VIDEO: सरिस्का और रणथम्भौर कोर जोन में 3 माह का मानसून ब्रेक, 30 सितम्बर तक नहीं होंगी पर्यटन गतिविधियां, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: रणथंभौर और सरिस्का के कोर जोन में सफारी के इच्छुक पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों को अब तीन महीने इंतजार करना होगा. दोनों टाइगर रिजर्व में अब 30 सितंबर तक मानसून ब्रेक रहेगा और पर्यटन गतिविधियां नहीं होंगी. रणथंभौर, सरिस्का व रामगढ़ विषधारी का बफर जोन बुधवार को छोड़कर रोजाना खुलेगा. इधर वन विभाग की ट्री आउट साइड फॉरेस्ट योजना कल से शुरू होगी तो झालाना व आमागढ़ में पर्यटकों का फ्लो बढ़ जाएगा. मानसून के साथ ही जंगलात महकमे की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं. पौधा रोपण, पौध वितरण और टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधि बंद होने से वहां सर्विलांस भी बढ़ाना पड़ता है, ताकि किसी तरह की शिकार की घटना न हो और रास्तों को भी दुरुस्त किया जा सके.

दरअसल मानसून के दौरान रणथंभौर और सरिस्का के कोर जोन 1 जुलाई से 30 सितंबर तक बंद रखे जाते हैं. इस दौरान वन्यजीवों का ब्रीडिंग टाइम भी होता है और जंगल में बरसात से रास्ते भी काफी खराब हो जाते हैं इसलिए यहां पर्यटन गतिविधियां बंद रखी जाती हैं. रणथंभौर के जोन 1 जोन 5 तक क कोर रूट्स बंद रहते हैं और जोन 6 से 10 के बफर रूट्स शुरू रहते हैं. इसी तरह सरिस्का में बारा लिवारी सदर रूट और सदर गेट से पांडूपोल तक का रूट खुला रहता है. हाल में शुरू किए गए रामगढ़ विषधारी के भी दलेलपुरा से टाइगर हिल तक के सदर रूट के शुरू रखा जाएगा. 

आदेश के मुताबिक तीनों ही टाइगर रिजर्व में प्रत्येक बुधवार को सदर रूट्स पर भी सफारी बंद रखी जाएगी. इसी तरह प्रदेशभर में ट्री आउट साइड फॉरेस्ट योजना भी 1 जुलाई से शुरू हो रही है. योजना के तहत सरकारी विभाग, पंचायत राज संस्था, नगर निकाय और आमजन को बहुत कम कीमत पर फल, फूल और छायादार पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे. योजना का उद्देश्य भी यही है कि जंगल से बाहर के क्षेत्रों को हरा भरा किया जा सके ताकि पर्यावरण सुधार हो और हरित राजस्थान की कल्पना भी साकार हो सके. वन विभाग की पौधशालाओं में इसके लिए 70 से अधिक किस्म के पांच करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं जो 1 जुलाई से वन विभाग की नर्सरीज से वितरित किए जाएंगे. 

पहली बार ऑनलाइन भी पौधे बुक किए जा सकते हैं. वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल के स्तर पर योजना की मॉनिटरिंग की जाएगी. पीसीसीएफ हॉफ मुनीष गर्ग व पीसीसीएफ विकास पवन उपाध्याय लगातार ट्री आउट साइड फॉरेस्ट योजना को लेकर संबंधित अधिकारियों से संवाद कर रहे हैं. इसी तरह मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर टाइगर रिजर्व में व्यवस्थाओं को लेकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं. टाइगर रिजर्व के कोर जोन बंद होने के बाद पर्यटकों का रुझान झालाना व आमागढ़ की तरफ होगा ऐसे में तोमर का प्रयास है कि लेपर्ड रिजर्व में व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखा जाए. इसके लिए डीसीएफ संग्राम सिंह कटियार के नेतृत्व में संबंधित दोनों लेपर्ड रिजर्व की टीम मुस्तैद है.