नहीं रही मछली की बेटी कृष्णा ! कमजोरी और बीमारी से लंबे संघर्ष के बाद मौत; 12 शावकों को जन्म देने वाली दूसरी बाघिन

जयपुर: वन्यजीव प्रेमियों के लिए दुखद खबर है. सवाई माधोपुर के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में कमजोरी और बीमारी से लंबे संघर्ष के बाद मछली की बेटी कृष्णा की मौत हो गई! जीवन के अंतिम पड़ाव पर चल रही कृष्णा लंबे संघर्ष के बाद आज जिंदगी की जंग हार गई. कृष्णा एरोहेड की मां और रिद्धि-सिद्धि की नानी है. 17 वर्षीय कृष्णा टी 19 का लकड़दा चौकी के पास शव मिला है. 

वह पिछले काफी दिनों से शिकार नहीं कर पा रही थी. वृद्धावस्था के चलते चलने फिरने में भी परेशानी हो रही थी. फील्ड डायरेक्टर सेडूराम यादव खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे थे. बाघिन टी 19 के शव का पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा. बाघिन टी-19 कृष्णा तीन बार शावकों को जन्म दे चुकी है.

मछली के बाद सबसे अधिक शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड बाघिन टी-19 कृष्णा के नाम:  
आपको बता दें कि बाघों की औसतन आयु 15 वर्ष होती है. ऐसे में बाघिन कृष्णा अपनी प्राकृतिक आयु पूर्ण चुकी थी. उम्रदराज होने से बाघिन नियमित रूप से शिकार नहीं करने के कारण काफी कमजोर भी हो गई थी. उल्लेखनीय है कि रणथम्भौर में मछली के बाद सबसे अधिक शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड बाघिन टी-19 कृष्णा के नाम है. रणथंभौर क्विन के नाम से विख्यात बाघिन मछली ने जहां 16 शावकों को जन्म दिया था, वहीं उसकी बेटी कृष्णा ने 12 शावकों को जन्म दिया. यह रणथम्भौर की उम्रदराज बाघिन थी.