MP: राजगढ़ के माना गांव में कुएं में मिले 3 शव

नई दिल्ली : जिस योजना के लिए प्रशासन को दिल्ली में सराहना मिली उसी योजना की विफलता के कारण मध्य प्रदेश में तीन लोगों की जान चली गई. सरकार की नल जल परियोजना की विफलता, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया था. योजना के चलते कथित तौर पर तीन लोगों की मौत हो गई, जिनकी लाशें राजगढ़ जिले के माना गांव में एक कुएं में मिलीं. 

अधिकारी के अनुसार, स्थानीय लोगों का दावा है कि मृतक दलित समुदाय से थे और एक ही परिवार के सदस्य थे. तीनों लोग माणा गांव में 30 फुट गहरे कुएं में सफाई करने के लिए उतरे थे, जहां तीनों की डूबकर या दम घुटने से मौत हो गई.

जल जीवन मिशन जिम्मेदार: 

मध्य प्रदेश में होने वाली मौतों के लिए मप्र सरकार की प्रमुख योजना नल जल योजना, जिसे जल जीवन मिशन भी कहा जाता है, को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. इसी योजना को राज्य के निवासियों और दिल्ली के निवासियों दोनों से सराहना मिली. जिस गांव में एक कुएं से तीन शव मिले थे, वहां 3,000 निवासी और लगभग 150 घर हैं. इस गांव में हर घर तक पानी पहुंचाने की सरकार की योजना लागू हो चुकी है, लेकिन अभी तक घरों में नल से पानी नहीं पहुंच सका है. यही कारण है कि लोगों के घरों में कुएँ होते हैं.

गांव कर रहा पीने के पानी की कमी का सामना: 

भारत की आज़ादी के बाद से, राजगढ़ का यह प्रमुख गांव पीने के पानी की कमी का सामना कर रहा है. मरने वाले तीन लोगों में ओमप्रकाश अहिरवार (30), कांताप्रसाद अहिरवार (30) और विष्णु अहिरवार (24) शामिल हैं. गाँव के घरों में पानी की समस्या हो रही है और कुएँ खोदकर इससे निपटा जा रहा है.

ग्रामीणों ने मौत के लिए ठहराया सरकार को जिम्मेदार: 

ग्रामीणों ने तीन लोगों की मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उनका दावा है कि यदि जल जीवन मिशन को समुदाय में लागू किया गया होता, तो तीन में से कोई भी मौत नहीं होती क्योंकि सरकार के कार्यक्रम के तहत घरों में नल की सुविधा होती. पानी की कमी के कारण अपने भतीजे को खोने वाले रमेश ठेकेदार ने कहा कि अगर पानी होता तो परिवार के तीन अन्य सदस्य नहीं मरते.