जयपुर: गहलोत सरकार का शिकायतों की थ्री लेयर सुनवाई और निपटारे का सिस्टम रंग ला रहा है. इस सिस्टम के जरिये गांव, उपखंड और जिला स्तर पर शिकायतों के निपटारे की व्यवस्था तो मजबूत हुई ही है. 82 से 93 फीसदी तक शिकायतों का निपटारा भी हुआ है.
आम लोगों से सीधे जुड़ाव के लिए गहलोत सरकार की ओर से आजमाया जा रहा सुनवाई का त्रिस्तरीय फॉर्मूला खासा असरदार साबित हो रहा है. इसके जरिए ग्राम पंचायत, उपखंड और जिला स्तर पर ही जनसुनवाई की व्यवस्था बनाई गई.
क्या फायदा होता है इससे:
- आम आदमी को छोटी-छोटी समस्याओं के लिए उपखंड, जिला और राज्य मुख्यालय के नहीं काटने पड़ते चक्कर.
- गांव और उपखंड स्तर पर ही हो रहा ज्यादातर समस्याओं का समाधान.
- आम आदमी की न सिर्फ समय की बचत हो रही है बल्कि उसे आने-जाने में पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ रहा.
- जिला और राज्य स्तर पर चुनिंदा कामों की ही लगती है भीड़.
- इसके जरिए हो रहा भीड़ मैनेजमेंट भी.
- साथ ही गांव या उपखंड स्तर की बड़ी समस्या है तो उसका राज्य स्तर पर चलता है पता भी और अगर उसके लिए नीति बनानी हुई तो मसले पर उच्च स्तर पर होता मंथन.
अभी क्या हो रहा है ?
- मई 2022 से प्रारंभ हुई त्रिस्तरीय व्यवस्था.
- बेहतर सर्विस डिलीवरी और गुड गवर्नेंस के मद्देनजर हर माह के पहले,दूसरे, तीसरे गुरुवार को हो रही जनसुनवाई.
- ग्राम पंचायत, उपखंड और जिला स्तरीय मुख्यालयों पर हो रही जनसुनवाई.
- इन शिविरों में संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहकर करते समस्याओं का समाधान.
- उच्च अधिकारी कर रहे इसकी नियमित निगरानी और मॉनिटरिंग.
- शिकायतों के निपटारे या समस्या समाधान की दर 90% तक
- ग्राम पंचायत स्तर पर कुल 99 हजार 078 शिकायतें दर्ज
- जिसमें से 81 हजार 245( 82 प्रतिशत) शिकायतों का हुआ निपटारा.
- उपखंड स्तर पर दर्ज 19 हजार 879 प्रकरण
- इसमें से 18 हजार 644 (93.79 प्रतिशत) प्रकरणों का हुआ निपटारा
- जिला स्तर पर 9 हजार 763 प्रकरण दर्ज
- इसमें से 8 हजार 417( 86.21 प्रतिशत) प्रकरणों का हुआ निपटारा.
- शिकायत निपटारे में संतुष्टि स्तर भी 91 प्रतिशत
राजस्थान के जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने कहा संतुष्टि का स्तर बताता है कि समस्याओं का समाधान पूर्ण गुणवत्ता के साथ किया जा रहा है.
(14.10.22 को कैमरापर्सन गिरीश ने सेव किया है यह वन टू वन जिसमें दूसरे या तीसरे सवाल के जवाब में यह बाइट)
उधर संपर्क पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के आंकड़े भी खासे सकारात्मक हैं-
- सम्पर्क पोर्टल पर 72 लाख 73 हजार से अधिक शिकायतें पंजीकृत
- इनमें से 71 लाख 34 हजार से अधिक शिकायतों का हुआ निपटारा.
- करीब 98 प्रतिशत से भी ज्यादा शिकायतों का हुआ निपटारा.
- सम्पर्क पोर्टल पर 1.91 लाख प्रतिशत शिकायतें लंबित
- जिनमें से करीब एक लाख 11 हजार शिकायतें ऐसी हैं, जिन्हें दर्ज हुए हुआ है 30 दिन का भी काम समय
- 31 से 45 दिन की अवधि की लंबित शिकायतों की संख्या करीब 12 हजार
- 46 से 60 दिन की अवधि की लंबित शिकायतें करीब 5 हजार
- 61 से अधिक दिन की लंबित शिकायतों की संख्या करीब 10 हजार.
गहलोत सरकार अपने इन आंकड़ों के जरिए चुनावी साल में बेहतरीन सर्विस डिलीवरी का दावा कर रही है.