भारत में भगवान से भी ऊंचा गुरु को माना जाता है। आज देशभर में गुरु पूर्णिमा मनाई जा रही है। गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती हैं। गुरु पूर्णिमा का त्यौहार पुरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। भारतीय परम्परा में चली आ रही गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य इस दिन अपने गुरु की पूजा करता है। माना जाता है इस दिन अपने गुरु की पूजा करने से ज्ञान की वृद्धि होती है।
गुरु पूर्णिमा के दिन घर की सफाई, स्नान आदि कर साफ वस्त्र धारण करें। पवित्र स्थान कर पटिए पर सफेद वस्त्र बिछाकर व्यास-पीठ बनाएं। ‘गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजा करिष्ये’ मंत्र से पूजा का संकल्प लें। दसों दिशाओं में चावल छोड़ने के बाद व्यासजी, ब्रह्माजी, शुकदेवजी, गोविंद स्वामीजी और शकराचार्यजी का स्मरण कर पूजा शुरू करें।
इस दिन गुरु से मांगा हुआ हर वरदान पूरा होता है। माना जाता है कि गुरु पूर्णिमा एक ऐसा दिन होता है जब मन की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। लेकिन उससे पहले शुभ मुहूर्त में पूजा करना भी बेहद जरूरी है। यदि आपका कोई गुरु न हो तो किसी भी ईश्वर को, जिसके प्रति आपकी गहरी आस्था हो या जिसने आपको जीवन का मार्ग दिखाया हो उसकी आराधना करें।