Jodhpur: सैकड़ों बीघा जमीन पर रातों रात अतिक्रमण; नगर पालिका ने चिन्हित करें कब्जे, तोड़ने की बनेगी प्लानिंग

जोधपुर: नगर पालिका की नागौर रोड पर खसरा नंबर 188 की सैकड़ों बीघा जमीन पर रातों रात अतिक्रमण हो गए हैं. नगरपालिका ने बुधवार को अतिक्रमणों को चिंहित कर रिपोर्ट तैयार की और तहसीलदार को सौंपी है. प्रशासनिक अधिकारी सुरेश व्यास नूनसा ने बताया कि अतिक्रमण शाखा प्रभारी प्रेम गुचिया ने टीम के साथ मौके पर पहुंच कर अतिक्रमणों को चिंहित किया है और रिपोर्ट तैयार की है.

उल्लेखनीय है कि यह अतिक्रमण नए नहीं हैं. पूर्व पालिकाध्यक्ष कमला थानवी के कार्यकाल में भी इसी स्थान पर सैकड़ों बीघा जमीन पर पत्थरों की पटि्टयां लगा कर अतिक्रमण किए गए थे, इन्हें नहीं तोड़ने के लिए भी उन पर काफी राजनैतिक प्रेशर था लेकिन उन्होंने पूरे कब्जों पर बुलडोजर चलवा दिया था. उसी जमीन पर अतिक्रमियों ने दोबारा अतिक्रमण किया है. स्वाभाविक है कि यह वही अतिक्रमी हैं जिन्होंने उस समय सरकारी जमीन पर कब्जा किया था. राजस्व विभाग ने करीब 15 साल पूर्व खसरा नंबर 188 की 1003 बीघा जमीन नगरपालिका को सौंपी थी, अतिक्रमियों की तभी से इस जमीन पर नजरें गडी हुई हैं.

बडे और छोटे कब्जे
नगरपालिका के अतिक्रमण शाखा प्रभारी प्रेम गुचिया ने बताया कि कुल 65 अतिक्रमण हुए हैं जिनमें 7 बडे बडे बाडे के रूप में अतिक्रमण हैं और 58 कोटडियां बना कर कब्जा किया गया है. उन्होंने बताया कि इसकी रिपोर्ट प्रशासनिक अधिकारी सुरेश व्यास को सौंप दी है. सैकड़ों बीघा में अतिक्रमण हुआ है. गुचिया ने बताया कि अतिक्रमणों की काउंटिंग तो हो गई है लेकिन यह ट्रेस नहीं हुआ कि कब्जे किए किसने हैं.

रिपोर्ट मांगी है, सारे अतिक्रमण हटा देंगे
तहसीलदार हुकमीचंद तंवर ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने भी शहर के चारों ओर हो रहे अतिक्रमणों को लेकर ज्ञापन सौंपा है, नगरपालिका को अतिक्रमणों को चिंहित करने के निर्देश दिए हैं, एसडीएम के जयपुर ट्रेनिंग से सोमवार मंगलवार तक आने की संभावना है, उनके आने पर पुलिस जाब्ता लेकर सारे अतिक्रमण साफ कर दिए जाएंगे. 

लाखों की पटि्टयां लगा कर अतिक्रमण
सैकड़ों बीघा जमीन पर जिसकी कीमत करोड़ों रुपयों की है अतिक्रमियों ने अतिक्रमण करने पर लाखों रुपए खर्च किए हैं. एक अनुमान के अनुसार 30 से 40 लाख रुपयों की पत्थर की पटि्टयां लगाई गई हैं. पटि्टयां खडी करने पर लेबर को भी रुपया दिया गया है. लाखों रुपए खर्च करने वाले कोई मामूली व्यक्ति नहीं हो सकते और विशेषकर तब जब कि पता है कि यह टूट भी सकते हैं और पूर्व में भी टूट चुके हैं.

ट्रेस नहीं होना सबसे बडी मुश्किल
मुख्य अतिक्रमी पर्दे के पीछे ही रहते हैं, इनको राजनैतिक संरक्षण भी रहता है और यही कारण है कि कभी अतिक्रमी ट्रेस नहीं हो पाते इसलिए इनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी नहीं हो पाती. करीब 4 माह पूर्व नगरपालिका ने मलार रोड पर भी सैकडों बीघा जमीन अतिक्रमण मुक्त करवाई थी उस समय भी किसी अतिक्रमी की पहचान नहीं हुई थी. नगरपालिका अतिक्रमण तोड कर इतिश्री कर लेती है.

एक भी अतिक्रमण नहीं बचेगा
नगरपालिका अध्यक्ष पन्नालाल व्यास ने कहा कि सारे अतिक्रमण चिंहित करवाए जा रहे हैं, नए पुराने सारे कब्जे साफ किए जाएंगे. नगरपालिका अपनी जमीन का संरक्षण और सुरक्षा करने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि अतिक्रमियों की पहचान कर उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए जाएंगे.