ओडिशा ट्रेन हादसा: 81 शवों में से 29 की पहचान हुई

भुवनेश्वर: भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) ने शुक्रवार को कहा कि ओडिशा के बालासोर में दो जून को हुए ट्रेन हादसे के बाद जिन 81 शवों की पहचान नहीं हो पाई थी, उनमें से 29 की पहचान कर ली गई है. इन शवों को एम्स में रखा गया है. 

गौरतलब है कि ट्रेन हादसे में 293 लोगों की जान गई थी. बीएमसी की महापौर सुलोचना दास ने बताया कि शवों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. दास ने कहा, भुवनेश्वर स्थित एम्स में रखे 81 में से 29 शव की पहचान डीएनए की जांच के आधार पर की गयी. हमने शवों को परिवारों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. 

एक शव पर कई दावेदार होने के बाद डीएनए जांच कराने का फैसला कियाः
महापौर ने कहा कि रेलवे और एम्स के अधिकारियों ने एक शव पर कई दावेदार होने के बाद डीएनए जांच कराने का फैसला किया था. दास ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी शवों को उनके मूल स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की है. उन्होंने कहा, पांच परिवार एम्स पहुंच भी गए हैं. ये 29 शव जिनकी पहचान की गई है उनमें से अधिकतर ओडिशा के हैं और अन्य पश्चिम बंगाल तथा बिहार से नाता रखने वाले लोगों के शव हैं. 

अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में केंद्रीय प्रयोगशाला से डीएनए रिपोर्ट मिलने में करीब 20 दिन लग गए. 81 शव की पहचान के लिए 88 डीएनए नमूने भेजे गए थे. चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा जाने वाली एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी दो जून को बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन के पास एक घातक दुर्घटना का शिकार हो गई थी.  

इसमें 293 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें से 287 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था. छह अन्य की मौत विभिन्न अस्पतालों में इलाज के दौरान हुई. अधिकारी ने बताया कि अधिकतर लोगों के शवों को सौंप दिया गया था. भुवनेश्वर एम्स में तीन कंटेनर में इन 81 शवों को रखा गया, क्योंकि इनकी पहचान नहीं हो पाई थी. शवों को संरक्षित रखने के लिए इन कंटेनर में तापमान शून्य से 17 डिग्री सेल्सियस नीचे रखा गया है. सोर्स भाषा