VIDEO: लू के थपेड़ों से घर-घर बीमार ! राजधानी जयपुर समेत प्रदेशभर में बीमारियों की भरमार, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : प्रदेश में कोरोना के तेवर जहां नरम हुए है, वहीं दूसरी मौसमी बीमारियों ने आमजन से लेकर चिकित्सकों को चिंता में डाल दिया है. भीषण गर्मी के बीच राजधानी जयपुर समेत सभी जिलों में एकाएक उल्टी,दस्त, बुखार समेत अन्य मौसमी बीमारियों ने घर-घर दस्तक दे दी है. मौसम के आए बदलाव का खासा प्रभाव मासूम और बुजुर्गों पर देखा जा रहा है.आखिर क्या है राजस्थान में बीमारियों के मौजूदा हालात और कैसे करें खुद का बचाव. 

राजस्थान में गर्मी के तेवर चरम पर है. इन तेवरों के साथ ही मौसमी बीमारियां भी एक्टिव मोड पर आ गई है. अब इसे हीव वेव का साइड इफेक्ट कहे या फिर अव्यवस्थित खानापान, जिसके चलते जयपुर समेत प्रदेशभर में एकाएक उल्टी, दस्त, खासी, जुखाम के साथ ही लंबे समय तक बुखार की दिक्कतों वाले मरीज बढ़ गए है. अकेले एसएमएस अस्पताल की बात की जाए तो मेडिसिन की ओपीडी से लेकर आईपीडी में हालात हाउसफुल जैसे हो गए है. चिंता की बात ये कि मौसमी बीमारियों में कई मरीज ऐसे भी आ रहे है, जिन्हें सामान्य से काफी तीव्र श्रेणी का लम्बे समय तक बुखार है. चिकित्सकों की माने तो ये सभी गर्मी के साइड इफेक्ट ही है. चिकित्सकों के मुताबिक जिस तरह से मरीज बढ़े है, उससे साफ जाहिर हो रहा है कि लोग लापरवाही बरत रहे है.

प्रदेश में कोरोना गोन, मौसमी बीमारियां ऑन !

भीषण गर्मी के तेवरों के बीच "डाउनफॉल" पर कोरोना

रोजाना सामने आ रहे कोरोना के मात्र इक्का-दुक्का केस

राजस्थान में इस वक्त कोरोना के महज 127 एक्टिव केस मौजूद

अजमेर-अलवर समेत 14 जिले ऐसे, जहां नहीं कोरोना का एक भी मरीज

इसके अलावा 14 अन्य जिलों में भी कोरोना के आंकड़े दो अंक के नीचे

इनमें से भी अधिकाश जिलों में कोविड के मात्र 1 या 2 केस मौजूद

ऐसे में उम्मीद यह कि अगले एक-दो दिन में यह केस भी हो जाएंगे नेगेटिव

इसके साथ ही जिस तरह से एक्टिव मरीजों की संख्या हो रही कम

उसको देखते हुए अगले 15 दिन में राजस्थान हो सकता कोविड "फ्री"

लेकिन दूसरी तरफ मौसमी बीमारियों का प्रकोप पहुंचा चरम पर

कमोबेश हर जिले में उल्टी,दस्त, बुखार के मरीजों की बढ़ रही तादात

अकेले SMS में मौसमी बीमारियों के रोजाना 150 से 200 मरीज चिन्हित

वैसे तो राजधानी जयपुर में कमोबेश सभी अस्पतालों में मरीजों की तादात बढ़ी है, लेकिन चिंताजनक हालात बच्चों के सबसे बड़े जेके लोन अस्पताल में देखा जा रहा है. यहां सामान्य उल्टी,दस्त, निमोनिया के अलावा एक्यूट रेस्पेरेट्री इंफेक्शन के मरीजों की संख्या भी एकाएक बढ़ी है. अकेले मई माह का रिकॉर्ड देखे तो अस्पताल में 8 हजार से अधिक मासूम बच्चे ऐसे चिन्हित किए गए, जिन्हें हाईग्रेड फीवर था. इसमें से साढ़े तीन सौ के आसपास बच्चों को तो अस्पताल में भर्ती करना पड़ा.

डायरिया की चपेट में मासूम !

भीषण गर्मी के प्रकोप का अस्पतालों में साइड इफेक्ट

प्रदेश में बच्चों के सबसे बड़े JK लोन अस्पताल की मई माह की रिपोर्ट

डायरिया-उल्टी दस्त की दिक्कत लेकर पहुचे 1800 से अधिक बच्चे

इसमें से गंभीर श्रेणी के 200 से अधिक बच्चों को कराया गया भर्ती

इसके अलावा पायरेक्सिया के 8 हजार मरीज चिन्हित, 350 हुए भर्ती

निमोनिया के एक हजार से अधिक मरीज रजिस्टर्ड, दौ सौ को किया भर्ती

इसके अलावा एक्यूट रेस्पेरेट्री इंफेक्शन के साढ़े सात हजार बच्चे चिन्हित

एकाएक अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने से व्यवस्थाओं पर भी असर

कई वार्ड में एक एक बैड पर दो-दो मरीजों का किया जा रहा ट्रीटमेंट

यूं करें खुद का बचाव

हीट वेव से बचने का हर संभव किया जाए प्रयास

दोपहर के वक्त जरूरी हो तो ही निकले घर से बाहर

खासतौर छोटे बच्चों को नहीं निकाला जाए बाहर, शाम के वक्त भी कपड़ा लपेटकर निकले बाहर

पेय पदार्थों का अधिक से अधिक किया जाए सेवन

डायरिया से बचने के लिए खानपान पर रखा जाए विशेष ध्यान

मौसमी बीमारियों के प्रकोप के बीच अच्छी बात ये है कि जानलेवा डेंगू, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू अभी कंट्रोल स्थिति में है. लेकिन जिस तरह से उल्टी, दस्त और बुखार के मरीज बढ़ रहे है, वो सभी के लिए चिंता का विषय है. हालांकि,चिकित्सा विभाग भी मौसमी बीमारियों की रोकथाम के प्रति गंभीर है. सभी सीएमएचओ को निर्देश दिए गए है कि वे जिलों में जनजागरूकता अभियान चलाएं, ताकि लापरवाही से बीमारी की चपेट में आ रहे लोगों को बचाया जा सके.