जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने समाधि ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी भावपूर्ण विनयांजली

नई दिल्ली: जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने समाधि ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आचार्य श्री की समाधि पर भावपूर्ण विनयांजली दी. पीएम मोदी ने अपनी X पोस्ट में लिखा- मेरे विचार और प्रार्थनाएं आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के अनगिनत भक्तों के साथ हैं. आने वाली पीढ़ियां उन्हें समाज में उनके अमूल्य योगदान के लिए याद रखेंगी. विशेषकर लोगों में आध्यात्मिक जागृति के उनके प्रयासों, गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य कार्यों के लिए उनके अमूल्य योगदान के लिए याद रखेंगी. मुझे वर्षों तक उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ. मैं पिछले साल के अंत में डोंगरगढ़, छत्तीसगढ़ में चंद्रगिरि जैन मंदिर की अपनी यात्रा को कभी नहीं भूल सकता. उस समय मैंने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के साथ समय बिताया था और उनका आशीर्वाद भी प्राप्त किया था.

आपको बता दें कि संत शिरोमणि जैन आचार्य श्री विद्यासागर जी का देवलोकगमन हो गया. डोंगरगढ़ के चन्द्रगिरि तीर्थ में 3 दिन उपवास के बाद शरीर त्याग दिया. देर रात 2:35 बजे आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपना शरीर त्याग दिया. पूर्ण जागृतावस्था में उन्होंने आचार्य पद का त्याग करते हुए 3 दिन का उपवास लिया था और अखंड मौन धारण कर लिया था, जिसके बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए. आचार्य श्री के शरीर त्यागने की खबर से सकल जैन समाज में शोक की लहर है. जैन समाज के लोगों का छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ के चन्द्रगिरि तीर्थ पर जुटना शुरू हुआ.

आज दोपहर 1 बजे होगी आचार्य श्री की अंतिम संस्कार विधि होगी. पिछले साल आचार्य श्री से मिलने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे थे. 77 साल की उम्र में देर रात 2:30 बजे समतापूर्वक समाधि ली. 3 दिन पहले जैन परंपरानुसार समाधि मरण की प्रक्रिया शुरू की थी. अन्न जल का त्याग कर अखंड मौन व्रत भी धारण कर लिया था. आचार्य विद्यासागर महाराज का कर्नाटक के सदलगा गांव में 10 अक्टूबर 1946 को शरद पूर्णिमा दिन के जन्म हुआ था. आचार्य विद्यासागर महाराज को जैन समाज में वर्तमान के वर्धमान कहा जाता था. आचार्यश्री के देहत्याग की खबर मिलते ही चन्द्रागिरि तीर्थ पर लोगों का जुटना शुरू हो गया.