महाजेनको ने नागपुर में प्रस्तावित दो कोयला बिजली इकाइयों को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की

नागपुर: महाराष्ट्र राज्य बिजली उत्पादन कंपनी (महाजेनको) ने नागपुर के कोराडी में प्रस्तावित 660 मेगावॉट की अपनी दो कोयला बिजली इकाइयों के खिलाफ मुकदमेबाजी की आशंका को लेकर बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में कैविएट याचिका दायर की है. प्रस्तावित कोयला बिजली इकाइयों का पर्यावरणविदों और अन्य कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है. उन्होंने एक मौजूदा बिजली संयंत्र के कारण वायु, भूमि और जल प्रदूषण को लेकर चिंता जताई है.

अधिवक्ता मोहित खजांची के माध्यम से सोमवार को दाखिल कैविएट याचिका में मांग की गई है कि हाल ही में महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) द्वारा आयोजित एक पर्यावरण जन सुनवाई में भाग लेने वाले 87 लोगों में से किसी के द्वारा शुरू किए गए मुकदमे के मामले में महाजेनको को सुना जाएगा. कैविएट याचिका मुकदमेबाजी की आशंका वाले व्यक्ति या प्राधिकरण द्वारा एहतियाती उपाय के रूप में दायर की जाती है. कैविएट याचिका दायर करने वाला व्यक्ति / प्राधिकरण चाहता है कि मुकदमा दायर होने की स्थिति में कोई आदेश पारित होने से पहले वह अपना पक्ष रखे और उसे सुना जाए. 

कैविएट में कहा गया है, “हमारा आग्रह है कि नागरिक प्रक्रिया संहिता की धारा 148-ए के तहत याचिकाकर्ता को ठहरने और/या यथास्थिति और/या निषेधाज्ञा और/या किसी अन्य के लिए किसी भी आवेदन/प्रार्थना में उचित नोटिस के बिना कोई आदेश पारित नहीं किया जाना चाहिए.” याचिका में कहा गया है कि कंपनी ने कोराडी में मौजूदा ताप विद्युत संयंत्र के परिसरों में 660 मेगावॉट की दो कोयला आधारित बिजली इकाइयां स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है. कैविएट की एक प्रति एमपीसीबी की पर्यावरण जन सुनवाई में शामिल हुए 87 लोगों को भी भेज दी गई है. सोर्स- भाषा