VIDEO: हर गांव गौशाला के लिए 1 करोड़ ! राज्य सरकार का गायों को बचाने पर जोर, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा जनवरी माह में घोषित ग्राम गौशाला योजना अब तेज गति से आगे बढ़ रही है. प्रदेश की 1500 ग्राम पंचायतों में गौशालाएं खोली जाएंगी. इनमें से 6 जिलों में गौशाला शुरू करने की कवायद प्रारंभ हो गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर किसानों की यह शिकायत रहती है कि उनकी फसल को आवारा जानवर चौपट कर देते हैं. इनमें सबसे ज्यादा नुकसान आवारा सांड़, नंदी या गौवंश की वजह से होता है. अब राज्य सरकार ने प्रदेशभर में नंदियों के लिए नंदीशाला और गायों के लिए गौशाला खोलने की योजनाएं बनाई हैं. 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनवरी माह में ग्राम पंचायतों में गौशाला या गौवंश आश्रय स्थल खोले जाने की घोषणा की थी. पहले फेज में प्रदेश की 1500 ग्राम पंचायतों में गौशालाएं खोली जानी हैं. गोपालन विभाग ने इसके लिए कवायद तेज कर दी है. शुरुआत में 6 जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों में गौशाला के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. अजमेर, बाड़मेर, दौसा, जोधपुर, हनुमानगढ़ और उदयपुर में ग्राम गौशालाओं के लिए टेंडर हो चुके हैं. यहां ग्राम पंचायत समिति, ग्राम सेवा सहकारी समिति या एनजीओ का चयन किया जा रहा है. इसके बाद प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम 200 गायों के लिए एक गौशाला होगी. परियोजना के लिए फंड जुटाने का कार्य गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि 2016 के जरिए किया जाएगा. 

गौवंश के लिए आश्रय स्थल:
- गोपालन विभाग इस वित्त वर्ष में पहले फेज में 1500 गौशालाएं खोलेगा
- सम्बंधित ग्राम पंचायत या चयनित एनजीओ को गौशाला में 200 गौवंश रखने होंगे
- इसके लिए 5 बीघा यानी 8 हजार वर्गमीटर भूमि होना जरूरी
- गौशाला में गौवंश की देखभाल अगले 20 वर्ष तक के लिए करनी होगी
- गौशाला में पक्के निर्माण का कार्य ग्राम पंचायत संस्था द्वारा कराया जाएगा
- नई गौशालाओं का पंजीयन राजस्थान गौशाला पंजीकरण अधिनियम 1960 के तहत जरूरी होगा
- संस्था का चयन जिला गोपालन समिति द्वारा खुली निविदा के जरिए किया जाएगा
- जिन ग्राम पंचायतों  में गौशाला नहीं होंगी, वहां प्राथमिकता से खोली जाएंगी
- सरकार 90 लाख रुपए अनुदान देगी, 10 लाख आवेदक संस्था को लगाने होंगे

ग्राम पंचायतों में गौशाला खोलने के लिए एक से अधिक आवेदन आने की स्थिति में मूल्यांकन और मानक अंकों के आधार पर संस्था का चयन किया जाएगा. पहले सम्बंधित संस्था को गौशाला तक पहुंच के लिए ग्रेवल रोड और इंटरलॉकिंग टाइल्स लगानी होंगी. गौशाला में बाउंड्री वाॅल और तारबंदी करवानी होगी. यहां प्रशासनिक भवन, गोपालक आवास, पशु चिकित्सा सुविधा के लिए भी स्थान रखने होंगे. चारा भंडार ग्रह, काउ शैड, अंडरग्राउंड वाटर टैंक, पानी की खेली, ट्यूब वैल और चारा ठाण की सुविधाएं भी जुटानी होंगी. गौशाला में पानी का निकास और विद्युत कार्य भी कराने होंगे. 

ऐसे बनेगी हर गांव गौशाला:
- संस्था के पास खुद की 5 बीघा जमीन होना जरूरी
- शुरुआत में 10 लाख से संस्था निर्माण शुरू करेगी, बाद में सरकार 90 लाख देगी
- निर्माण कार्यों का एस्टिमेट, मानचित्र जिला समिति द्वारा अप्रूव कराना होगा
- गौशाला में निर्माण कार्य PWD की बीएसआर के अनुरूप कराने होंगे
- निर्माण कार्य का एस्टिमेट मिलने पर 30 दिन में प्रशासनिक स्वीकृति जारी होगी
- गौशाला में निराश्रित गौवंश को ही रखना होगा
- अन्य गौशाला से किसी भी हाल में गायों को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा