VIDEO: उदयपुर और जोधपुर जोन में खनन माफिया में मची भगदड़, खान विभाग ने दोनों जोन में तीन दिन में बनाए 318 मामले, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: प्रदेश में अवैध खनन कर चांदी काट रहे माफिया में पिछले तीन दिनों से भगदड़ मची हुई है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर शुरू किए गए अवैध खनन के खिलाफ अभियान में संयुक्त टीमों की कार्रवाई इतनी प्रभावशाली रही है कि 3 दिन में 500 से अधिक अवैध खनन निर्गमन परिवहन और स्टॉक के मामले बनाए हैं. अकेले उदयपुर और जोधपुर जोन में तीन दिन में 318 मामले दर्ज करने से खनन माफिया में हड़कंप मचा हुआ है. 

राज्य में अवैध खनन गतिविधियों को लेकर 705 संवदेनशील क्षेत्र चिन्हित हैं. इनमें सर्वाधिक 55-55 संवेदनशील क्षेत्र भीलवाड़ा और डूंगरपुर में हैं. बजरी की दृष्टि से टोंक व सवाई माधोपुर जिला सर्वाधिक संवेदनशील जिले हैं. खान सचिव आनन्दी ने चिन्हित सभी संवेदनशील स्थानों पर अधिक फोकस करने के निर्देष देते हुए कहा है कि अवैध खनिज गतिविधियों को नेस्तनाबूद करने के लिए मूल स्रोत पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी. इसके साथ ही बड़ी मशीनरी व उपकरणों की जब्ती कार्यवाही करने से खान माफियाओं की गतिविधियां की जड़ पर प्रहार होगा. उन्होंने प्रदेश भर में चल रहे अभियान के दौरान 3 दिन की कार्रवाई पर अभियान से जुड़े सभी अधिकारियों की हौसला अफजाई की और इसमें और अधिक तेजी लाने की आवश्यकता बताई. 

अवैध खनन अभियान के तीसरे दिन उदयपुर और जोधपुर जोन में संबंधित कलेक्टर्स के निर्देश पर अतिरिक्त और अतिरिक्त निदेशक महेश माथुर के नेतृत्व में ताबड़तोड़ कार्रवाई ने खनन माफिया कमर तोड़ कर रख दी. आज अभियान के तीसरे दिन भी उदयपुर और जोधपुर में 121 मामले बनाए और 13 एफआईआर दर्ज कर 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया. कार्रवाई में 10 बड़ी मशीन सहित 132 मशीन और वहां भी आज उदयपुर और जोधपुर जोन में जप्त किए गए. जयपुर जोन में भी जिला कलेक्टर के निर्देश पर और अतिरिक्त निदेशक बीएस सोढा के नेतृत्व में अवैध खनन पर कार्रवाई का दौर जारी रहा. 

प्रदेश में सर्वाधिक अवैध खनन गतिविधियां बजरी और मेसेनरी स्टोन से जुड़ी हुई है. टोंक के सभी छह और सवाई माधोपुर के सभी 10 संवेदनशील इलाके बजरी से जुड़े हैं. इसके अलावा सीकर, झुन्झुनू, दौसा, भीलवाड़ा, जोधपुर, पाली, जालौर और बीकानेर जिलों में भी कुछ क्षेत्र अवैध बजरी खनन गतिविधियों को लेकर संवेदनशील है. इसी तरह से जयपुर, अलवर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, बारां, चित्तोड़गढ़ और चुरु मेसेनरी स्टोन की अवैध खनिज गतिविधियों को लेकर संवेदनशील है. इसके अलावा अजमेर, सीकर, झुन्झुनू, दौसा, भरतपुर, झालावाड़, उदयपुर, डूंगरपुर, राजसमंद, पाली, जोधपुर, सिरोही, बाड़मेर, जालौर, जैसलमेर के कुछ क्षेत्र मेसेनरी स्टोन के अवैध खनन गतिविधियों को लेकर संवेदनशील है. 

श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिप्सम को लेकर अतिसंवेदनशील होने के साथ ही बीकानेर और जैसलमेर के कुछ क्षेत्रों में जिप्सम की अवैध खनन गतिविधियां संचालित हो रही है. प्रदेष में मेसेनरी स्टोन, बजरी और जिप्सम के साथ ही कुछ स्थानों पर क्वार्टज फेल्सपार, चाईना क्ले, सेंड स्टोन, कोटा स्टोन, गारनेट, बेन्टोनाईट के भी अवैध खनन गतिविधियां संचालित हो रही है जिन पर भी सख्त निगरानी रखते हुए कार्यवाही की जानी है.अभियान के दौरान दो दिन में 500 से अधिक कार्यवाही करते हुए करीब 40 हजार टन अवैध भण्डारित खनिज की जब्ती की गई है. प्रदेश में अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण में लिप्त वाहन व मषीनरी की जब्ती लगाने के साथ ही राज्य सरकार और एनजीटी द्वारा निर्धारित जुर्माना राशि वसूली जा रही है.