जयपुर: प्रदेश के शहरी विकास से जुड़े नीति,नियम और कानूनों में बड़े बदलाव की कवायद शुरू कर दी गई है. इसके लिए राज्य सरकार ने कमेटियों का भी गठन कर दिया है. क्या है.
प्रमुख सचिव नगरीय विकास टी रविकांत की अध्यक्षता में पिछले दिनों नगर नियोजन भवन में बैठक हुई थी. इस बैठक में मुख्य नगर नियोजक संदीप दंडवते, जेडीए के निदेशक नगर आयोजना विनय कुमार दलेला अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक आर तुलना नगरीय विकास विभाग के वरिष्ठ नगर नियोजक नितिन नेहरा सहित कई अधिकारी मौजूद थे. इस बैठक में राजस्थान रीजनल एंड अर्बन प्लानिंग बिल लागू करने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई थी. आपको इस कानून की जरूरत और इसे लागू करने के लिए की गई कवायद की जानकारी देते हैं.
- पिछली भाजपा सरकार में राजस्थान रीजनल एंड अर्बन प्लानिंग बिल का प्रारूप तैयार किया गया था
-इस प्रारूप को अंतिम रूप भी दे दिया गया था
-लेकिन इसे विधानसभा में पेश नहीं किया जा सका
-अब इस प्रारूप को वर्तमान और भावी जरूरत के अनुसार अपडेट किया जाएगा
-इसके लिए नगर नियोजकों की एक कमेटी का गठन किया गया है
-जेडीए के निदेशक आयोजना विनय कुमार दलेगा इस कमेटी के संयोजक बनाए गए हैं
-मुख्य नगर नियोजक संदीप दंडवते,अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक रविराय वर्मा और वरिष्ठ नगर नियोजक नितिन नेहरा कमेटी के सदस्य हैं
-यह कमेटी देश के विभिन्न राज्यों में लागू इस कानून के प्रावधानों का अध्ययन करेगी
-और हितधारकों से सुझाव लेकर कानून के प्रारूप को अंतिम रूप देगी
-इस कानून के लागू होने का सबसे बड़ा फायदा रीजनल प्लानिंग को लेकर होगा
-वर्तमान में प्रदेश में रीजनल प्लानिंग को लेकर कोई भी कानून लागू नहीं है
-इस कानून के लागू होने के बाद किसी भी क्षेत्र की रीजनल प्लानिंग की जा सकेगी
-चाहे उस क्षेत्र में शहरी के साथ ग्रामीण इलाका भी शामिल हो
-इसी प्रकार एक जिले, दो या दो से अधिक जिलों में शामिल क्षेत्र की रीजनल प्लानिंग की जा सकेगी
-उस क्षेत्र के नियोजित विकास के लिए इस कानून के तहत रीजनल प्लान बनाया जा सकेगा
-इसके अलावा इस कानून के लागू होने के बाद टाउनशिप नीति,
-मुख्यमंत्री जन आवास योजना, बिल्डिंग बायलॉज, डेवलपमेंट एंड कंट्रोल रेगुलेशंस
-और अन्य नीति व उप नियम एक साथ पूरे प्रदेश में इस एक ही कानून के तहत लागू किया जा सकेंगे
प्रमुख सचिव नगरीय विकास टी रविकांत की अध्यक्षता में हुई उस बैठक में मुख्यमंत्री जन आवास योजना, बिल्डिंग बायलॉज, डेवलपमेंट एंड कंट्रोल रेगुलेशंस और टाउनशिप नीति का नए सिरे से प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए गए थे. आपको बताते हैं कि नीति,नियम और उप नियमों में बदलाव का प्रारूप को तैयार करने के लिए किन समितियों का गठन किया गया है और बदलाव के आखिर के आखिर कारण क्या हैं?
मौजूदा टाउनशिप पॉलिसी वर्ष 2010 में लागू की गई थी
इसके बाद इसमें कई बदलाव किए गए
इसी तरह बहु मंजिला इमारत के निर्माण को लेकर भी नए स्पष्ट प्रावधान लागू करने की आवश्यकता है
पुरानी कॉलोनी में ऊंची इमारत के कारण अन्य लोगों को समस्या नहीं हो
इसको लेकर भी बैठक में मंथन किया गया
इसी के चलते टाउनशिप नीति और बिल्डिंग बायलॉज नए सिरे से बनाए जाएंगे
गरीब शहरी को आसानी से सस्ता मकान उपलब्ध कराने के लिए प्रारूप बनाया जाएगा
मुख्यमंत्री जन आवास योजना का नया प्रारूप बनाया जाएगा
डेवलपमेंट कंट्रोल रेगुलेशंस अभी केवल जयपुर उदयपुर और जोधपुर के मास्टर प्लान में ही लागू हैं
अन्य शहरों में इन्हें लागू करने के लिए इनका प्रारूप तैयार किया जाएगा
इन सभी के नए सिरे से प्रारूपों को बनाने के लिए सरकार ने अलग-अलग कमेटियों का गठन किया है
टाउनशिप नीति का नया प्रारूप तैयार करने के लिए जेडीए के निदेशक आयोजना विनय कुमार दलेला के संयोजन में कमेटी का गठन किया गया है
कमेटी में अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक शशिकांत,उप नगर नियोजक पवन काबरा और अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक प्रीति गुप्ता को शामिल किया गया है
मॉडल भवन विनियमों का प्रारूप तैयार करने के लिए मुख्य नगर नियोजक संदीप दंडवते के संयोजन में कमेटी का गठन किया गया है
कमेटी में उप नगर नियोजक अर्पित संचेती,अजय गोयल और वरिष्ठ नगर नियोजक अंकुर दाधीच को शामिल किया गया
सीएम जन आवास योजना के नया प्रारूप तैयार करने के लिए अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक सुभाषचंद्र शर्मा के संयोजन में कमेटी बनाई गई है
कमेटी में अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक रिंकू बंसल,वरिष्ठ नगर नियोजक अनुज फागना व प्रसून चतुर्वेदी को शामिल किया गया है
डवलपमेंट कंट्रोल रेगुलेशन का प्रारूप बनाने के लिए अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक राजेश कुमार तुलारा के संयोजन में कमेटी बनाई गई है
कमेटी में वरिष्ठ नगर नियोजक अरविंद कानावत,पुनीत शर्मा, और अनुजा सिंह को शामिल किया गया है
ये सभी कमेटियां विभिन्न राज्यों में लागू नियम व विनियमों का अध्ययन और हितधारकों से सुझाव लेगी
इसके बाद नीति,नियम व विनियमों में संशोधन के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को सौंपेगी
इसके लिए स्टैक होल्डर्स से सुझाव लेने के लिए बैठक का कार्यक्रम भी तय किया गया
इसके मुताबिक 5 मार्च को राजस्थान रीजनल एंड अर्बन प्लानिंग को लेकर
12 मार्च को टाउनशिप पॉलिसी, 15 मार्च को डेवलपमेंट एंड कंट्रोल रेगुलेशन
और 21 मार्च को मुख्यमंत्री जन आवास योजना को लेकर बैठक आयोजित की जाएगी
इन बैठकों में आमंत्रित करने के लिए नगरीय विकास विभाग ने संबंधित हित धारकों को पत्र भी भेज दिया है
प्रदेश् के शहरी विकास के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन के लिहाज से मौजूदा कानून,नीति,नियम और विनियमों में बदलाव की कवायद शुरू की गई है. प्रदेश की भजनलाल सरकार का उद्देश्य शहरों के साथ गांवों का भी समुचित और नियोजित विकास करना है.