VIDEO: गति शक्ति विश्वविद्यालय और एयरबस के बीच MoU, परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों पर विशेष रूप से होगा ध्यान केंद्रित

जयपुर: भारतीय रेलवे का मकसद देश में रेलो का बेहतर प्रबंधन के साथ रेलों की स्पीड बढ़ाने की योजना तैयार की थी जिसका नाम रखा गया है गति शक्ति योजना. इसके तहत देश के सभी बड़े रेलवे स्टेशनों पर रेलों की गति को अपडेट करने का काम जारी है. अब इसी दिशा में रेलवे ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए गति  शक्ति   विश्वविद्यालय भी बनाया है. रेलवे की ये यूनिवर्सिटी गुजरात के वडोदरा में है. इस में पढ़ने वाले छात्र उद्योग के लिए तैयार होंगे.

वडोदरा में भारतीय रेलवे की गति शक्ति यूनिवर्सिटी (जीएसवी) और एयरबस ने भारतीय विमानन क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. हाल ही में एयरबस और टाटा ने गुजरात के वडोदरा में भारत में सी-295 विमान का डिजाइन, नवाचार, निर्माण और विकास के लिए एक साझेदारी की घोषणा की थी. एयरबस दुनिया में वाणिज्यिक विमानों का सबसे बड़ा निर्माता है और हेलीकॉप्टरों, रक्षा एवं अंतरिक्ष उपकरणों का एक प्रमुख निर्माता है. इस कंपनी का भारत के साथ पुराना संबंध है. कंपनी भारत को एक विश्व स्तरीय वाणिज्यिक विमानन केंद्र और प्रतिभा और संसाधनों के केंद्र के रूप में देखती है.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक जीएसवी प्रबल उद्योग-अकादमिक साझेदारी पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा. इसके सभी कोर्स उद्योग के सहयोग से तैयार किए जाएंगे. जीएसवी में अध्ययन करने वाले छात्र उद्योग के लिए तैयार होंगे. परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में रोजगार के लिए उनकी अत्यधिक मांग होगी. एयरबस के साथ ये समझौता ज्ञापन इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरुप छात्रों के लिए नौकरी के अवसर उत्पन्न करेगा. माना जा रहा है कि एयरबस भारतीय परिचालन में 15,000 छात्रों को नौकरियों के अवसर प्रदान करेगा.

गति शक्ति विश्वविद्यालय आने वालों दिनों में मील का पत्थर साबित होगा. जिसका मुख्य उद्देश्य  रेलवे, शिपिंग, बंदरगाहों, राजमार्गों, सड़कों, जलमार्गों और विमानन आदि में राष्ट्रीय विकास योजनाओं को पूरा करना है. भारतीय रेलवे के सभी केन्द्रीकृत प्रशिक्षण संस्थानों में पेशेवरों का एक संसाधन पूल तैयार करेगा.

... फर्स्ट इंडिया के लिए जियाउद्दीन खान की रिपोर्ट, जयपुर