तो इस वजह से नहीं ले पाये अंशुमान सिंह भाटी राजस्थानी भाषा में शपथ, जानिए क्या है पूरा मामला?

जयपुर: 16वीं राजस्थान विधानसभा के पहले सत्र की शुरूआत हो गई. आज नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलवाई जा रही है. नव निर्वाचित विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने राजस्थानी भाषा में शपथ ली, इस पर प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने आपत्ति जताई. इस मामले पर कुछ मिनट तक सदन में हंगामा हुआ. हालांकि, बाद में अंशुमान सिंह भाटी को हिंदी में ही शपथ लेनी पड़ी. आपको बता दें कि दो दिवसीय विधानसभा सत्र की आज सुबह 11 से शुरूआत हुई.  प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उसके बाद डिप्टी सीएम दीया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा को शपथ दिलवाई. इससे बाद एक-एक करके दूसरे विधायकों को शपथ दिलाने का सिलसिला शुरू हुआ, लेकिन, कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने शपथ लेना शुरू किया तो प्रोटेम स्पीकर ने उन्हें रोक दिया.

जानिए क्या है पूरा मामला:
राजस्थान विधानसभा में आज नव निर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण हो रहा है, ऐसे में कोलायत विधानसभा क्षेत्र के विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने विधानसभा में आज राजस्थान भाषा में शपथ ली, इतने में प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने उन्हें राजस्थानी में शपथ लेने से रोका. प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में मान्यता नहीं होने की वजह से अंशुमान सिंह भाटी से हिंदी भाषा में शपथ लेने का आग्रह किया. इस पर विधायक भाटी बोले-आप राजस्थानी को मान्यता दिला दो. स्पीकर बोले, अभी मान्यता नहीं है. इस पर काफी देर तक विवाद चलता रहा, जिस पर अंशुमान सिंह भाटी ने फिर से हिंदी भाषा में शपथ ली.

जानिए इस पर क्या बोले प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ?
प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने अंशुमान सिंह भाटी से कहा कि जो भाषा आठवीं अनुसूची में है, उसी भाषा में ही आप शपथ ले सकते हैं. राजस्थानी भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है. इसलिए राजस्थानी भाषा में शपथ नहीं ले सकते. जब तक राजस्थानी भाषा की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया जाता है कि तब तक शपथ नहीं ले सकते है. हालांकि, हिंदी और अंग्रेजी में शपथ ले सकते हैं.

इस वजह से नहीं ले पाएं भाटी राजस्थानी भाषा में शपथ?
आपको बता दें कि भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची भारत की भाषाओं से संबंधित है.  8वीं अनुसूची के (अनुच्छेद 344 ( 1 ) और अनुच्छेद 351 में राजस्थानी भाषा में शपथ लेने का प्रावधान नही है,  लेकिन, अनुसूची में हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत के साथ-साथ असमिया, बंगला, बोडो, डोगरी, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली और ओडिआ भाषा में शपथ लेने का प्रावधान है. इस कारण से आज 16 वीं राजस्थान विधानसभा के पहले की सत्र की कार्यवाही में अशुंमान सिंह भाटी  राजस्थानी भाषा में शपथ नहीं ले सकें. 

भीमराज भाटी ने की राजस्थानी भाषा में शपथ की मांग:
राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही में भीमराज भाटी ने राजस्थानी भाषा में शपथ की मांग की. भाटी ने 1999 में लोकसभा का उदाहरण दिया. हालांकि आसन ने राजस्थानी भाषा में  शपथ की अनुमति नहीं दी. उसके बाद पाली विधायक भीमराज भाटी ने हिंदी में शपथ ली.