निजी चिकित्सकों की सरकारी एजेंसियों को खुली चुनौती ! "राइट टू हेल्थ" बिल को लेकर अब टकराव जैसे हालात; JDA कार्रवाई के अंदेशे से चिकित्सकों में रोष

जयपुर: राइट टू हेल्थ बिल को लेकर अब टकराव जैसे हालात पैदा हो गए हैं. JDA कार्रवाई के अंदेशे को देखते हुए निजी चिकित्सकों ने सरकारी एजेंसियों को खुली चुनौती दी है ! PHNS के सचिव डॉ. विजय कपूर ने बयान जारी करते हुए कहा कि आंदोलन की सफलता से अफसरों में खलबली है. ऐसे में अब आंदोलन को दबाने के लिए दमन कारी नीति अपनाई जा रही है. 

उन्होंने कहा कि जेडीए की टीमों ने कई अस्पतालों की फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी करवाई है. बिल्डिंग बायलॉज का हवाला देकर बुलडोजर चलाने के मैसेस आ रहे हैं. लेकिन चिकित्सक समुदाय इस तरह की धमकियों से डरने वाला नहीं है. एक भी अस्पताल पर आंच आई तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे हालात में चिकित्सक आंदोलन की दिशा ही बदलने को मजबूर होंगे. आंदोलन इतना उग्र होगा जिसकी कल्पना ही नहीं की जा सकती है. ऐसे मे डॉ. कपूर ने आगाह किया कि सरकारी एजेंसियां दमनकारी नीति पर ना उतरे. राइट टू हेल्थ बिल को विड्रो किया जाए, अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा. 

स्वास्थ्य विभाग से JDA को अस्पतालों की सूची मिली: 
आपको बता दें कि राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे निजी अस्पतालों पर सख्ती की चर्चा जोरों पर है. स्वास्थ्य विभाग से JDA को अस्पतालों की सूची मिली है. JDA की एनफोर्समेंट विंग ने अस्पतालों की रिपोर्ट तैयार करवाना शुरू किया है. शाम तक सभी अस्पतालों की मौका रिपोर्ट तैयार करवाने की कवायद है. बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन पाने पर निजी अस्पतालों पर कार्रवाई होगी. JDA अस्पतालों पर बिल्डिंग बॉयलॉज नियमों के तरहत कार्रवाई करेगा. स्वास्थ्य विभाग से JDA को 175 अस्पतालों की दो अलग-अलग सूची मिली है. एक सूची में 118 और दूसरी सूची में 57 अस्पतालों के नाम है.