Mumbai: भारी बारिश के बाद विहार और तानसा झीलें पानी से लबालब

नई दिल्ली : बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के मद्देनजर, मुंबई के लिए पीने योग्य पानी के प्रमुख स्रोत तानसा और विहार झीलें बुधवार को ओवरफ्लो होने लगीं. मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाले सात जलाशयों में से विहार, तानसा और तुलसी झीलें अब तक ओवरफ्लो हो चुकी हैं.

बीएमसी ने कहा कि मुंबई के संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित विहार झील रात 12.48 बजे ओवरफ्लो हो गई, जबकि पड़ोसी ठाणे जिले में स्थित तानसा झील बुधवार सुबह 4.35 बजे ओवरफ्लो हो गई. मुंबईकरों को पानी की आपूर्ति करने वाली 7 झीलों में से तानसा झील आज (26 जुलाई, 2023) सुबह 4:35 बजे ओवरफ्लो होना शुरू हो गई है, यह सूचना नागरिक निकाय ने ट्वीट के जरिए दी.

20 जुलाई को तुलसी झील हुई थी ओवरफ्लो:

शहर और उपनगरों में भारी बारिश के बाद 20 जुलाई को तुलसी झील ओवरफ्लो हो गई.
मुंबई को सात जलाशयों, भाटसा, ऊपरी वैतरणा, मध्य वैतरणा, तानसा, मोदक सागर, विहार और तुलसी, से 3,800 एमएलडी (प्रति दिन लाखों लीटर) पानी मिलता है, जो मुंबई, ठाणे और नासिक जिलों में स्थित हैं.

पा​नी की कमी के करण बीएमसी ने 1 जुलाई से की थी पानी की कटौती: 

विशेष रूप से, मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाली झीलों के जलग्रहण क्षेत्रों में उस समय अपर्याप्त वर्षा के कारण पानी का स्तर कम होने के बाद, बीएमसी ने 1 जुलाई से यहां 10 प्रतिशत पानी की कटौती की थी. बीएमसी अधिकारियों ने कहा कि मुंबई में पवई झील भी इस महीने की शुरुआत में ओवरफ्लो होने लगी थी, लेकिन इसके पानी का उपयोग पीने के लिए नहीं किया जाता है.

तानासा झील के ओवरफ्लो होने पर किया था पानी का निर्वहन शुरू: 

ठाणे जिले के अधिकारियों द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि तानसा झील के ओवर होने के परिणामस्वरूप, जलाशय से 1,100 क्यूसेक (क्यूबिक फुट प्रति सेकंड) पानी का निर्वहन शुरू कर दिया गया है. इसमें कहा गया है कि विहार और तुलसी झीलों में जल भंडारण 100 प्रतिशत था, जबकि तानसा में 99.91 प्रतिशत, मोदक सागर में 87.69 प्रतिशत और मध्य वैतरना जलाशय में 67.95 प्रतिशत था.

महाराष्ट्र के जलाशय का जल भंडारण: 

विज्ञप्ति में कहा गया है कि ठाणे जिले के बारवी बांध में जल भंडारण 80.76 प्रतिशत था, जबकि भटसा बांध में यह 61.72 प्रतिशत था. पालघर जिले में, धामनी बांध में जल भंडारण 92.35 प्रतिशत और कवड़ा और वंड्री जलाशयों में 100 प्रतिशत था. विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके अलावा, नासिक में ऊपरी वैतरणा जलाशय में जल भंडारण 52.14 प्रतिशत था.