Monsoon 2023: मानसून की सुस्ती से बीसलपुर बांध प्रभावित, जल संसाधन विभाग कर रहा सितंबर की बारिश का इंतजार; ये है आंकड़े

जयपुर: जयपुर और अजमेर की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध में पिछले 15 साल के दौरान अगस्त में मानसून का मिजाज कैसा रहा और किस साल कितना पानी आया और किस साल मानसून की बेरूखी भारी पड़ी. हम आपको बताते हैं...

15 साल में अगस्त के दौरान बांध में आया इतना पानी:- 
- वर्ष 2009-10 के दौरान 0.001 TMC
- वर्ष 2010-11 के दौरान 4.055 TMC
- वर्ष 2011-12 के दौरान 11.500 TMC
- वर्ष 2012-13 के दौरान 10.680 TMC
- वर्ष 2013-14 के दौरान 20.455 TMC
- वर्ष 2014-15 के दौरान 26.870 TMC
- वर्ष 2015-16 के दौरान 9.150 TMC
- वर्ष 2016-17 के दौरान 131.760 TMC
- वर्ष 2017-18 के दौरान 5.950 TMC
- वर्ष 2018-19 के दौरान 0.911 TMC
- वर्ष 2019-20 के दौरान 52.52 TMC
- वर्ष 2020-21 के दौरान 4.320 TMC
- वर्ष 2021-22 के दौरान 4.850 TMC
- वर्ष 2022-23 के दौरान 32.550 TMC
- वर्ष 2023-24 के दौरान 1.350 TMC

   

बीसलपुर में इस मानसून घटती पानी की आवक पेयजल उपभोक्ताओं और किसानों की उम्मीदों की आस तोड़ रही है. अगस्त में मानसून की बेरूखी इस कदर भारी पड़ने वाली है कि आगामी गर्मी में इस बार पेयजल आपूर्ति की कटौती करनी पड़ सकती है. उधर, बीते 15 साल के दौरान अगस्त के दौरान बांध में कई बार मानसून सुस्त रह चुका है. पिछले साल जहां 15 अक्टूबर तक बांध पर चादर चली और पानी बनास नदी में 13.240 टीएमसी पानी छोड़ा गया, वहीं इस साल बांध भरने की आस भी मंद पड़ती जा रही है. 

एक नजर बीसलपुर बांध पर:- 
- बीसलपुर बांध का निर्माण वर्ष 1996 
- बांध पर पहली बार चली चादर वर्ष 2004 
- बांध पर वर्ष 2004, 2006, 2014, 2016, 2019 और 2022 पर चली चादर
- सिंचाई के लिए वर्ष 2004, 5, 6, 7, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 19 और 2022 में दिया गया पानी
- 256 गांवों के ढाई लाख किसान परिवारों को दिया जाता रहा है सिंचाई के लिए पानी 
- बांध की कुल भराव क्षमता 315.50 RL मीटर 
- बांध का वर्तमान जलस्तर 313.94 RL मीटर
- बांध से करीब एक करोड़ लोगों की बझाई जा रही है प्यास
- जयपुर और अजमेर की लाइफ लाइन है बीसलपुर बांध 

बीसलपुर बांध पर पिछले 15 साल के दौरान पांच बार चादर चली और कई साल तो बारिश ने मूंह मोड़े रखा. अगस्त की बात की जाए तो वर्ष 2009 के दौरान नाम मात्र का पानी आया था. या यूं कहा जाए कि अगस्त सूखा ही रह गया था. उस दौरान अगस्त में 0.001 टीएमसी (थाउजेंट मिलियन क्यूबिक फीट) पानी की आवक ही हुई थी. उसके बाद वर्ष 2018-19 में 0.911 टीएमसी पानी ही आया. देखने वाली बात यह है कि इस बार मानसून निकलने तक बांध के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज होगी या नहीं.

...फर्स्ट इंडिया न्यूज के लिए जयपुर से विनोद सिंह चौहान की रिपोर्ट