Rajasthan: प्रतापगढ़ पुलिस ने साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए अपनाया नया तरीका, चकरा गए बदमाशों का भी सिर

प्रतापगढ़: सोशल मीडिया पर रुपए मांगने वाले ठगों के मामले में अब तक केवल सतर्क रहने की सलाह देने वाली प्रतापगढ़ पुलिस ने साइबर फ्रॉड रोकने के लिए नया पैटर्न अपना लिया है. आमतौर पर पुलिस फ्रॉड होने के बाद मामला दर्ज कर अनुसंधान करती है. जब प्रतापगढ़ पुलिस के अधिकारियों को ही ठगों ने ठगने की कोशिश की तो साइबर टीम ने ऐसे लोगों के खातों को ठगी से पहले ही फ्रीज करवा दिया. प्रतापगढ़ की पुलिस अब तक पांच मामलों में ऐसी कार्रवाई कर चुकी है. प्रदेश में ये इस तरह का पहला मामला है, जिसमें अन्य जिलों की पुलिस भी इस पैटर्न में रुचि दिखा रही है. प्रतापगढ़ पुलिस के इस मॉडल को जल्द ही प्रदेश में भी लागू किया जा सकता है.

चौंकाने वाली बात सामने आई कि साइबर ठग पुलिस के अधिकारियों को भी जाल में फंसाने से नहीं चूक रहे हैं. साइबर ठग तस्कर और अपराधियों से जुड़ी मुखबिरी की सूचना देने की एवज में पुलिस अधिकारियों से फोन पर ऑनलाइन पैमेंट की डिमांड कर रहे हैं. प्रतापगढ़ जिले के तीन थाना सर्कल में इसी तरह मुखबिर बनकर ठगी की कोशिश की गई.

एसपी अमित कुमार ने बताया कि पहले मामले में साइबर सेल को गत 26 जुलाई को धरियावद थानाधिकारी ने शिकायत दी कि उनके पास अज्ञात नंबरों से कॉल और मैसेज आया. कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस मित्र बताते हुए कहा कि धरियावद में बहुत बड़ा जुआ-सट्टा चल रहा है. इसमें प्रतापगढ़ से भी जुआ खेलने आते हैं. सबूत जुटाने के लिए उसने नया मोबाइल खरीदने के लिए पुलिस को रुपए भिजवाने की बात कही. पैमेंट के लिए ठग ने मोबाइल नंबर और क्यूआर कोड भेजा. साइबर सेल ने एसपी अमितकुमार के निर्देश पर पड़ताल शुरू की तो नंबर फ्रॉड निकले. इस पर साइबर सेल ने मोबाइल नंबर से जुड़े खातों का पता लगाया तो खाते गुजरात के मिले. खाते फ्रीज करवाने के साथ ही इस नंबर से जुड़े अन्य खाते को भी फ्रीज कराया गया. ठगी रोकने के लिए अब खाते को 102 सीआरपीसी में जब्त किया जाएगा.

वहीं दुसरें मामले में  अरनोद थानांतर्गत कोटड़ी के नागेश्वरलाल कुमावत ने साइबर सेल को 18 जुलाई को रिपोर्ट दी कि अज्ञात व्यक्ति कॉल और मैसेज करके उससे बार-बार पैसे मांग रहा है. इस पर साइबर सेल ने मोबाइल नंबर से जुड़े खाते का पता लगाया तो खाता आंध्रप्रदेश का निकला. ये खाता फ्रीज करवाने के साथ ही इसी मोबाइल नंबर से जुड़े एक और खाते को भी होल्ड कराया गया. अब इन खातों को साइबर सेल सीआरपीसी की धारा 102 के तहत जब्त करेगी.

प्रतापगढ़ एसपी अमीत कुमार ने बताया कि ठगी के बाद कार्रवाई के बजाय ठगों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ दी जाए. साइबर ठगी से पहले खाते फ्रीज होने से उनको बड़ा आर्थिक नुकसान होगा. ऑनलाइन ठगी के लिए ठग 25 से 30 हजार रुपए खर्च कर फर्जी दस्तावेजों से नकली खाता खुलवाकर क्यूआर कोड और खाता नंबर के माध्यम से पैसा मंगवाकर ऑनलाइन फ्रॉड करते हैं. कुछ समय से सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर परिचितों से रुपए मांगने की वारदातों में प्रमुख व्यापारी, राजनेता, अधिकारी और पुलिस अधिकारी भी शिकार हुए. पुलिस केवल परिचितों को सतर्क करने की सलाह देने तक ही सीमित रह जाती है. ऐसे में हमने फ्रॉड करने वाले की अकाउंट डिटेल लेकर ऐसे अकाउंट तुरंत साइबर एक्सपर्ट की मदद से फ्रीज करने की कवायद शुरू की. अब तक करीब पांच मामलों में सफलता मिली.