधानसभा भवन की इन दिनों राजस्थान विधानसभा भवन में विधायकों के बीच भूत-प्रेतों को लेकर चर्चाएं परवान पर है. 

जब यह पड़ताल की तो पड़ताल के दौरान एक खास बातचीत की तांत्रिक और एस्ट्रोलॉजर मनोज पारीक ने कहा विधानसभा भवन श्मशान और मंदिर भूमि पर बना हुआ है इसी के चलते यहां पर नकारात्मक उर्जाएं अक्सर हावी रहती हैं और मनहूसियत जैसा महसूस होता है. विधानसभा के अंदर आने की इजाजत दी जाए या फिर वहां आने के बाद उन्हें और अच्छे से नकारात्मक ऊर्जा को देखने की इजाजत दी जाए तो वह नकारात्मक ऊर्जा को अनुष्ठान के द्वारा निकलवा सकते हैं. मनोज पारीक तो यह भी दावा करते हैं कि वह प्रेत आत्माओं से साक्षात्कार भी करवा सकते हैं. हालांकि फर्स्ट इंडिया न्यूज़ कभी भी किसी अंधविश्वास पर विश्वास नहीं करता लेकिन जब लोगों में भूतों की चर्चाएं होती है तो उन्हें जनता के सामने लाने का प्रयास भी करता है. यह विषय बहुत बड़ा है दुनिया के विकसित से लेकर विकासशील देशों में भी नकारात्मक ऊर्जा और भूतों को माना जाता है. दुनिया भर में एक बड़ा धड़ा नकारात्मक ऊर्जा पर विश्वास करता है. लेकिन विज्ञान ऐसी चीजों को हमेशा नाकरता रहा है.