Rajasthan Election 2023: विधानसभा चुनाव में नजर आएंगी महिला शक्ति, भाजपा ने अब तक 14 महिलाओं को तो कांग्रेस ने 12 को दिया टिकट

जयपुर: देश में महिला आरक्षण कानून (women reservation law) बनने के बाद अब नजरें इस बात पर टिक गई है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Election ) में भाजपा (BJP) व कांग्रेस (Congress) 33 फीसदी महिला आरक्षण के फॉर्मूले को लागू करेंगे क्या. अब तक दोनों दलों ने दो-दो सूचियां जारी कर दी है और लगभग समान संख्या में महिला उम्मीदवारों को टिकट दी है. वहीं मुस्लिम चेहरे सिर्फ कांग्रेस ने उतारे है. 

प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, तो ऐसे में आधी आबादी की सत्ता में हिस्सेदारी पर पर चर्चा होना लाजमी है. महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का देश में कानून बन गया है, जो कुछ समय बाद लागू होगा, लेकिन विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अब नजर इस पर टिकी है कि क्या कानून लागू होने से पहले ही दोनों प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस टिकट वितरण में यह फॉर्मूला लागू करते है या नहीं. दोनों दलों ने अब तक दो दो लिस्ट जारी कर दी है. सत्ताधारी कांग्रेस की पहली सूची में 33 में 9 महिलाएं शामिल थीं. दूसरी सूची 43 उम्मीदवार की है, जिसमे  3 महिलाएं ही शामिल हैं. दोनों सूचियों के हिसाब से 76 में से 12 महिलाएं चुनावी मैदान में हैं. 

यदि प्रतिशत निकाला जाए, तो ये 16 प्रतिशत ही निकलता है. सादुलपुर से कृष्णा पूनिया, मंडावा से रीटा चौधरी, मालवीय नगर से डॉ. अर्चना शर्मा, सिकराय से ममता भूपेश, जायल से मंजू देवी, ओसियां से दिव्या मदेरणा, जोधपुर से मनीषा पंवार, वल्लभनगर से प्रीति गजेंद्र सिंह शक्तावत और कुशलगढ़ से रमिला खड़िया को प्रत्याशी घोषित किया था. दूसरी सूची में सुशीला डूडी, शकुंतला रावत और नसीम अख्तर इंसाफ शामिल है. शकुंतला रावत वर्तमान में कांग्रेस विधायक हैं और गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं. रावत को बानसूर से प्रत्याशी बनाया है. सुशीला डूडी रामेश्वर डूडी की पत्नी हैं. रामेश्वर डूडी पिछले चुनावों में नोखा से चुनाव हार गए थे और इन दिनों वे बीमार हैं. अब नोखा से उनकी पत्नी सुशीला को प्रत्याशी घोषित किया है. नसीम अख्तर इंसाफ पिछले चुनावों में हार गई थी. पार्टी ने उन्हें एक और मौका देते हुए पुष्कर से प्रत्याशी घोषित किया है.

दूसरी सूची में भाजपा ने 10 महिलाओं को भी टिकट दिया:
भाजपा की महिला उम्मीदवारों की बात करें, तो पहली सूची में विद्याधर नगर से दीया कुमारी, बागीदौरा से कृष्णा कटारा, सुजानगढ़ से संतोष मेघवाल व हिंडौनसिटी से राजकुमारी जाटव  को उम्मीदवार बनाया गया था. दूसरी सूची में भाजपा ने 10 महिलाओं को भी टिकट दिया है. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, अनिता भदेल, संतोष अहलावत, संतोष बावरी, सिद्धि कुमारी, मंजू बाघमार, ज्योति मिर्धा, सुमिता भींचर, शोभा चौहान और दीप्ति माहेश्वरी शामिल हैं. भाजपा ने दो जगह पुरुष उम्मीदवारों के टिकट काटकर महिला उम्मीदवार उतारे है. इनमें संतोष अहलावत व ज्योति मिर्धा के नाम शामिल है.

कांग्रेस व भाजपा अपनी आगामी सूचियों में और महिलाओं के नाम शामिल कर सकती: 
वहीं कांग्रेस ने अपनी दो सूचियों में अब तक सिर्फ एक सीटिंग विधायक का टिकट काटा है, वह भी महिला का. रामगढ़ से शिक्षित विधायक सफिया का टिकट काट दिया गया है. हालांकि सफिया की जगह उनके पति जुबेर को टिकट दे दिया गया है. कांग्रेस व भाजपा अपनी आगामी सूचियों में और महिलाओं के नाम शामिल कर सकती है. लेकिन पिछली यानी  15वीं विधानसभा की बात करें, तो जहां कांग्रेस ने 27 महिलाओं को टिकट दिया वहीं बीजेपी ने 23 महिलाओं को अपना उम्मीदवार बनाया था. इनमें से कांग्रेस की 11 और बीजेपी की 10 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी.

कांग्रेस ने अब तक 6 मुस्लिम चेहरों को मैदान में उतारा:
अब बात मुस्लिम चेहरों की कर लेते है. कांग्रेस ने अब तक जारी दो सूचियों में कुल 76 प्रत्याशियों में से 6 मुस्लिम चेहरों को मैदान में उतारा है. इनमें सवाई माधोपुर से दानिश अबरार, फतेहपुर हाकम अली, किशनपोल से अमीन कागजी, आदर्श नगर से रफीक खान, पुष्कर से नसीम अख्तर इंसाफ, रामगढ़ से जुबेर खान का नाम शामिल है. पुष्कर से पहले धर्मेंद्र राठौड़ का नाम चल रहा था लेकिन नसीम अख्तर ने अपनी सक्रियता से टिकट हासिल कर लिया. कांग्रेस की इस सूची में अभी कई मुस्लिम चेहरे जुड़ेंगे. 

भाजपा ने अभी तक एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया:
दूसरी तरफ भाजपा ने अभी तक एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है. पिछली बार अंतिम समय में औपचारिकता के लिए यूनुस खान को टोंक से उतारा गया था, लेकिन अब यूनुस बली का बकरा नहीं बनना चाहते. वे डीडवाना से ही दावेदारी जता रहे है. चर्चा यही है कि भाजपा यदि किसी मुस्लिम को उतारेगी तो वह यूनुस खान ही होंगे, वरना इस बार मुस्लिम चेहरा उम्मीदवारों में शामिल नहीं होगा. कांग्रेस ने जयपुर में फिर परंपरा निभाते हुए आठ में से दो सीट पर अल्पसंख्यक का टिकट दी है.