सूरीनाम की प्रगति और विकास में सहयोग करने को भारत तैयार- द्रौपदी मुर्मू

पारामारिबो: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत, सूरीनाम के साथ अपने अनुभवों को साझा करने और उसकी प्रगति एवं विकास में सहयोग करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि दोनों देश भौगोलिक रूप से एक दूसरे से अलग हो सकते हैं लेकिन साझा इतिहास और धरोहर के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े हैं. राष्ट्रपति मुर्मू तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर रविवार को सूरीनाम पहुंचीं. पिछले साल जुलाई में राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है.

राष्ट्रपति मुर्मू और उनके समकक्ष चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने मंगलवार को यहां भारतीय समुदाय और फ्रेंड्स ऑफ इंडिया के लिए भारतीय दूतावास की मेजबानी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया. कार्यक्रम से पहले, ओडिशा के बालासोर में रेल दुर्घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. इस रेल दुघर्टना में कम से कम 278 लोगों की मौत हो गई और 900 से अधिक लोग घायल हुए हैं. राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में आधारभूत संरचना, डिजिटल सेवा, नयी प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत में आए बदलाव और प्रगति को रेखांकित किया और कहा कि भारत, सूरीनाम के साथ अपने अनुभवों को साझा करने और उसकी प्रगति एवं विकास में सहयोग करने को तैयार है. मुर्मू ने कहा कि हम भौगोलिक रूप से एक दूसरे से अलग हो सकते हैं लेकिन साझा इतिहास और धरोहर के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े हैं. सूरीनाम और सूरीनाम के लोगों का हमारे दिलों में विशेष स्थान है. आप सभी दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग के लिए सेतु के रूप में काम कर रहे हैं. 

एक तरह से आप सूरीनाम में भारत के स्थायी दूत हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार की प्राथमिकता दुनियाभर में भारतीय समुदाय के साथ स्थायी सम्पर्क का निर्माण करना है. उन्होंने कहा कि हमें इस देखकर गर्व है कि सूरीनाम में भारतीय मूल के लोग सेवा के शिखर तक पहुंचे हैं.’’ उन्होंने राष्ट्रपति संतोखी के भारतीय मूल का होने का उल्लेख किया. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सूरीनाम में भारतीयों के आगमन के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर का हिस्सा बनना उनके लिए खास बात है और यह हमारे लिए गर्व की बात है कि सूरीनाम में भारतीय शीर्ष स्तर तक पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय, सूरीनाम के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र सहित यहां के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. सोर्स- भाषा