Rajasthan Budget Session: प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर, 10 साल में 3.25 लाख युवाओं ने उठाया बेरोजगारी भत्ता

जयपुर: प्रदेश में बेरोजगारी का आलम चरम पर है. पिछले 10 साल में प्रदेश के करीब सवा तीन लाख युवाओं ने बेरोजगारी भत्ता उठाया है. बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने में पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार और मौजूदा कांग्रेस सरकार भी स्थिति एक जैसी ही नजर आ रही है. पूर्ववर्ती सरकार में दिसम्बर 2013 से 31 दिसम्बर 2018 तक 156791 पात्र आशार्थियों को 121.60 करोड का बेरोजगारी भत्ता दिया गया, जबकि मौजूदा कांग्रेस सरकार ने  योजनान्तर्गत एक जनवरी 2022 से 15 जनवरी 2023 तक  1,67,937 पात्र आशार्थियों ने विभिन्न राजकीय विभागों इर्न्टनशिप की है, जिन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया गया. 

यह जानकारी कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग की ओर से नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के एक सवाल के जवाब में दी गई है. विभाग ने बताया है कि वर्तमान सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र 2018 में बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी, जिसमें शिक्षित बेरोजगार युवा वर्ग को 3500 रूपए प्रतिमाह तक का बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा.वर्तमान सरकार के बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा से पूर्व भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा राजस्थान बेराजगारी भत्ता योजना 2012 के अन्तर्गत राज्य के स्नातक बेरोजगारों को प्रतिमाह पुरूष आशार्थियों को 650 रूपए एवं महिला, विशेष योग्यजन आशार्थियों को 750 रूपए के अनुसार एक समय में 1 लाख की अधिकतम सीमा में बेरोजगारी भत्ता अधिकतम दो वर्ष के लिए  दिया जा रहा था. 

वर्तमान सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजनान्तर्गत भत्ता राशि को बढाया जाकर पुरूष आशार्थियों को 3000 रूपए एवं महिला, विशेष योग्यजन, ट्रांसजेण्डर आशार्थियों को 3500 रूपए प्रतिमाह करते हुए एक समय में अधिकतम सीमा एक लाख की बजाय 1 लाख 60 हजार आशार्थियों को लाभांवित किए जाने की सीमा निर्धारित की गई. 

01 जनवरी 2022 से 15 जनवरी 2023 तक कुल 1,67,937 पात्र आशार्थियों ने विभिन्न राजकीय विभागों इर्न्टनशिप की:
वर्ष 2021-22 के बजट में  उक्त योजना को रोजगार योग्य बनाते हुए भत्ता राशि को बढ़ाया जाकर पुरूष आशार्थियों को 4000 रुपए एवं महिला, विशेष योग्यजन, ट्रांसजेण्डर आशार्थियों को 4500 रुपये प्रतिमाह करते एक समय में अधिकतम 2 लाख आशार्थियों को लाभांवित किए जाने की सीमा निर्धारित की गई. राज्य सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने के लिए ऐसे बेरोजगार युवक जो पूर्व में प्रशिक्षण प्राप्त है उन्हें प्रतिदिन 4 घण्टे विभिन्न राजकीय कार्यालयों में इर्न्टनशिप किया जाना अनिवार्य किया गया है तथा जो प्रशिक्षण प्राप्त नहीं है, उन्हें 3 माह का कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाकर तत्पश्चात 4 घण्टे इंटर्नशिप अनिवार्य की गई है. योजनान्तर्गत 01 जनवरी 2022 से 15 जनवरी 2023 तक कुल 1,67,937 पात्र आशार्थियों ने विभिन्न राजकीय विभागों इर्न्टनशिप की है, जिन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया गया.