भारत ने बासमती चावल के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध: सरकारी अधिसूचना

नई दिल्ली : पेराबॉइल्ड चावल पर 20 फीसदी शुल्क लगाए जाने के एक दिन बाद भारत ने बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. मंत्रालय ने कहा कि 1200 डॉलर प्रति टन से कम कीमत पर अनुबंधित बासमती चावल का निर्यात अब अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने रविवार को एक अधिसूचना में कहा कि यह कदम गैर-बासमती निर्यात पर रोक लगाने के लिए है जो प्रतिबंधित है लेकिन बासमती की आड़ में निर्यात किया जा रहा है.

सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि, "1200 डॉलर प्रति टन से कम बासमती चावल के अनुबंधों को स्थगित रखा जा सकता है और एपीडा के अध्यक्ष द्वारा गठित एक समिति द्वारा इसका मूल्यांकन किया जा सकता है." कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) बासमती चावल निर्यात के नियमन के लिए जिम्मेदार है. अधिसूचना में कहा गया है कि एमईपी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि गैर-बासमती चावल को बासमती चावल के रूप में निर्यात नहीं किया जाएगा.

रोक लगाने का उद्देश्य है घरेलू कीमतों को नियंत्रन करना: 

भारत ईरान, इराक, यमन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों को लगभग 4 मिलियन मीट्रिक टन बासमती चावल भेजता है. बासमती चावल पर अस्थायी प्रतिबंध से पहले, सरकार ने  पेराबॉइल्ड चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाया था, इस कदम का उद्देश्य पर्याप्त स्थानीय स्टॉक बनाए रखना और घरेलू कीमतों को नियंत्रण में रखना था. पिछले महीने, सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और आगामी त्योहारी सीजन के दौरान खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. पिछले साल सितंबर में टूटे हुए चावल के निर्यात पर रोक लगा दी गई थी.