Holika Dahan 2024: 9 शुभ योगों में आज होगा होलिका दहन, 7 सालों में पहली बार बना है ऐसा संयोग

जयपुर: 24 मार्च को होलिका दहन होगा और 25 को होली खेली जाएगी. इस साल होलिका दहन पर भद्रा का अशुभ काल रात करीब 11:13 बजे तक रहेगा. शहरों के हिसाब से ये समय कुछ मिनट आगे-पीछे हो सकता है, इसलिए रात 11:13 बजे बाद होली जलानी चाहिए. इस बार होली पर चंद्र ग्रहण भी है, लेकिन भारत में नहीं दिखने के कारण इसका महत्व नहीं रहेगा. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि रंगों का त्योहार होली इस बार 25 मार्च को मनेगा. इससे एक दिन पहले 24 तारीख को होली जलाई जाएगी. इस बार भद्रा दोष रहेगा इसलिए शाम की बजाय रात में होलिका दहन हो सकेगा. इस बार होलिका दहन के वक्त सितारे बेहद खास रहेंगे. जिससे 9 बड़े शुभ योग बनेंगे. ऐसा शुभ संयोग पिछले 700 सालों में नहीं दिखा. होलिका दहन के वक्त सर्वार्थसिद्धि, लक्ष्मी, पर्वत, केदार, वरिष्ठ, अमला, उभयचरी, सरल और शश महापुरुष योग बन रहे हैं. इन योग में होली जलने से परेशानियां और रोग दूर होंगे. ये शुभ योग समृद्धि और सफलतादायक रहेंगे. 24 मार्च को सुबह करीब 8:13 मिनट तक चतुर्दशी रहेगी. फिर पूर्णिमा शुरू हो जाएगी जो कि 25 मार्च को सुबह 11:44 बजे तक रहेगी. पूर्णिमा दो दिन तक होने से कन्फ्यूजन हो रहा है. 24 की शाम को पूर्णिमा होने से इसी तारीख को भद्रा खत्म होने के बाद होलिका दहन करना चाहिए. वहीं, 25 मार्च को सूर्योदय के वक्त पूर्णिमा तिथि होने पर इस दिन स्नान-दान और व्रत-पूजा करना चाहिए.

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि होलिका दहन के सितारों को देखते हुए ये होली देश के लिए आर्थिक और भौतिक उन्नति लेकर आ रही है. होली के बाद से दीपावली तक तेजी का माहौल बना रहेगा. लेकिन बिजनेस करने वालों के लिए अच्छी स्थितियां बनेंगे और फायदे वाला समय रहेगा. विदेशी निवेश में भी वृद्धि होने के योग हैं. मंदी खत्म होगी. देश में बीमारियों का संक्रमण कम होने लगेगा  उद्योग बढ़ेंगे. रियल एस्टेट से जुड़े लोगों को अच्छा समय शुरू होगा. महंगाई पर नियंत्रण बना रहेगा. देश में विकास योजनाओं पर तेजी से काम होने की संभावना है. हालांकि कई धार्मिक मामलों में विवाद और विरोध होने की आशंका है. राजनीति से जुड़े बड़े बदलाव होंगे. राजनेताओं में विवाद और टकराव बढ़ेंगे. देश में बीमारियां भी बढ़ सकती हैं.

होलिका दहन पर रहेगा भद्रा का साया 
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार होलिका दहन के लिए एक घंटा 20 मिनट का ही समय रहेगा. इसकी वजह इस दिन उस दिन भद्रा प्रातः 9:55 से आरंभ होकर रात्रि 11:13 तक भूमि लोक की रहेगी. जो की सर्वथा त्याज्य है. अतः होलिका दहन भद्रा के पश्चात रात्रि 11:13 से मध्य रात्रि 12:33 के मध्य होगा. 

24 मार्च को 9 बड़े शुभ योग में होलिका दहन
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार होलिका दहन के वक्त सितारे बेहद खास रहेंगे. जिससे 9 बड़े शुभ योग बनेंगे. ऐसा शुभ संयोग पिछले 700 सालों में नहीं दिखा. होलिका दहन के वक्त सर्वार्थसिद्धि, लक्ष्मी, पर्वत, केदार, वरिष्ठ, अमला, उभयचरी, सरल और शश महापुरुष योग बन रहे हैं. इन योग में होली जलने से परेशानियां और रोग दूर होंगे. ये शुभ योग समृद्धि और सफलतादायक रहेंगे.

सर्वार्थसिद्धि योग
इस योग के प्रभाव से हर काम में सफलता और फायदा मिलता है.

लक्ष्मी योग
अपने नाम के मुताबिक इस योग से धन लाभ होता है.

पर्वत योग
ये योग भाग्यशाली बनाता है. इसका विशेष फायदा राजनीति से जुड़े लोगों को होता है.

केदार योग
ये योग यश, वैभव और राजसत्ता देने वाला माना जाता है.

वरिष्ठ योग
इस योग से किस्मत का साथ, सफलता और प्रसिद्धि मिलती है.

अमला योग
ये योग भौतिक सुख और पद-प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला होता है.

उभयचरी योग
इस योग के प्रभाव से आर्थिक समृद्धि और किस्मत का साथ मिलता है.

सरल योग
ये योग दुश्मनों पर जीत दिलाने वाला होता है. इससे पराक्रम बढ़ता है.

शश महापुरुष योग
इस योग के प्रभाव से उम्म्र बढ़ती है. नौकरी और बिजनेस में तरक्की होती है

शुभ मुहूर्त 
होलिका दहन तिथि- 24 मार्च 2024  
भद्रा समाप्ति के बाद होलिका दहन मुहूर्त 
24 मार्च 2024 - रात्रि 11:13 से मध्य रात्रि 12:33 
कुल अवधि - लगभग 01 घंटे 20 मिनट 

होली तिथि 
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 24 मार्च 2024 को सुबह 8:13 मिनट
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 25 मार्च 2024 को सुबह 11:44 मिनट

हवा की दिशा से तय होता है कैसा बीतेगा साल
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि होलिका दहन की आग से उठने वाली लौ की दिशा से तय होता है कि साल के आगामी दिनों का भविष्य कैसा होगा.  होलिका दहन के समय अग्नि की लौ या धुआं देखकर भविष्य का अनुमान लगाते हैं. होलिका दहन के दौरान हवा की दिशा से तय होता है कि अगली होली तक का समय सेहत, रोजगार, शिक्षा, बिजनेस, कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए कैसा होगा. होलिका जलने पर जिस दिशा में धुंआ उठता है, उससे आने वाले समय का भविष्य जाना जाता है. होलिका दहन की आग सीधी ऊपर उठे तो उसे बहुत शुभ माना गया है. होलिका दहन की लौ पूर्व दिशा की ओर झूके तो इसे बहुत शुभ माना गया है. इससे शिक्षा-अध्यात्म और धर्म को बढ़ावा मिलता है. होली की आग पश्चिम की ओर उठे तो पशुधन को लाभ होता है. आर्थिक प्रगति होती है. थोड़ी प्राकृतिक आपदाओं की आशंका भी रहती है. होलिका दहन के वक्त आग उत्तर दिशा की ओर होती है तो देश और समाज में सुख-शांति बढ़ती है. वहीं, दक्षिण दिशा की ओर झुकी होलिका की आग को देश में बीमारियां और दुर्घटनाओं का संकेत देने वाला माना जाता है.