Uttarakhand: जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने अपना आंदोलन स्थगित किया, ग्यारह सूत्री मांगों पर बनी सहमति!

गोपेश्वर: चमोली जिला प्रशासन के लिखित आश्वासन के बाद 'जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति' ने बृहस्पतिवार को अपना 107 दिन पुराना आंदोलन स्थगित कर दिया. संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने बताया कि जोशीमठ की उपजिलाधिकारी के माध्यम से संघर्ष समिति द्वारा मुख्यमंत्री को दी गयी ग्यारह सूत्री मांगों पर जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही का लिखित आश्वासन दिया गया है. उन्होंने कहा कि इसके बाद समिति ने अपना आंदोलन अगले बीस दिनों के लिए स्थगित कर दिया है.

सती ने कहा कि अगले महीने की 11 तारीख को संघर्ष समिति प्रशासन की कार्रवाई की समीक्षा करेगी जिसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी. उपजिलाधिकारी ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता का हवाला देते हुए जानकारी दी है कि संघर्ष समिति की ग्यारह सूत्री मांगों के निराकरण के लिए प्रशासन अग्रसर है. समिति द्वारा आठ अप्रैल को मुख्यमंत्री के सामने रखी मांगों में सम्पूर्ण जोशीमठ को आपदा प्रभावित घोषित करते हुए प्रभावित वर्गों जैसे व्यवसाइयों, दिहाड़ी मजदूरों, पर्यटन पर निर्भर लोगों तथा कृषकों को हुए नुकसान की भरपाई करने, जोशीमठ भूधंसाव के संदर्भ में देश की शीर्ष आठ संस्थाओं द्वारा किए गए अध्ययन की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने, सरकार द्वारा घोषित मुआवजा नीति में होम-स्टे को व्यावसायिक श्रेणी से हटाने, बेघर हुए प्रभावितों के लिए स्थाई पुनर्वास की व्यवस्था होने तक वैकल्पिक व्यवस्था कम से कम साल भर तक चलाने तथा तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की निर्माण एजेंसी एनटीपीसी कंपनी के साथ हुए 2010 के समझौते को लागू करना आदि शामिल हैं.

इसके अलावा, जोशीमठ के स्थाईकरण एवं नव निर्माण के कार्यों की निगरानी के लिए समिति बनाने तथा उसमें जोशीमठ बचाओ संघर्ष समि​ति को शामिल करने तथा सरकार द्वारा दिए जा रहे भवनों के मुआवजा की प्रक्रिया को आसान बनाने की मांग भी शामिल है. समिति ने राज्य सरकार को चेतावनी दी थी कि उनकी मांगों के समाधान की दिशा में कार्यवाही नहीं किए जाने पर बदरीनाथ यात्रा के दौरान जोशीमठ में चक्काजाम किया जाएगा. जोशीमठ को बदरीनाथ यात्रा का प्रवेशद्वार कहा जाता है. बदरीनाथ यात्रा 27 अप्रैल को शुरू हो रही है. सोर्स- भाषा